वाकई तुलसी है अमृत ! करें इसका इस्तेमाल अपने बच्चो की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए

बदलते मौसम में बच्चों को अक्सर सर्दी जुकाम, बुखार की समस्याएँ होती हैं और घरेलू उपचार के रूप में तुलसी की ताजा पत्तियों का उपयोग आपके बच्चे के लिए रामबाण सिद्ध होता है। साथ ही यह बच्चे को एलोपैथिक दवाइयों से होने वाले नुकसान से भी दूर रखता है। तुलसी शब्द का अर्थ है, “अतुलनीय पौधा”। तुलसी भारत में सबसे पवित्र जड़ी-बूटी मानी जाती है और “जड़ी-बूटियों की रानी” भी कहलाती है। इसके प्रभावी फ़ायदों के कारण यह भारत में ही नहीं, दुनिया भर में जानी जाती है।
आयुर्वेद में तो पहले से ही लोग तुलसी के गुणों को मानते थे, अब एलोपैथी भी इन गुणों को मानने लगी है। विशेषज्ञों ने स्वीकार किया है कि तुलसी मनुष्य के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होती है और मलेरिया, डेंगू, खांसी, सर्दी-जुकाम आदि विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाती है। तुलसी के प्रयोग से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे सर्दी, खाँसी, जुकाम, फ्लू, वाइरल ये सब शरीर में अपना असर नहीं दिखा पाते हैं। इससे आपका बच्चा सर्दी, गर्मी व बरसात में होने वाली आम बीमारियों से बचा रहेगा।
- अगर आपके बच्चे को ठंड जल्दी लग जाती हो तो उसे तुलसी की 10-12 ताजा पत्तियाँ एक कप दूध में उबालकर पिलाना चाहिए। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा कफ और सर्दी में बच्चे के लिए बहुत लाभकारी है।
- तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल व एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाते हैं। तुलसी अर्क पर शोध करने वाले कहते हैं कि सुबह व शाम दो बूंद अर्क का नियमित सेवन करने से रोग नहीं पकड़ते हैं।
- हर वर्ष डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से आपके बच्चे को बचाने के लिए जरूरी है कि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। इसके लिए उसे रोज तुलसी की 5-10 पत्तियाँ चबाने के लिए दें। इस प्रयोग से आपके बच्चे के इन रोगों की चपेट में आने की संभावना काफी कम हो जाएगी।
- तुलसी के पत्ते जुकाम और बुखार में बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। ताजा तुलसी के पत्ते नियमित रूप से चबाने से आपके बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा। अध्ययनों से पता चलता है कि तुलसी में मौजूद विभिन्न रासायनिक योगिक शरीर में संक्रमण से लड़ने वाली एंटीबॉडी के उत्पादन में 20% तक की वृद्धि करते हैं। तुलसी की पत्तियों में मौजूद विटामिन ए में एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है।
- तुलसी का अर्क तेज बुखार को कम करने में भी कारगर साबित होता है। लगभग सभी कफ सीरप को बनाने में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। तुलसी के कोमल पत्तों को चबाने से खांसी और नजले से राहत मिलती है।
- तुलसी, खांसी के सिरप में एक महत्वपूर्ण घटक होता है। आप घर में तुलसी के पत्ते और लौंग पानी में उबालकर ही एक अच्छी घरेलू औषधि बना सकते हैं जो आपके बच्चे के लिए अधिक असरदार होगी। तुलसी की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है। इस पानी को आप गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों में बुखार, खांसी और उल्टी जैसी सामान्य समस्याओं में तुलसी बहुत फायदेमंद है। बुखार में तुलसी का काढ़ा पीना खास तौर पर बच्चों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
- तुलसी आसानी से घर में लग जाती है और इसके खाने से साधारणतया कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। किन्तु तुलसी खून को पतला करता है इसलिए इसे किसी अन्य दवा के साथ बिना चिकित्सकीय परामर्श के नहीं देना चाहिए। इसलिए सावधानी व परामर्श भी जरूरी है। यह भी ध्यान रखें कि तुलसी की सूखी पत्तियों के बजाय ताजा पत्तियों को वरीयता दी जाए जिससे आपके बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता में अधिकतम वृद्धि हो सके।
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