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कैसे बढाएं नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पावर) ?

0 to 1 years

Supriya jaiswal

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3 weeks ago

कैसे बढाएं नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पावर) ?

हम अक्सर देखते हैं की बदलते मौसम का सबसे जल्दी और सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होता है। वे जल्दी-जल्दी बीमार हो जाते हैं और ये बीमारियाँ उन्हें कमज़ोर भी बना देती हैं। इसका कारण है ‘इम्युनिटी पॉवर’ यानी रोगों से लड़ने की क्षमता का कम हो जाना। किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी इम्युनिटी पावर का स्ट्रांग होना बेहद जरूरी होता है, खासकर बच्चों का क्योंकि बच्चे इन्फेक्शन की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) के कमजोर होने पर बीमारियों का असर जल्दी होता है। इसकी वजह से  शरीर कमजोर हो जाता है। इसे भी जानें: क्या करें जब नवजात शिशु को आ जाए बुखार?

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कई लोगों ये भी मानते हैं कि छोटे बच्चों को बहुत सी बीमारियाँ बदलते मौसम के कारण होती है लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होने पर बदलते मौसम से होने वाली बीमारियों और संक्रामण वाली बीमारियों दोनों से बचा जा सकता है। अब ये सवाल आता है की बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए क्या किया जाये?

 

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नवजात शिशु की रोग प्रतिकारक शक्ति/क्षमता बढाने के उपाय / Remedies to Boost Immunity Power of Newborns in Hindi

आइए कुछ आसान तरीके जानते हैं जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

  • माँ का दूध, सेहत भरपूर- 0-1 साल के बच्चे को सभी पोषक तत्व अपनी माँ के दूध से मिलते हैं और  माँ के दूध में इम्युनिटी मजबूत बनाने के सारे गुण मौजूद होते है। यह दूध बच्चों को अलग-अलग रोगों से लड़ने की क्षमता देता है। ऐसे में बच्चे के जन्म लेने के साथ-साथ ही स्तनों से बहने वाले गाढे पतले पीले दूध को कम से कम 2-3 महीने तक स्तन सेवन ज़रूर करवाएँ।
     
  • भरपूर नींद करे बीमारियों से दूर- यदि बच्चे की नींद पूरी न हो तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है और वह जल्दी ही बीमारियों का शिकार होने लगता है। इसलिए ज़रूरी है की बच्चे को पूरी नींद मिले। नवजात बच्चों को एक दिन में 18 घंटे की नींद तो वही छोटे बच्चों को 12 से 13 घंटे की नींद की आवश्यकता पड़ती है।
  • धूम्रपान, बीमारियों का दान-  धूम्रपान जितना खतरनाक उस व्यक्ति के लिए है जो इसे कर रहा है उतना ही खतरनाक उसके आस-पास रहने वाले लोगों के लिए भी है। सिगरेट का धुआं शरीर में कोशिकाओं को कमज़ोर कर देता है। इसके अलावा सिगरेट-बीड़ी में कई ऐसे ज़हरीले पदार्थ शामिल होते है जो  बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करते है। आपके घर में कोई सदस्य धूम्रपान करता है तो बच्चों की सेहत का ध्यान रखते हुए उसे छोड़ दें।
     
  • संक्रामण के खतरों से बचाएँ- अपने बच्चे को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और उसे बीमारियों से दूर रखने का एक और तरीका उसे किसी की भी तरह के संक्रामण से दूर रखना है। इसके लिए बच्चे को हाथ धोकर गोद में लें, उनके होंठों या गालों को न चूमें, उनको किसी का झूठा न खिलाएँ, उनके कपड़े, खिलौने आदि साफ स्थान पर रखें आदि।

ये छोटे-छोटे तरीके बच्चों को बीमारी से दूर रखने में मदद करेंगे।

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