एमआर वैक्सीनेशन या टीकाकरण अभियान Dates इंडिया 2018-19 - आपके सवाल-एक्सपर्ट के जवाब

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Prasoon Pankaj

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5 years ago

एमआर वैक्सीनेशन या टीकाकरण अभियान Dates इंडिया 2018-19 - आपके सवाल-एक्सपर्ट के जवाब

मीजल्स (खसरा) एवं रूबेला (Measles-Rubella-Vaccine )टीका अभियान 2018 को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी जोरों पर है। केंद्र सरकार ने मीजल्स और रूबेला कान्जीनेंटल रूबेला सिन्ड्रोम (सीआरएस) बीमारियों को साल 2020 तक खत्म करने का फैसला लिया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत कई और राज्यों में व्यापक रूप से टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है। स्कूलों में भी बेबी वैक्सिनेशन/टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान को लेकर आपके जेहन में भी कई सवाल उमड़ रहे होंगे...

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भारत में एमआर वैक्सीनेशन Dates 2018-19

भारत सरकार ने खसरा और रूबेला (Measles & Rubella) जैसी बीमारियों को ख़त्म करने के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया हुआ है। जिसकी अलग अलग राज्यों में अलग अलग तारीख निर्धारित हैं! इनको जरूर देखें और अपने बच्चे को पास के वैक्सीनेशन केंद्र पर टीकाकरण के लिए जरूर ले जाएँ।

State

MR Vaccination Dates

Delhi

Starting 16 Jan’19

Uttar Pradesh

Starting 27 Nov’18

West Bengal

Starting 27 Nov’18

Maharashtra

Starting 27 Nov’18

Punjab

Started 01 May’18

खसरा एवं रूबेला से सम्बंधित आपके सवाल और एक्सपर्ट्स के जवाब

इस अभियान को लेकर आपके जेहन में भी कई सवाल उमड़ रहे होंगे तो आइये जानते हैं उन सभी सवालों के जवाब...

सवाल- एमआर टीका क्या है?

जवाब- यह मीज़ेल्स (खसरा) और रूबेला से होने वाली बीमारियों से बचाने का टीका है।

सवाल- बच्चों को ये दोनों टीका कहां और कब लगाया जा सकता है?

जवाब-  स्कूल के बच्चों के लिए 27 नवंबर से लेकर अगले 5 सप्ताह के बीच लगाया जाएगा। प्रत्येक स्कूल के लिए अलग-अलग तारीखों को टीकाकरण का कार्यक्रम शेड्यूल किया गया है। जो बच्चे छोटी उम्र के हैं और स्कूल नहीं जाते हैं उनके माता-पिता नजदीकी आंगनवाड़ी, नगरपालिका एवें सरकारी डिस्पेंसरियों में जाकर बच्चे का टीकाकरण करवा सकते हैं।

सवाल- Measles यानि खसरा के लक्षण क्या हैं?

जवाब- खसरा बचपन में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी में बच्चे को बुखार, कफ, दाग-धब्बे निकल आते हैं। खसरा से पीड़ित बच्चों को निमोनिया, गैस्ट्रोएंटेरिटिस और कुपोषण का शिकार होने की संभावना बनी रहती है।

सवाल-  रूबेला वायरस के लक्षण क्या हैं ?

जवाब- रूबेला संक्रमण को जर्मन मीजेल्स के नाम से भी जाना जाता है। ये बीमारी मुख्य रूप से रूबेला वायरस की वजह से ही होता है। इस बीमारी के मुख्य लक्षण हल्का बुखार, चेहरे और गले के पास में चकत्ते हो जाते हैं। ये एक संक्रामक बीमारी है और छींकने, खांसने और सांस लेने के माध्यम से इसका वायरस फैलता है। गर्भावस्था के दौरान रूबेला से संक्रमित हो जाने पर ये संक्रमण गर्भ में पल रहे भ्रूण तक भी पहुंच जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान रूबेला वायरस से संक्रमण होने की स्थिति में गर्भपात या फिर समय से पूर्व प्रसव का जोखिम बना होता है। यदि भ्रूण बच भी जाए तो 80 फीसदी तक इस बात की संभावनाएं होती हैं कि जन्म लेने वाले बच्चे में बहरापन, आंखों की समस्याएं, हृदय संबंधी समस्याएं, मानसिक रूप से मंदता, हड्डियों में जख्म एवं अन्य तरह के रोग से ग्रसित हो सकता है। इस तरह की विकृतियों को CRS यानि Congenital Rubella Syndrome कहते हैं। 

सवाल- ये टीका कितनी बार दी जाएगी

जवाब- सिर्फ एक बार और इसके टीकाकरण को लेकर देश भर में कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

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सवाल- जो बच्चे पूर्व में एमएमआर टीका लगवा चुके है क्या वे फिर से इस साल टीका लगवाएं?

जवाब- 9 महीने से 15 साल की उम्र तक के बच्चों को आप टीका दिलवा सकते हैं।

सवाल- अगर बच्चा बीमार पड़ जाए और उस दिन स्कूल नहीं जा पाया तो ?

जवाब- बच्चा जब स्वस्थ हो जाए तब टीका दिलवा सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको नजदीकी नगरनिगम के डिस्पेंसरी या आंगनवाड़ी से संपर्क करना होगा।

सवाल- टीका लगवाने के लिए कितना शुल्क देना होगा?

जवाब- ये पूरी तरह से मुफ्त है और इसके लिए आपको पैसे नहीं देने होंगे।

सवाल- क्या हम इस टीके को अपने फैमिली डॉक्टर या किसी बच्चे के डॉक्टर से दिलवा सकते हैं ?

जवाब- नहीं, ये टीका सिर्फ अधिकृत केंद्र पर ही  दिलवाएं जा सकते हैं।

सवाल- क्या ये टीका पूरी तरह से सुरक्षित है ?

जवाब- हां ये टीका पूरी से सुरक्षित है।

  •  अपने देश में पिछले 40 साल से इस टीके को सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बनाती आ रही है और सभी डॉक्टरों ने इस टीके को अच्छे से जांचा परखा और इस्तेमाल किया है।
     
  • प्रशिक्षित नर्सों की निगरानी में इस टीके को दिया जाता है
     
  • प्रत्येक केंद्रों पर प्रशिक्षित नर्स, डॉक्टरों की टीम, सरकारी अधिकारी, स्कूल टीचर और प्रिंसिपल की मौजूदगी में बच्चे को टीका लगाया जाएगा।
     
  • टीके को लगाए जाने के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली सिरिंज को सिर्फ एक बार ही यूज किया जाएगा। एक बार टीका लगाए जाने के बाद ये सिरिंज स्वत: नष्ट हो जाएंगे।
     
  • किसी भी प्रकार की अनहोनी से निपटने के लिए सारी आपातकालीन तैयारियां पहले से ही पूरे किए जा चुके हैं।
     
  • बच्चों के डॉक्टरों एवं अन्य अस्पतालों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए मुस्तैद रहने का निर्देश दिया जा चुका है। 

सवाल- क्या इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं ?

जवाब- सामान्य तौर पर इसके साइड इफेक्ट्स बहुत कम देखने को मिले हैं। हल्का दर्द, सूजन, त्वचा पर लाली, और बुखार हो सकता है। ऐसा कुछ लक्षण नजर आने पर पैरासिटामॉल या बर्फ के टुकड़ों को लगाने पर राहत मिल सकती है। इस तरह के प्रभाव आम तौर पर सभी तरह के टीकाकरण के बाद नजर आते हैं।

सवाल- तो क्या आप टीका लेने की सलाह देते हैं ?

जवाब- बेशक, आप जाएं और बच्चे को टीका जरूर लगवाएं। ये सुरक्षित और प्रभावशाली भी है।

 

इस वीडियो को जरूर देखें

 

 

 

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