माता-पिता से बच्चे का होत ...
माता-पिता से बच्चे का होता है अलग ही जुड़ाव

बचपन में बच्चे खूब शैतानी करते हैं। बच्चे ये शैतानी अकेले, किसी दूसरे बच्चे के साथ खेलते हुए व पैरेंट्स के साथ भी करते हैं। ये शैतानी कई बार अच्छी भी लगती है, तो कई बार इससे अभिभावक परेशान व गुस्सा भी हो जाते हैं। गुस्से में वह बच्चे को डांट भी देते हैं। इससे बच्चा कुछ देर के लिए रोता है, माता-पिता से नाराज भी हो जाता है, लेकिन कुछ ही समय बाद फिर से वह माता-पिता के पास आकर खेलने लगता है। उन्हें अलग-अलग तरह से अपना प्यार दिखाता है। ऐसा बच्चे का पैरेंट्स के साथ खास जुड़ाव होने की वजह से ही होता है।
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खास है ये रिश्ता
- अक्सर आप देखते होंगे कि कोई बच्चा माता-पिता के अलावा अपने घर के कुछ अन्य सदस्यों (चाचा, चाची, दादा, दादी, बुआ व मामा) के पास खूब खेलता है। इन लोगों के साथ रहना उसे अच्छा लगता है। इनके साथ वह काफी घूमता भी है, लेकिन इन सबके सामने जब बच्चे के माता-पिता आ जाते हैं, तो वह माता-पिता को ही चुनता है और सभी को छोड़कर उनके पास ही चला जाता है। दरअसल ये सब उसके मां व पिता से खास जुड़ा की वजह से होता है।
- बच्चे से माता-पिता का जुड़ाव प्राकृतिक है और यह जुड़ाव सिर्फ इंसानों में ही नहीं जानवरों में भी देखने को मिलता है। मां अपने बच्चे के लिए जितना बेचैन होती है, शायद ही उतना कोई हो। बच्चे को हर मुसीबत से बचाने की मां की ममता लाजवाब होती है। इसी प्यार का नतीजा है कि बच्चा भी उससे खास जुड़ाव रखता है।
- कई बार बच्चा किसी वजह से खूब रोता है, घर के सदस्यों की ओर से उसे चुप कराने की तमाम कोशिशें नाकाम हो जाती हैं, लेकिन जैसे ही वह मां की गोद में जाता है, चुप हो जाता है। ये मां के प्रति उसका जुड़ाव ही है, जो कुछ मिनटों में ही सभी परेशानियों को दूर कर उसके चेहरे पर खुशियां लौटाती हैं।
- मां बच्चे को 9 महीने तक कोख में रखने के बाद जन्म देती है। बच्चे के लिए वह तमाम कष्ठ सहती है। बच्चे के जन्म देने के बाद भी उसका मां से जुड़ाव रहता है। अगर मां को कोई दिक्कत हो, तो उसका असर बच्चे पर भी पड़ता है। बच्चे भी शायद इस जुड़ाव को महसूस करते हैं और मां के बिना नहीं रह पाते।
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