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ओणम पर्व से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं औऱ इसका महत्व

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Prasoon Pankaj

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4 years ago

ओणम पर्व से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं औऱ इसका महत्व
Festivals

जिस तरीके से उत्तर भारत में दशहरे का त्योहार मनाया जाता है ठीक उसी प्रकार से धूमधाम के संग दक्षिण भारत में खास तौर से केरल में ओणम का त्योहार मनाया जाता है। खेत में अच्छी फसल के लिए हर्षोल्लास मनाया जाता है। ओणम की पूजा किसी मंदिर में नहीं बल्कि घरों में की जाती है। 

ओणम को लेकर क्या है पौराणिक मान्यता?

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    पर्व त्योहारों के पीछे कुछ मान्यताएं जुड़ी होती है। ओणम को लेकर भी गहरी आस्था और मान्यताएं जुड़ी हैं। मान्यताओं के मुताबिक केरल में महाबली नाम का एक असुर राजा था। वामन पुराण के अनुसार असुरों के राजा बलि ने अपने बल और पराक्रम से तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया था। राजा बलि के बढते प्रभाव को देख कर  देवताओं के राजा इंद्र देवता भगवान विष्‍णु से मदद मांगने पहुंचे, तो भगवान विष्‍णु वामन अवतार लेकर बलि से भिक्षा मांगने पहुंचे। वामन ने बलि से तीन पग भूमि मांगी. पहले और दूसरे पग में भगवान ने धरती और आकाश को नाप लिया. अब तीसरा पग रखने के लिए कुछ बचा तो राजा बलि ने कहा कि तीसरा पग उनके सिर पर रख सकते हैं. भगवान वामन ने ऐसा ही किया. इस तरह राजा बलि के आधिपत्‍य में जो कुछ भी था वह देवताओं को वापस मिल गया। इसके साथ ही बलि के भाव को देखकर भगवान वामन ने उन्हें वरदान दिया कि वह साल में एक बार अपनी प्रजा और राज्‍य से मिलने जा सकते हैं. इसी के साथ यह मान्यता पड़ी की राजा बलि ओणम के त्‍योहार पर अपनी प्रजा से मिलने आते हैं।
     

    •   उसके आदर सत्कार में ही ओणम त्योहार मनाया जाता है. ओणम पर्व का खेती और किसानों से गहरा संबंध है. किसान अपने फसलों की सुरक्षा और अच्छी उपज के लिए श्रावण देवता और पुष्पदेवी की आराधना करते हैं. फसल पकने की खुशी लोगों के मन में एक नई उम्मीद और विश्वास जगाती है.
    • इन दिनों पूरे घर की विशेष साफ-सफाई की जाती है. इसके बाद लोग पूरे घर को फूलों से सजाते हैं.  घरों को फूलों से सजाने का कार्यक्रम  पूरे 10 दिनों तक चलता है. लोग अपने दरवाजों पर फूलों से रंगोली भी बनाते हैं.
    • ओणम उत्सव के दौरान एक पारंपरिक दावत समारोह का आयोजन किया जाता है.  इस समारोह में मीठे व्यंजनों के अलावा नौ स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं जिनमें पचड़ी काल्लम, ओल्लम, दाव, घी, सांभर, केले और पापड़ के चिप्स  मुख्य रूप से बनाए जाते हैं . इन व्यंजनों को केले के पत्तों पर परोसा जाता है. लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार वालों को इस पर्व की शुभकामनाएं देते हैं.
    • ओणम भारत के सबसे रंगारंग त्योहारों में से एक है. इस पर्व की लोकप्रियता इतनी है कि केरल सरकार इसे पर्यटक त्योहार के रूप में मनाती है. ओणम पर्व के दौरान नाव रेस, नृत्य, संगीत, महाभोज जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है
    • . ओणम का पर्व 13 दिनों तक मनाया जाता है. ओणम का महत्व केरल के लोगों के लिए काफी मायने रखता है. ओणम के पहले दिन को उथाद्रम कहा जाता है. उथाद्रम के दिन घर की साफ- सफाई कर घर को सजाया जाता है। ओणम को मलयालम कैलेंडर के अनुसार राज्य का कृषि पर्व माना जाता है।

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