गर्भावस्था में निम्न रक्त ...
गर्भावस्था में लो ब्लड प्रेशर का होना कोई असामान्य बात नहीं है। यह शरीर में सर्कुलेशन के बढ़ने और हॉर्मोन्स में बदलाव के कारण होता है। गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनों में कम रक्तचाप की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। यह दूसरी तिमाही में भी हो सकती है। एक नार्मल व्यक्ति का ब्लड प्रेशर 120/80 एमएमएचजी होता है। परन्तु अगर आप गर्भवती हैं और आपका ब्लड प्रेशर 90/50 एमएमएचजी से कम है तो उसे लो ब्लड प्रेशर या हाइपोटेंशन कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं जिससे आपको मूड स्विंग्स ,उल्टी ,मिचली और ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार-चढ़ाव आ जाता है।कभी कभी ज्यादा टेंशन लेने से और डिप्रेशन में आने से भी ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट आ जाती है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान एनीमिया और हाइपोग्लाइसीमिया होने से भी बीपी कम हो सकता है। विटामिन-बी12 और फोलिक एसिड की कमी के कारण भी ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।
अगर आपका ब्लड प्रेशर हमेशा नार्मल रहा है तो शायद आप प्रेगनेंसी में होने वाले लो ब्लड प्रेशर की परेशानी को पहचान ना पाए | इसलिए कुछ सामान्य लक्षण जो इससे जुड़े है वो है –बेहोश होना ,सर घूमना ,मिचली महसूस करना, ठंड लगना, धुंधला दिखना, मुँह सूखा लगना, थकान महसूस करना,आदि | इन लक्षणों को ध्यान में रखते हुए आपको कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए जैसेकि -
बीपी(रक्तचाप) के अचानक गिराने पर कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल करके आप रहत पा सकती है | और उसके बाद अपने डॉक्टर से जरूर मिले आप इसे हल्के में लेने की भूल बिलकुल भी ना करे |
अगर आपको हृदय से संबंधित परेशानियां हैं, तो इससे आपके रक्तचाप के स्तर में गिरावट आ सकती है। इससे बचने के लिए अपनी दिनचर्या सही रखें और टेंशन ना लें | जहां तक हो सके अपना ख्याल रखे और खान पान पर ध्यान दें। अपने डॉक्टर से समय समय पर मिले और अपना बीपी जांच कराते रहें।
Be the first to support
Be the first to share
Comment (0)