प्रियंका चोपड़ा समेत कई एक ...
मशहूर फिल्म एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि उन्होंने अपनी मां के कहने पर 30 साल की उम्र में ही अपने एग्स फ्रीज करवा लिया था। प्रियंका की माने तो भविष्य में उन्हें मां बनने में किसी प्रकार की कठिनाई ना हो इसलिए एहतियात के तौर पर उन्होंने पहले ही ये कदम उठा लिया था। आपको बता दें कि एग्स फ्रीज कराने वाली एकमात्र एक्ट्रेस प्रियंका ही नहीं हैं, उनके अलावा राखी सावंत, तनीषा मुखर्जी, मोना सिंह, डायना हेडेन जैसी सेलेब्रेटी ने भी एग्स फ्रीजिंग (Egg Freezing) करवा रखा है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर एग्स फ्रीजिंग की प्रक्रिया क्या है और इससे होने वाले फायदे क्या हैं? इस ब्लॉग में हम आपको एग्स फ्रीजिंग से संबंधित तमाम जानकारियां विस्तार से देने जा रहे हैं।
इस प्रक्रिया में महिला के गर्भाशय से हेल्दी एग्स को निकालकर मेडिकल सुपरविजन में स्टोर करके रखा जाता है। भविष्य में जब कभी वो महिला प्रेग्नेंट होना चाहती है तो उन एग्स को फर्टिलाइज करके भ्रूण बनाकर महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसमें किसी तरह का कोई गंभीर खतरा नहीं है और ये बेहद आसान तरीका भी है।
फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं का समाधान अब उतना कठिन नहीं रह गया है। एग फ्रीजिंग भी इस समस्या के समाधान के तौर पर सामने आ रहा है। ये पूरी तरह से वैज्ञानिक प्रक्रिया है।
. महिलाएं गर्भधारण करने वाले अंडों को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीज करवाती हैं। दरअसल करियर या अन्य किसी कारण से महिलाएं बच्चे के बारे में देर से प्लान करने लगी है और उस समय में गर्भधारण में किसी प्रकार की कठिनाई ना हो इसलिए एग्र फ्रीजिंग का चलन हाल के दिनों में बढ़ गया है।
डॉक्टरों के मुताबिक महिलाएं अपना बॉयोलॉजिकल साइकल बढ़ाने के लिए 20 से 30 साल के बीच में एग फ्रीज करवा लेती है।
लेटेस्ट तकनीक में एक फ्रीजिंग यानि (Oocyte Cryopreservation) की मदद से अपने एग को फ्रिज किया जा सकता है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अंडों का क्रायोप्रिजर्वेशन - जिसे वैज्ञानिक रूप से ओओसीट फ्रीजिंग (Oocyte Freezing) कहा जाता है. ये फर्टिलिटी को संरक्षित करने का एक तरीका है, जिसमें अंडाशय (Ovaries) से निकाले जाने के बाद अंडे जमे हुए होते हैं। अंडे को फ्रीज करने से प्रजनन या गर्भावस्था के विकल्प बढ़ जाते हैं।डॉक्टरों के मुताबिक जमे हुए अंडे प्रोसेस के बाद 10 साल तक उपयोग के लिए अच्छे होते हैं.
अगर किसी को कैंसर का पता चले और उन्हें इलाज कराना है कुछ कैंसर उपचार, जिनमें कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी शामिल हैं, प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे मे उपचार से पहले की गई एग फ्रीजिंग प्रोसेस बाद में बच्चा पैदा करने में मदद करती हैं.
अगर आप किसी और गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं तब भी आप अपने अंडों को बचाने के लिए एग फ्रीजिंग का सहारा ले सकती हैं.
अगर आपको अपने करियर की चिंता है और इस बात का डर भी है कि भविष्य में प्रेगनेंसी दिक्कत ना करें तो भी आप एग फ्रीज करा सकती हैं.
सोशल एग फ्रीजिंग किसी महिला का अपनी फर्टिलिटी या अंडो को मेडिकल कंडीशन के कारण नहीं, बल्कि सोशल कारणों से जैसे करियर या सही पार्टनर की तलाश के कारण फ्रीज करने का प्रोसेस है. डॉक्टर्स कहते हैं कि अंडो को बाद में रिट्रिव किया जा सकता है और प्रेंगनेंसी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे महिला अपने हिसाब से प्रेंगनेंट हो सकें. क्योंकि उम्र हेल्दी बच्चे के लिए एक इंपोर्टेंट एलिमेंट है इसलिए सोशल फ्रीजिंग करवाने से पहले अगर आप आईवीएफ क्लिनिक में जाकर खुद का एक बार फुल बॉडी चेकअप करवा लें और डॉक्टर से जान लें की क्या आप फ्रीजिंग के लिए तैयार हैं , तो ज्यादा बेहतर होगा. जांच मे सिंपल ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड स्कैन और डॉक्टर की एडवाइज शामिल होती है.
फर्टिलिटी को लेकर मिथ
फर्टिलिटी को लेकर कई मिथ है. कई मानते हैं कि जमा किए हुए अंडो से पैदा होने वाले बच्चें अस्वस्थ पैदा होते हैं लेकिन यह बिलकुल भी सच नहीं है. अंडो को फ्रीज करने के लिए किसी पार्टनर की जरूरत नहीं होती है. लेकिन एक फैक्ट यह भी है कि उम्र के साथ अंडो की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों घटती है. इसलिए महिलाएं ये न समझें कि सोशल एग फ्रीजिंग की सफलता दर किसी भी उम्र में समान होगी.
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