गर्भावस्था में क्यों होता है पेट दर्द (Abdominal Pain) ?

प्रेग्नेंसी कई जटिलताएं लेकर आती है। गर्भावस्था में महिलाओं को कई तरह की शारीरिक परेशानियां होती हैं। इन्हीं में से एक है इस अवस्था में होने वाला पेट दर्द, जिसे एब्डोमिनल पेन भी कहा जाता है। इस समस्या से आमतौर पर हर गर्भवती को गुजरना पड़ता है। वैसे तो प्रेग्नेंसी में पेट दर्द सामान्य बात है, लेकिन यह लगातार हो रहा है तो इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इस ब्लॉग में हम बताएंगे कि गर्भावस्था में पेट दर्द के कारण क्या हैं, इससे कैसे बचना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में पेट दर्द के कारण / Abdominal Pain During Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था में पेट दर्द होने पर महिलाएं उसे बच्चे के स्वास्थ्य से जोड़कर देखने लगती हैं। पेट में पल रहे गर्भ के लिए उनकी चिंताएं बढ़ जाती हैं। शुरुआत में पेट दर्द सामान्य है और इसके कई कारण होते हैं। आइए जानते हैं क्या होती है इसकी वजह।
- गैस और कब्ज – प्रेग्नेंसी में प्रोजेस्ट्रोन (Progesterone) हार्मोन बढ़ने से पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। इस कारण गैस और कब्ज की समस्या होने लगती है। इससे पेट दर्द शुरू हो जाता है।
- बढ़ता गर्भाशय व अस्थिबंध दर्द – बढ़ता गर्भाशय भी पेट दर्द का कारण होता है। इसके अलावा गर्भाशय बढ़ने से गोल अस्थबंध यानी निगामेंट में खिंचाव पड़ने लगता है। इससे भी पेट दर्द की समस्या गर्भवती को होती है।
- ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन (Braxton Hicks Contractions) – इससे पेट में संकुचन होता है और यह 30 सेकंड से लेकर 1 मिनट तक का हो सकता है। यह भी पेट दर्द की बड़ी वजह है।
- अपेंडिसाइटिस (Appendicitis ) – प्रेग्नेंसी में अपेंडिसाइटिस एक गंभीर समस्या है। इसके होने पर भी पेट दर्द की समस्या होती है।
- प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) – गर्भवती को प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही से प्रीक्लेम्पसिया हो सकता है। यह हाई ब्लड प्रेशर और यूरिन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने से होता है। इसके होने पर गर्भ में पल रहे शिशु तक पर्य़ाप्त मात्रा में ऑक्सीजन व रक्त नहीं पहुंचता है। ऐसे में पेट दर्द, तेज सिर दर्द जैसी समस्या होती है।
- एक्टोपिक प्रेग्नेंसी यानि अस्थानिक गर्भावस्था (Ectopic pregnancy) – इस स्थिति में भ्रूण गर्भाशय की जगह फैलोपियन ट्यूब से जुड़ जाता है। ऐसा होने पर गर्भवती को पेट दर्द की समस्या होती है।
- पित्ताशय में पथरी – अगर गर्भवती के पित्ताशय में पथरी होती है, तो इस स्थिति में भी उसके पेट में दर्द होता है।
- प्लेसेंटा का टूटना – प्लेसेंटा एक थैली जैसी होती है, जो गर्भ में शिशु की रक्षा करती है। जब यह गर्भाशय से हटने लगती है, तो गर्भवती को पेट में दर्द होने लगता है। यह अक्सर तीसरी तिमाही में होता है।
- मूत्रमार्ग में इन्फेक्शन (urethritis) – प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिला के मूत्रमार्ग में संक्रमण हो, तो यह भी पेट दर्द का कारण हो सकता है।
- समय से पहले प्रसव के लक्षण (Premature (Preterm) Labor Signs) – यदि प्रेग्नेंसी के 37वें हफ्ते से पहले संकुचन शुरू हो जाए, तो यह समय से पहले प्रसव पीड़ा के लक्षण हो सकते हैं। यह संकुचन 1 घंटे में 4-5 बार से अधिक हो सकता है। इस स्थिति में गर्भवती को पेट दर्द, योनि से रक्तस्राव आदि समस्याएं होती हैं। [इसे भी जानें - डॉक्टर की दी गई Due Date पर कितना करें विश्वास]
- गर्भावस्था में सहवास के दौरान ऑर्गेज्म तक पहुंचने के कारण भी पेट दर्द की समस्या महिलाओं को होती है।
कैसे समझें पेट दर्द सामान्य है या असामान्य ? / Are Stomach Pain Normal During Pregnancy in Hindi
प्रेग्नेंसी में थोड़ा बहुत पेट दर्द होना बहुत सामान्य बात है और इससे हर महिला को गुजरना पड़ता है, लेकिन दर्द लगातार होने पर यह गंभीर स्थिति है। किस तरह का पेट दर्द सामान्य है और किस तरह का नहीं यह समझना बहुत जरूरी है। डॉक्टरों के अनुसार, गर्भ में शिशु के होने की वजह से महिलाओं की मांसपेशियों, जोड़ों और नसों पर काफी दबाव पड़ता है। गर्भाशय के विस्तार होने के साथ गर्भवती के कई अंग शिफ्ट होते हैं और अस्थि बंधन (लिगामेंट) फैलते हैं, ऐसे में पेट के आसपास काफी असहजता होती है और दर्द की समस्या रहती है। यह स्थिति तो सामान्य मानी जाती है। वहीं अगर पेट दर्द के साथ उल्टी, बुखार, ठंड लगना, योनि से अधिक रक्तस्राव, चलने में दिक्कत, बोलने में दिक्कत, सांस लेने में दिक्कत, हाथ पैर का सूजना व पेट में क्रैंप महसूस हो तो यह स्थिति चिंताजनक है। ऐसी स्थिति में फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
परिस्थितियाँ जब प्रेग्नेंसी में पेट दर्द हो सकता है चिंताजनक / When to Worry About Cramping in Early Pregnancy in Hindi
प्रेग्नेंसी की तीन तिमाही होती है। इनमें से किस अवधि में पेट दर्द कितना खतरनाक हो सकता है, इसे भी जानना जरूरी है।
- पहली तिमाही – अगर आपको प्रेग्नेंसी के आरंभिक हफ्तों में पेट में तेज दर्द व मरोड़ जैसी दिक्कतें आ रही हैं, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। यह गर्भपात के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा गर्भाशय के बाहर विकसित हुई गर्भावस्था को अस्थानिक गर्भावस्था यानी एक्टोपीक प्रेग्नेंसी कहते हैं। यह भी काफी खतरनाक स्थिति है। इस अवस्था में भी पेट दर्द होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
- दूसरी तिमाही – इस अवधि में हल्का फुल्का पेट दर्द खतरनाक नहीं है। इस दौरान गर्भपात का खतरा कम रहता है, लेकिन 12वें सप्ताह से लेकर 24वें सप्ताह के बीच में अगर पेट में तेज मरोड़ के साथ ब्लीडिंग हो, तो फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
- तीसरी तिमाही – इस अवधि में पेट दर्द के कई कारण होते हैं। सबसे पहला तो ये कि प्रसव का समय नजदीक आ रहा है। पर इस अवधि में समय से पूर्व प्रसव सबसे ज्यादा चिंता का विषय रहता है। अगर गर्भवती को पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द, पेट में हल्के मरोड़ व दस्त हों तो यह समय पूर्व प्रसव के लक्षण हैं। इस स्थिति में भी तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के दौरान पेट दर्द होने पर किस तरह की सावधानी बरतें/ How to Prevent Abdominal & Stomach Pain in Hindi
अगर आप भी प्रेग्नेंट हैं, और पेट दर्द की समस्या होती है, तो हम बता रहें हैं कुछ सावधानियां जिन्हें अपनाकर आप राहत पा सकती हैं।
- जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि गैस और कब्ज से भी पेट दर्द होता है, ऐसे में आप फाइबर युक्त भोजन लेने की कोशिश करें। गैस बनाने वाले पदार्थ न खाएं। आपको गोभी, भिंडी, बीन्स व आलू से दूर रहना चाहिए।
- पेट के जिस हिस्से में दर्द हो रहा है, वहां गर्म पानी की बोतल रखकर सिकाई करें। इस बात का ध्यन रखें कि पानी खौलता हुआ न हो।
- दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं।
- एक बार में इकट्ठा भोजन न करें। धीरे-धीरे 4-5 बार खाना खाएं। इससे खाना आसान से पचेगा।
- खुद को न थकाएं, ज्यादा से ज्यादा आराम करें। इससे पेट दर्द में राहत मिलेगी।
- जिस तरफ दर्द हो रहा हो, उसके दूसरी तरफ लेट जाएं और कुछ देर तक आराम करें।
- हल्के गर्म पानी से नहाएं।
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