कुछ इस तरह करे अपने दिन क ...
गर्भावस्था के दौरान आपकी और होने वाले बच्चे की सेहत बहुत मायने रखती है। इस दौरान आपको कोई भी ऐसे काम नहीं करने चाहिए जिससे आपके होने वाले बच्चे को नुकसान पहुंचे। इसके लिए सबसे पहले आपको अपने दिन की अच्छी शुरुआत करनी चाहिए।
मोर्निंग सिकनेस (Morning Sickness) - गर्भधारण के पहले चरण में, सुबह में बहुत परेशानी होती है क्यूंकि सुबह से दोपहर तक उल्टी आती है और मन मिचलाता है पर कुछ औरतों में यह लक्षण काफी दिनों तक रहता है। अगर साधारण शब्दों में बात करें तो सुबह में तबियत खराब उल्टी या मन मिचलाने से ही होता है जो पहले तीन माह तक ज्यादा रहता है। इसके लिए आप नीम्बू को हर घंटे कुछ समय के लिए सूंघे अगर आपको उल्टी जैसा लग रहा हो। इससे आपको सामान्य महसूस होगा। अदरक का इस्तमाल करें। अदरक प्राकृतिक तरीके से उल्टी का उपचार करता है। अदरक वाली चाय पीयें और घीसे अदरक को दिन में तीन या चार बार चबाएं | इस ब्लॉग को जरूर पढ़ें : प्रेगनेंसी में वोमिटिंग से जुडी कुछ ख़ास बातें
स्ट्रेचिंग और व्यायाम - गर्भकाल के दौरान व्यायाम आपके शरीर में रक्त का संचार अच्छा करता है। ताजी हवा आपके फेफड़ों तक पहुंचती है। इससे आपके शरीर को और होने वाले बच्चे को काफी लाभ होता है। गर्भकाल के दौरान महिलाओं को अक्सर पीठ और कमर में दर्द की शिकायत बनी रहती है। इसके लिए इन्हें बैक एक्सरसाइज करना चाहिए। फिट रहने के लिए महिला को प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट कसरत और योग करना बहुत ज़रूरी है। वैसे तो हर दिन कसरत करना आइडियल है, लेकिन अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं तो कम से कम सप्ताह में 5 दिन कसरत करना तो ज़रूर करें।
पोषण से भरपूर नाश्ता - नाश्ता रात के खाने के बाद पहला आहार होता है। सुबह का नाश्ता न केवल स्वस्थ गर्भावस्था में मदद करता है, बल्कि यदि आप नियमित रूप से हेल्दी ब्रेकफास्ट कर रही हैं तो गर्भावस्था की जटिलतायें भी कम होती है। सुबह का नाश्ता करने से तनाव और थकान नही होती और दिनभर आप खुद को तरोताजा महसूस करती हैं। इसके लिए साबुत अनाज, डेयरी उत्पाद, फल और सब्जियां खायें। दालें, ब्राउन राइस, दलिया, कॉर्न आदि का सेवन सुबह के आहार में किया जा सकता है। गर्भवती महिला सुबह के नाश्ते में डेयरी उत्पाद का सेवन करना चाहिए। सुबह एक गिलास दूध लेना फायदेमंद रहेगा गर्भावस्था के दौरान नाश्ते में फल और जूस लीजिए। लेकिन आप कोशिश यह कीजिए कि ताजे फलों का ही जूस पियें, डिब्बाबंद जूस पीने से बचें। गर्भवती महिलायें नाश्ते में अंडा या अंडा का ऑमलेट ले सकती हैं। पालक के साथ भी ऑमलेट ले सकती हैं। इस ब्लॉग को जरूर पढ़ें : प्रेगनेंसी के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
स्पेशल मोमेंट को एन्जॉय करें - प्रेग्नेंट होने की ख़ुशी सिर्फ एक महिला ही समझ सकती है। ऐसे में बहुत से काम होते हैं जो महिला पहले भी करती थी, लेकिन गर्भवती इस स्पेशल मोमेंट को अच्छे से एन्जॉय करे और खुश रहें साथ ही जो काम हों उनको भी करें। प्रेगनेंसी में महिला को खुश रहना चाहिए जिससे होने वाले बच्चे पर अच्छा असर पड़ेगा। प्रेगनेंसी में खुश रहने से माँ और शिशु दोनों का स्वाथ्य अच्छा रहता है
यादों का पिटारा बनाए- गर्भावस्था के दौरान खुश रहने का एक पहलु यह भी है। आप गर्भावस्था के अपने अनुभवों को हमेशा सहेज कर रख सकती हैं। हो सकता है कि आपका आशावादी रवैया किसी और के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सके। आप डायरी बना सकती हैं ,ब्लॉग बना सकती हैं,तस्वीरें खिंचवा कर रख सकती हैं
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