mother's day 2023 - मदर्स ...
Mother's day 2023 : क्या आप जानते हैं कि मदर्स डे को मनाए जाने के पीछे का इतिहास काफी रोचक है। यूं तो साल का हर दिन मां और बच्चे के लिए खास होता है लेकिन एक दिन खास तौर से मां के लिए समर्पित करने के पीछे की कहानी क्या है इसके बारे में हम आपको विस्तार से ब्लॉग में बताने जा रहे हैं। इस साल यानि साल 2023 में मदर्स डे किस तारीख को (mother's day date 2023) मनाया जाएगा इसके बारे भी हम इस ब्लॉग में आपको बताएंगे।
मदर्स डे किस तारीख को मनाया जाता है इसको लेकर अक्सर बच्चे आपसे सवाल पूछ सकते हैं। दरअसल मई महीने के दूसरे रविवार के दिन मदर्स डे मनाए जाने की परंपरा है। इस साल 2023 में मदर्स डे 14 मई को मनाया जाएगा जबकि पिछले साल यानि साल 2022 में मदर्स डे 8 मई को मनाया गया था। औपचारिक रूप से साल 1914 में मदर्स डे मनाए जाने के परंपरा की शुरूआत हुई थी। इस ब्लॉग को तो जरूर पढ़ लें:- अलग-अलग भाषाओं में मां को ऐसे विश करें मदर्स डे
अपने देश में मां को शक्ति यानि देवी के रूप में आराधना की जाती है। जहां तक बात रही मदर्स डे के इतिहास की तो ग्रीस जिसे दुनिया यूनान के नाम से भी जानती थी वहां से इसकी परंपरा की शुरुआत हुई। ऐसी मान्यताएं हैं कि ग्रीस देवताओं की मां को भी सम्मान दिया जाता था और उनकी अलग से प्रार्थना की जाती थी। जानकारियों के मुताबिक मदर्स डे को मनाए जाने की शुरुआत एक महिला के द्वारा ही की गई थी। इस महिला का नाम एना जार्विस था। बताया जाता है कि एना जार्विस को अपनी मां से अत्यधिक प्रेम था। मां के निधन हो जाने के बाद एना ने उनके प्रति सम्मान और स्नेह व्यक्त करने के लिए मदर्स डे की शुरुआत की। हालांकि उस दौर में यूरोप में इस विशेष दिन को मदरिंग संडे कहा जाता था.
जाहिर है कि अब आपके मन में भी ये प्रश्न उठ रहे होंगे कि पहली बार मदर्स डे कब मनाया गया? ऐसी जानकारियां है कि साल 1908 के आसपास में मदर्स डे को मनाने का ख्याल आया था, लेकिन 1914 में इस दिन को मनाए जाने का ऐलान किया गया। मई महीने के दूसरे सप्ताह के रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। सबसे पहले अमेरिका में ही मदर्स डे मनाया गया था।
एना जार्विस ने जब मदर्स डे मनाने का फैसला लिया तब उस समय में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन थे, वुड्रो विल्सन ने भी एना जार्विस के इस कदम से प्रेरणा लेते हुए 9 मई 1914 को मदर्स डे मनाने की शुरुआत की। बाजाफ्ता इसके लिए अमेरिका की संसद में इस खास दिन के लिए कानून पास किया गया। इसके बाद से ही मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाने लगा। अमेरिका के बाद यूरोप, भारत और अन्य कई देशों ने भी मई के दूसरे सप्ताह के रविवार को मदर्स डे के तौर पर मनाए जाने की स्वीकृति प्रदान की।
क्रिश्चियन समुदाय के लोग इस खास दिन को वर्जिन मैरी का दिन भी मानते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया है कि यूरोप और ब्रिटेन में इस खास दिन को मदरिंग संडे के तौर पर मनाया जाता था।
भारत की प्राचीन परंपरा में मां का स्थान सर्वोच्च माना जाता है और कहा जाता है कि मां के कदमों में ही जन्नत है। पुराने दौर में मदर्स डे को लेकर कुछ विशेष आयोजन तो नहीं हुआ करते थे लेकिन हाल के कुछ वर्षों में मदर्स डे अपने यहां भी अत्यधिक लोकप्रिय हो चुके हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोग अपनी मां की तस्वीरों को साझा करते हुए मां के प्रति अपनी भावनाओं को इजहार करते हैं। इस दिन को खास बनाने के लिए मां को उसकी पसंदीदा गिफ्ट देना, उनके साथ समय बिताना पसंद करते हैं। हालांकि मां को अपने प्यार और ममता के एवज में कुछ नहीं चाहिए और हमारा मानना है कि महंगी से महंगी गिफ्ट और दौलत का खजाना भी मां के ममता का मोल नहीं लगा सकती है। लेकिन फिर भी, अपनी भावनाओं को शब्दों के माध्यम से या किसी अच्छे गिफ्ट के माध्यम से देने से मां को भी अच्छा महसूस हो सकता है। खास बात ये है कि मदर्स डे रविवार के दिन होता है तो जाहिर है कि आपकी अन्य व्यस्तताएं भी कम होंगी तो इस दिन को आप अपने मां के लिए अभी से रिजर्व कर लें। मां के साथ उस दिन कहीं बाहर जाने का प्लान बना लें या वही काम करें जिसको करने से आपकी मां को खुशी मिलती है। हम सभी के जीवन में मां की भूमिका के बारे में कुछ शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है, ये तो एक जज्बात है, भावना है जो मां और उसकी संतान ही समझ सकती है। सबसे बड़ी बात की मां को शुक्रिया जरूर कहें।
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