बच्चे के गुस्साने या चिल्लाने की स्थिति में आजमाएं ये 5 उपाय

गुस्सा एक तरह का भाव है। गुस्सा कहीं भी, किसी के ऊपर और कभी भी आ सकता है। गुस्सा आना इंसान की प्रवृत्ति है। ये बात तो सब जानते हैं कि ये एक प्रकार का नकारात्मक भाव है और गुस्से में व्यक्ति की सकारात्मक सोच समाप्त हो जाती है। खैर, इन बातों को हम और आप तो भली-भांति समझते हैं लेकिन छोटे बच्चे तो इन गहरी बातों को नहीं जानते हैं ना। अब मेरे एक प्रश्न का जवाब दीजिए, जब हमारे बच्चे किसी बात पर नाराज हो जाते हैं तब हमारी त्वरित प्रतिक्रिया क्या होती है? अभी हाल ही में एक तस्वीर बहुत वायरल हो रही है। सैफ अली खान और करीना के बेटे तैमूर इस तस्वीर में अपने पिता पर गुस्साते हुए और चिल्लाते हुए नजर आ रहे हैं।
क्रोध का मनोविज्ञान
मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल के मनोरोग चिकित्सक डॉ हरीश शेट्टी कहते हैं कि आजकल गुस्से की परिभाषा बदल चुकी है। डॉ शेट्टी के मुताबिक बच्चे सामान्य तरीके से अपने पैरेंट्स से ऐसे बातचीत करते हैं जैसे गुस्से में हों हालांकि ऐसा होता नहीं है। डॉ शेट्टी बताते हैं कि ऐसा नहीं कि बच्चे अपने माता-पिता को प्यार या सम्मान नहीं करते हैं लेकिन इसके साथ ही ये भी नोटिस करना चाहिए कि क्या इस तरह के व्यवहार से कहीं उनके स्वभाव में भारी बदलाव तो नहीं आ रहा है? अब तैमूर की तस्वीर को ही ले लीजिए। उसके चेहरे की भाव-भंगिमा से स्पष्ट हो रहा है कि वो अपने पिता को अपने पास बुलाना चाह रहा है जबकि सैफ उस वक्त किसी से बातचीत करने में मशगूल थे। तैमूर ने जब देखा कि उसके पिता उसको एटेंशन नहीं दे रहे हैं तो उसने गुस्से में आकर अपने पिता को पास बुलाया।
बच्चे के गुस्से के कारणों को समझें / How to Handle An Angry Child In Hindi
4-5 साल की उम्र के बच्चों को तो चलो आप जो समझाएंगे वो आसानी से समझ लेगा लेकिन 1 से 3 साल की उम्र तक के बच्चों को समझाने के लिए आपको संयम और धैर्य से काम लेना होगा। कारणों को समझें...
- सबसे पहले तो अपने बच्चे से शांतिपूर्वक ये पूछने का प्रयास करें कि आखिर वो किस बात पर नाराज है।
- अक्सर ये होता है कि जब बच्चे आपको नाराज होने की वजहों के बारे में बताते हैं तो इस दौरान उनका गुस्सा शांत हो जाता है।
- फिर भी अगर आपका बच्चा आपको नहीं बताना चाह रहा है तो आप उसको ये कह सकते हैं कि वो अपने फेवरेट खिलौने के साथ शेयर कर दे
- बच्चों के मन में ये बात पैठ कर जाती है कि उनके साथ अन्याय हुआ है या फिर उनकी बात नहीं सुनी जा रही है।
बच्चे के गुस्से को कंट्रोल करने के लिए इन उपायों को आजमाएं / Remedies To Control The Child's Anger In Hindi
अधिकांश लोग तो बच्चे को नाराज होते देखकर अपना आपा ही खो बैठते हैं और फिर बच्चे पर चिल्लाना शुरू कर देते हैं। ऐसी स्थिति का सामना अक्सर आप को भी करना पड़ जाता होगा। इन उपायों को आजमाएं...
- गुस्सा होने की दशा में जब तक हमारे मन का गुबार निकल नहीं जाता है तब तक चित्त शांत नहीं होता है। बच्चों के साथ भी ऐसा ही कुछ होता है। अगर आप देख रहे हैं कि बच्चा बहुत क्रोध में हैं तो उसको अपनी भड़ास निकालने के लिए तकिया दे दीजिए। इस दौरान नजर बनाए रखें कि बच्चा अपने शरीर को कोई नुकसान ना पहुंचा ले।
- कहते हैं कि प्यार की ताकत से तो पत्थर भी पिघल जाता है और बच्चों का दिल तो वैसे ही बहुत नरम होता है। अगर आपको लग रहा है कि आपका बच्चा बहुत गुस्से में है तो मां-पिता का प्यार मिलते ही बच्चे इमोशनल हो जाते हैं। संभवत: वे रोना भी शुरू कर दें और एक बार जब आंसू छलक पड़े तो समझिए कि सारा गुस्सा छू मंतर हो गया।
- बच्चा जब ज्यादा ही नाराज हो तो उसको गोद में उठा लें। प्यार से उसकी परेशानियों के बारे में पूछे।
- सबसे जरूरी बात कि आप अपने बच्चे के सामने गुस्से का प्रदर्शन करने से परहेज करें। क्योंकि आपका बच्चा आपकी हर गतिविधि को गौर से देखते हैं। गुस्से के दौरान आपकी हरकतों को वे दोहराने का प्रयास कर सकते हैं।
- कई बार बच्चे अपनी जिद की वजह से भी गुस्सा करते हैं। जिद को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए। जिद करने का मतलब की वो आप पर अपना अधिकार समझते हैं। ऐसी स्थिति में उनको डांटने या फटकारने से परहेज करें।
हालांकि हम आपको बता दें कि बच्चों के गुस्सा होने के पीछे भी कुछ अच्छाई छुपी होती है। बच्चे अगर कभी-कभी गुस्सा होते हैं तो इसका मतलब कि ये उनके स्वस्थ होने की निशानी भी है।
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