1. क्या हैं दुष्प्रभाव बच्चे ...

क्या हैं दुष्प्रभाव बच्चे को हर छोटी गलती पर सजा देने के?

7 to 11 years

Anubhav Srivastava

90.3K बार देखा गया

1 months ago

क्या हैं दुष्प्रभाव बच्चे को हर छोटी गलती पर सजा देने के?

माता-पिता होना एक अनोखा एहसास है। यह हमारे अंदर जिम्मेदारी का अहसास पैदा करता है, हमें विनम्र और सहनशील भी बनाता है पर क्या हम हमेशा इन बातों पर खरा उतर पाते हैं, शायद नहीं। कई बार हमारे बच्चे कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो हमारे सब्र का बांध तोड़ देता है और हम उन्हे सजा देने पर मजबूर हो जाते हैं।

Advertisement - Continue Reading Below

हालांकि ऐसा करने के पीछे हमारी मंशा केवल इतनी होती है कि बच्चा उस गलती को दुहराने से बचे पर बच्चों को छोटी-छोटी गल्तियों की सजा देना भी हमेशा ठीक नहीं होता। कई बार ऐसा करना उल्टा असर भी करता है।

More Similar Blogs

    बच्चों के छोटी-छोटी गल्तियों पर सजा देने के दुष्प्रभाव

    आईए जानें कि बच्चों को हर छोटी गलती पर सजा देना कैसे खतरनाक हो सकता है।जरूर पढ़ें

    1. बच्चे में बुरी भावना को जन्म देता है - बार-बार सजा देने से बच्चे के अंदर आपके लिए बुरी भावना आ सकती है और हो सकता है कि वह आपसे नफरत करने लगे।

    2. बच्चा ढीठ हो जाता है - बार-बार उसे डांटने, मारने-पीटने पर बच्चा खुद को इसके लिए दिमागी रूप से तैयार कर लेता है और फिर जरूरी नहीं कि वह आपकी हर बात मानें।

    3. बच्चा बागी हो सकता है - बच्चे को सजा देना उसके बर्ताव को बागी बनाने के साथ हिम्मती भी बना देता है। वह आपको पलट कर जबाब दे सकता है और कई बार माँ-बाप के हाथ उठाने पर पलट कर मार भी देते हैं।

    4. बच्चे को चिढ़चिढ़ा और जिद्दी बना देता है - बच्चा छोटी-छोटी बातों पर चिढ़चिढ़ाने लगता है और अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

    5. बच्चे में डर या फोबिया पैदा करता है - कुछ बच्चों का दिमाग कोमल होता है। ऐसे बच्चों को बार-बार डांटने या मारने-पीटने से उनके दिमाग पर बड़ा अघात लगता है और बच्चे डर या फोबिया के शिकार हो जाते हैं। यह डर या फोबिया उनके मन में घर कर लेता है जो उनके दिमागी विकास को रोक सकता है।

    6. बच्चे में हीन भावना पैदा करता है - बच्चे को दूसरे भाई-बहन के सामने या उसके दोस्तों के सामने सजा देना उसके अंदर हीन भावना पैदा कर देता है जिससे वह अन्र्तमुखी या दब्बू होने लगता है और घर के बाहर दोस्तो-यारों के साथ या दूसरों लोगों के साथ होने पर असहज महसूस करता है।

    क्या बच्चे को सजा देना ही एक मात्र रास्ता है?

    शायद नहीं!! जरूरी नहीं की बच्चे को हर गलती या उसकी छोटी से छोटी गलती के लिए सजा दी जाए इसलिए सजा देने से पहले विचार करें कि क्या यह वाकई जरूरी है और ऐसा करने से क्या आपके नुकसान की भरपाई हो सकती है।

    हममें से शायद ही कोई ऐसा हो जिसने अपने बचपन में दूध फैलाने, स्कूल में पेंसिल बाॅक्स खोने या खिलौने तोड़ देने जैसी तमाम गल्तियां न की हों। हमें समझना होगा कि बच्चे, बच्चे होते हैं और उनमें हमारी तरह हर बात की अच्छाई-बुराई की समझ नहीं होती इसलिए जरूरी है कि बच्चे को डांटने के बजाय उसके बर्ताव को अच्छी तरह से समझें, उसकी गलती के लिए उसे प्यार से समझाएं और उसकी गलती का अहसास दिलाएं जिससे बच्चा ऐसी गलती दुबारा करने से बच सके।

     

    Be the first to support

    Be the first to share

    support-icon
    Support
    bookmark-icon
    Bookmark
    share-icon
    Share

    Comment (0)

    Importance of Speech & Drama in Kids Grooming

    Importance of Speech & Drama in Kids Grooming


    7 to 11 years
    |
    145.9K बार देखा गया
    Why Sport Is a Better Teacher than The Classroom ?

    Why Sport Is a Better Teacher than The Classroom ?


    7 to 11 years
    |
    4.0M बार देखा गया
    Holiday Homework

    Holiday Homework


    7 to 11 years
    |
    427.4K बार देखा गया