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बच्चों में दांत निकलने के लक्षण और आजमाएं कुछ असरदार घरेलू उपाय

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Supriya jaiswal

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3 years ago

बच्चों में दांत निकलने के लक्षण और आजमाएं कुछ असरदार घरेलू उपाय
बच्चे का क्रमिक विकास

बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता अपने शिशु में आने वाले हर शारीरिक व मानसिक विकास व बदलावों को लेकर रोमांचित रहते हैं। उसके बोलने, चलने, खाने व अन्य गतिविधियों से वह काफी खुशी होते हैं। बच्चे का दांत निकलना भी कुछ ऐसी ही कड़ी है जिसमें पैरेंट्स काफी खुश होते हैं, लेकिन इस खुशी में बच्चे बहुत दर्द से गुजरते हैं। बोल न पाने की वजह से वे अपनी तकलीफ किसी को बता नहीं पाते, लेकिन उनका लगातार रोना व कुछ शारीरिक कष्ट अभिभावकों को भी काफी परेशान करता है। कई पैरेंट्स बच्चे की तकलीफ को समझ भी नहीं पाते। इसकी वजह होती है, बच्चे के दांत निकलने की सही उम्र की जानकारी न होना। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे आखिर क्या है बच्चों के दांत निकलने की सही उम्र, क्या हैं लक्षण व इस दर्द से बचने के उपाय।[जरूर पढ़ेंदांत निकलते समय उल्टी और दस्त को रोकने के लिए 6 कारगर नुस्खे]

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आमतौर पर जब बच्चों का दांत निकलना शुरू होता है तब उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना होता है। बच्चे की परेशानी को देखकर माता-पिता भी परेशान हो जाते हैं। लेकिन हमारी सलाह है कि ऐसे समय में आप चिंतित ना हो बल्कि कुछ उपायों को आजमाना शुरु कर दें।

बच्चों के दांत निकलने की क्या है सही उम्र? / When Do Babies Start Teething In Hindi

यूं तो अधिकतर केस में बच्चों के दूध के दांत 6 महीने की उम्र से निकलने लगते हैं, लेकिन कुछ बच्चों के ये दांत 3 से 4 महीने की आयु में भी निकल जाते हैं तो कुछ मामलों में 12 महीने की आयु के बच्चों के भी दूध के दांत नहीं निकले होते। अगर महीने के हिसाब से देखें तो नीचे के सामने वाले कृन्तक दांत 3 से 7 महीने की उम्र में निकल सकते हैं। ऊपर के सामने वाले कृन्तक दांत 6-8 महीने में आते हैं। वहीं ऊपर के पिछले कृन्तक दांत ऊपर के सामने वाले दोनों भागों में होते हैं और 9 से 11 महीने में आते हैं। नीचे के पिछले भाग वाले कृन्तक दांत जो नीचे के सामने के दोनों तरफ होता है, आखिरकार 10-12 महीने में आ जाते हैं। हालांकि कई बच्चों के दूध के दांत देरी से निकलते हैं। आपको इसकी वजह से परेशान नहीं होना चाहिए। इसके पीछे आनुवांशिक, बच्चे के शरीर में पोषण में कमी व शिशु का समय से पहले जन्म जैसे कारण हो सकते हैं। इनमें से कोई समस्या न होने के बाद भी बच्चे के दांत निकलने में देरी हो रही है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

 

दांत निकलने के दौरान बच्चों में नजर आने वाले लक्षण/ Baby Teething Symptoms in Hindi

कुछ बच्चों को दांत निकलने के दौरान बुखार भी हो जाता है। इस समय में अगर बच्चों को सही से देखभाल नहीं किया जाए तो फिर उनको इनफेक्शन होने का भी खतरा बना होता है।

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  • अधिकांश बच्चों को इस दौरान दस्त-उल्टी की समस्या हो जाती है वहीं दूसरी तरफ कुछ बच्चों को पेट दर्द या फिर कब्जियत होने की संभावना भी बनी होती है।
     
  • इस दौरान बच्चे काफी कमजोर भी हो जाते हैंं
     
  • आप नोटिस करेंगे कि आपके बच्चे इस दौरान चिड़चिड़े भी हो सकते हैं, पहले के मुकाबले बच्चे इस समय ज्यादा रोते हैं
     
  • दांत निकलने के दौरान बच्चों को सबसे ज्यादा मसूड़ों में परेशानी का सामना करना होता है। मसूड़ों में खुजली, सूजन की समस्या आ जाती है।
     
  • बच्चों के मसूढ़े भी सख्त हो जाते हैं

इसके अलावा कुछ बच्चों को बुखार भी हो जाता है। इस समय में अगर बच्चों को सही से देखभाल नहीं किया जाए तो फिर उनको इनफेक्शन होने का भी खतरा बना होता है।

बच्चों के दांत निकलने के दौरान आजमाएं जाने वाले कुछ उपाय/ Remedies for Teething Babies in Hindi

दांत निकलने के दौरान बच्चे जिस दर्द से गुजरते हैं, उससे पैरेंट्स भी काफी परेशान होते हैं। उनके लिए बच्चों को इस तरह रोते देखना काफी पीड़ादायक होता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे घरेलू उपाय, जिनकी मदद से आप दांत निकलने के दौरान बच्चों को होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं।

  1. मुलायम व गीला कपड़ा चबाने को दें – आप बच्चे को मुलायम व गीला कपड़ा चबाने के लिए दें। इससे मसूड़ों का दर्द कम होगा।

  2. ठंडा खाना या आइसक्रीम – अगर बच्चा 6 महीने या उससे ऊपर का है और ठोस आहार लेना शुरू कर दिया है तो उसे आप दांत के दर्द से बचाने के लिए ठंडा खाना या आइसक्रीम दे सकती हैं। इससे भी उसे काफी राहत मिलेगी।

  3. टीथर – इस स्थिति में बच्चे को ठंडा टीथर देना भी काफी कारगर होगा। दरअसल टीथर एक खिलौने जैसा होता है। यह मुलायम पदार्थ से बना होता है। इसे चबाने से शिशु के नाजुक मसूड़ों को राहत मिलती है। आप फ्रिज में इसे 15-20 मिनट रखकर ठंडा कर सकते हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि टीथर ज्यादा ठंडा भी न हो, इससे तकलीफ बढ़ सकती है। टीथर देने से पहले उससे जुड़ी सावधानी डॉक्टर से जरूर समझें।

  4. मसूड़ों पर मालिश -  बच्चे को दर्द से बचाने के लिए आप अपनी साफ उंगली से उसके मसूड़ों पर मालिश भी कर सकते हैं। इससे उसे काफी आराम मिलेगा।

  5. फलों के रस को बर्फ बनाकर दें – पोषक तत्वों की मौजूदगी की वजह से फल सभी के लिए फायदेमंद होते हैं। बच्चा अगर ठोस आहार ले रहा है, तो फल दर्द दूर करने के लिए बेहतर विकल्प है। आप फलों के रस को बर्फ बनाकर बच्चे को खाने के लिए दे सकती हैं। लेकिन बर्फ बहुत ठोस न बने इसका ध्यान रखना चाहिए। इस बर्फ को अपनी मौजूदगी में ही खिलाएं, ताकि वह बच्चे के गले में न फंसे।

  6. दही व जूस – बच्चे को इस स्थिति में ठंडी दही, जूस व सेब से बनी सॉस देना भी काफी फायदेमंद हो सकता है।

  7. बच्चे को ज्यादा प्यार दें – मां-बाप का प्यार बच्चों को किसी भी बीमारी व दर्द में काफी आराम देता है। दांत निकलने के दौरान अपने शिशु को ज्यादा से ज्यादा प्यार दें। इससे उसका ध्यान दर्द से हटकर आप पर आएगा।

  8. शिशु का ध्यान भटकाएं – आप बच्चे को दर्द से बचाने के लिए उसका ध्यान भटकाने की कोशिश करें। ध्यान भटकने से उसे दर्द का पता नहीं चलेगा। ध्यान भटकाने के लिए आप उसे नया खिलौना देने, कहीं घुमाने ले जाने व गाना सुनाने जैसी गतिविधियां कर सकते हैं।

  9. नरम खाद्य पदार्थों का सेवन -  बच्चे के दर्द को कम करने के लिए आप उसे केला, सेब, आलू जैसे नरम खाद्य पदार्थ भी दे सकते हैं। इसके अलावा हरि पत्तेदार सब्जियों का सूप बनाकर देना भी अच्छा विकल्प है।

  10.  ठंडा गाजर – बच्चा अगर ठोस आहार खाने लगा है तो आप उसे ठंडा गाजर भी खाने को दे सकते हैं, इससे भी दर्द से काफी आराम मिलता है। गाजर देने से पहले उसे धोकर छील लें। उसे 15-20 मिनट तक फ्रिज में रखने के बाद निकालकर बच्चे को दें।

  11.  बबूने का फूल – बबूने का फूल एक वर्ष व उससे अधिक उम्र के बच्चों को दांत निकलने के दौरान होने वाले दर्द से काफी राहत देता है। इसमें सूजन को कम करने वाले गुण होते हैं। आप आधे चम्मच में बबूने के सूखे फूल लें। इसके बाद इसे एक कप गर्म पानी में मिलाएं। इसको छानकर रख लें और एक या दो घंटे में इस मिश्रण को 1-1 चम्मच बच्चे को पिलाएं।

  12.  तुलसी व शहद – अगर घर में तुलसी है, तो इसके पांच पत्तों का रस शहद में मिलाएं। इसके बाद इस मिश्रण को बच्चे के मसूड़ों पर लगाएं या इसे चटाएं। इससे उसका दर्द खत्म हो जाएगा।

  13.  वंशलोचन -  बच्चे के दर्द को खत्म करने के लिए वंशलोचन और शहद का मिश्रण भी बच्चे को चटाना एक बेहतरीन विकल्प है।

  14.  अंगूर का रस – इस स्थिति में आप बच्चे को रोजाना अंगूर का 2 चम्मच रस पिलाएं। अंगूर के रस में शहद भी मिलाकर दे सकते हैं। इससे दर्द खत्म होगा और दांत भी मजबूत निकलेंगे।

खानपान का भी रखें ख्याल/ What Foods During for Teething Babies in Hindi

जैसा की हमने आपको बताया कि दांत निकलने के समय बच्चा काफी कमजोर हो जाता है तो ऐसे समय में आप अपने लाडले के खान-पान का भी विशेष रूप से ध्यान दीजिए।जरूर पढ़ें... 

  • आप अपने बच्चे को अंगूर का रस भी पिला सकते हैं। इससे दर्द कम होता है और स्वस्थ और मजबूत दांत निकलते हैं।
  • तुलसी के पत्तों का रस और शहद मिलाकर बच्चों के मसूड़ों पर लगा सकते हैं या फिर आप अपने बच्चे को इस रस को चटा भी सकते हैं। इससे भी आपके बच्चे को राहत मिलेगी।
  • डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक आप अपने बच्चे को केला, ऑरेंज का जूस, सेव को उबाल कर भी दे सकते हैं। इसके अलावा दाल और खिचड़ी भी आप बच्चों को दे सकते हैं। 

 

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