1. भगवान कृष्ण के 108 नामों ...

भगवान कृष्ण के 108 नामों पर रखें बच्चे का नाम

0 to 1 years

Prasoon Pankaj

1.1M बार देखा गया

1 years ago

भगवान कृष्ण के 108 नामों पर रखें बच्चे का नाम
शिशु की मालिश
Baby Name

भगवान कृष्ण का बाल स्वरूप बरबस ही आकर्षित करता है। हर मां अपने बच्चे में कृष्ण भगवान के स्वरूप को देखती है। यही वजह है कि गर्भावस्था के दौरान अधिकांश मां अपने कमरे में कान्हा के बचपन की तस्वीर को रखती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक संतान की कामना को लेकर कृष्ण भगवान के बाल स्वरूप बाल गोपाल की पूजा करने की भी परंपरा है। एक मात्र कृष्ण ही हैं जिनके बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। कृष्ण के अनेक नाम (krishna name) हैं और आप अपने बच्चे का नाम कृष्ण भगवान (boy names inspired by lord krishna) के नाम पर रखना चाहते हैं तो इसमें हम आपकी मदद जरूर करेंगे। इस ब्लॉग में कृष्ण भगवान के नाम (lord krishna names) और उनके अर्थ विस्तार से बताए गए हैं।

भगवान कष्ण के नाम और उनके अर्थ / krishna Name Meaning in Hindi

More Similar Blogs

    1 कृष्ण : सब को अपनी ओर आकर्षित करने वाला। जो सर्व आकर्षण है, जो अपनी ओर खींचता है वो कृष्ण है।

    2 गिरिधर : भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने बांय हाथ की कनिष्का ऊँगली से उठाया था जिस कारण भगवान का नाम गिरधर, गिरधारी पड़ा। गिरी: पर्व, धर: धारण करने वाला। अर्थात गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले।

    3 मुरलीधर : मुरली को धारण करने वाले।

    4 पीताम्बर धारी : पीत : पीला, अम्बर : वस्त्र। जिसने पीले वस्त्रों को धारण किया हुआ है।

    5 मधुसूदन : मधु नामक दैत्य को मारने वाले। भगवान श्री कृष्ण ने एक दैत्य को मारा था जिसका नाम मधु था। इसलिए भगवान -का नाम मधुसूदन पड़ा।

    6 यशोदा नंदन : माँ यशोदा ने कृष्ण को पाला था, इसलिए के पुत्र होने के कारण कृष्ण का नाम यशोदा नंदन पड़ा।

    7 देवकी नंदन : माँ देवकी ने कृष्ण को जन्म दिया इसलिए भगवान देवकी-नंदन कृष्ण कहलाते हैं।

    8 गोपाल : गौओं को पालने वाला।

    9 गोविन्द: इन्द्रियों के स्वामी, जो गोप, गोपियों को आनंद दे।

    10 आनंद कंद : आनंद की राशि देने वाला। जो सुख दुःख से ऊपर है। जो आनंद की खान है।

    11 कुञ्ज बिहारी : भगवान श्री कृष्ण कुञ्ज गलियों में विहार करते थे, इसलिए इनका नाम कुञ्ज बिहारी पद गया।

    12 चक्रधारी : सुदर्शन चक्र धारण करने वाले। जिस ने सुदर्शन चक्र या ज्ञान चक्र या शक्ति चक्र को धारण किया हुआ है।

    13 श्याम : सांवले रंग वाला।

    14 माधव : जब भगवान छोटे थे और माखन चुरा के भागते थे तब मैया यशोदा कहती थी। मा धव मा धव। जिसका अर्थ है- मत भाग, मत भाग। इसलिए भगवान का नाम पड़ा माधव।

    15 मुरारी : मुर नामक दैत्य का भगवान ने वध किया और नाम पड़ा माधव।

    16 असुरारी : असुरों के शत्रु।

    17 बनवारी : वनों में विहार करने वाले। भगवान ने वृन्दावन, निकुंज वन, निधिवन में विहार किया।

    18 मुकुंद : जिन के पास निधियाँ है। जो कान में सफेद कनेर का पुष्प लगते हैं।

    19 योगेश्वर : जो योगियों के भी ईश्वर, मालिक हैं।

    20 गोपेश : जो गोपियों के इष्ट हैं।

    21 हरि : जो पापों को और दुःखों का हरण करने वाले हैं।

    22 मनोहर : जो मन का हरण करने वाले हैं।

    23 मोहन : सम्मोहित करने वाले, सबको मोहने वाले।

    24 जगदीश : जगत के मालिक।

    25 पालनहार : जो सबका पालन पोषण करने वाले हैं।

    26 मनमोहन – जो मन को मोहने वाले हैं।

    27 रुक्मिणी वल्लभ : रुक्मणी के पति हैं।

    28 केशव : जिनके केश सुंदर हैं और जिन्होंने केशी नाम के दैत्य को मारा हैं। आज भी वृन्दावन में यमुना तट पर केशी घाट हैं।

    29 वासुदेव : वसुदेव के पुत्र होने के कारण, या जो इन्द्रियों के स्वामी हैं।

    30 रणछोड़ : एक बार भगवान श्री कृष्ण युद्ध भूमि से भाग गए थे और उनका नाम पड़ा रणछोड़।

    31 गुड़ाकेश : निंद्रा को जितने वाले। ये नाम भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिलवाया।

    32 हृषिकेश : इन्द्रियों को जितने वाले।

    33 दामोदर : एक बार माँ यशोदा ने भगवान कृष्ण के पेट को रस्सी से बाँध दिया था और भगवान का नाम पड़ा दामोदर।

    34 पूर्ण परब्रह्म : जिसके अंदर कोई कमी नहीं हैं जो पूर्ण हैं और जो देवताओं के भी मालिक हैं। वो पूर्ण परब्रह्म हैं।

    35 देवेश : जो देवों के भी ईश हैं।

    36 नाग नथिया : कलियाँ नाग को नाथने के कारण भगवान का नाम पड़ा नाग नथिया।

    37 वृष्णिपति : वृष्णि नामक कुल में उत्पन्न होने के कारण।

    38 यदुपति : यादवों के मालिक।

    39 यदुवंशी : यदु वंश में अवतार धारण करने के कारण।

    40 द्वारकाधीश : द्वारका नगरी के मालिक।

    41 नागर : जो सुंदर हैं।

    42 नटवर : जो एक जादूगर (नट) की तरह हैं, एक कलाकार की तरह हैं।

    43 छलिया : जो छल करने वाले हैं।

    44 राधा रमण : राधा रानी के साथ रमन करने के कारण।

    45 अघहारी : अघ का अर्थ होता हैं पाप। जो पापों का हरण करने वाले हैं।

    46 रास रचइया : रास रचाने के कारण।

    47 अच्युत : जिसे पद से कोई नहीं हटा सकता। जिसका वास अखंड है। जिस के धाम से कोई वापिस नही आता है।

    48 नन्द लाला : श्री नन्द जी के पुत्र होने के कारण कृष्ण का नाम नंदलाला पड़ा।

    49 हे नाथ – जो सबके स्वामी हैं।

    50 नारायण : जिनका वास जल में हैं।

    51 बांके बिहारी – वृन्दावन में प्रकट होने के कारण श्रीकृष्ण का एक नाम बांके-बिहारी हैं

    image

    कृष्ण भगवान के 108 नाम और उनके अर्थ

    1. कृष्ण – आकर्षित करने वाला, विश्व का प्राण, उसकी आत्मा।

    2. कमलनाथ – भगवान विष्णु, कमला के भगवान।

    3. वासुदेव – श्री कृष्ण के पिता, धन के भगवान।

    4. सनातन – शाश्वत या ‘हमेशा बना रहने वाला’, अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त।

    5. वसुदेवात्मज – वासुदेव के पुत्र

    6. पुण्य – अति शुद्ध

    7. लीलामानुष विग्रह – मानव जाति को भूतकाल प्रदर्शन करने के लिए मान लेना

    8. श्रीवत्स कौस्तुभधराय – श्री वत्स और कौस्तुभ रत्न पहने

    9. यशोदावत्सल – माँ यशोदा का प्यारा बच्चा

    10. हरि – प्रकृति के भगवान

    11. चतुर्भुजात्त चक्रासिगदा – चार भुजा शास्त्र धारण किये हुए।

    12. सङ्खाम्बुजा युदायुजाय – सुदर्शन-चक्र, एक तलवार, गदा, शंख-कमल, कमल का फूल, और विभिन्न वाटों को धारण करने वाले।

    13. देवकीनन्दन – माता देवकी के पुत्र

    14. श्रीशाय – श्री (लक्ष्मी) का निवास

    15. नन्दगोप प्रियात्मज – नंदा गोप का प्यारा बच्चा

    16. यमुनावेगा संहार – यमुना नदी की गति को नष्ट करने वाला

    17. बलभद्र प्रियनुज – बलराम का छोटा भाई

    18. पूतना जीवित हर – राक्षसी पूतना को मारने वाले

    19. शकटासुर भञ्जन – दानव शकटासुर का संहारक

    20. नन्दव्रज जनानन्दिन – नंद और ब्रज के लोगों के लिए खुशी लाने वाला

    21. सच्चिदानन्दविग्रह – अस्तित्व, जागरूकता और आनंद का अवतार

    22. नवनीत विलिप्ताङ्ग – भगवान जिनका शरीर माखन से लिप्त हो।

    23. नवनीतनटन – मक्खन के लिए जो नाचते हैं।

    24. मुचुकुन्द प्रसादक – प्रभु ने मुचुकुन्द को धारण किया

    25. षोडशस्त्री सहस्रेश – 16,000 महिलाओं के प्रभु

    26. त्रिभङ्गी – तीन बल (गर्दन, कमर और पैर में) देकर खड़ा

    27. मधुराकृत – आकर्षक रूप

    28. शुकवागमृताब्दीन्दवे – सुकदेव (शुका) के अनुसार अमृत का महासागर

    29. गोविन्द – जो गायों, भूमि और संपूर्ण प्रकृति को प्रसन्न करता है।

    30. योगीपति – योगियों के भगवान

    31. वत्सवाटि चराय – बछड़ों की देखभाल, उन्हें चराने वाले

    32. अनन्त – अंतहीन भगवान

    33. धेनुकासुरभञ्जनाय – भगवान जो आस-दानव धेनुकासुर को हरा देते हैं

    34. तृणी-कृत-तृणावर्ताय – बवंडर दानव त्रिनवार्ता का संहार करने वाले

    35. यमलार्जुन भञ्जन – अर्जुन भगवान नारा के अवतार थे जो भगवान विष्णु के सबसे अच्छे दोस्त थे।

    36. उत्तलोत्तालभेत्रे – धेनुका का संहार करने वाले

    37. तमाल श्यामल कृता – उनका शरीर तामला के पेड़ की तरह है, बहुत ही काला।

    38. गोप गोपीश्वर – गोपी और गोपियों का भगवान

    39. योगी – योगियों में श्रेष्ठ; महान योगी

    40. कोटिसूर्य समप्रभा – एक लाख सूर्य के रूप में चमकने वाले।

    41. इलापति – जो ज्ञान के स्वामी हैं।

    42. परंज्योतिष – परम ज्योति – पूर्ण प्रकाश

    43. यादवेंद्र – यादव वंश के भगवान

    44. यदूद्वहाय – यदुओं का नेता

    45. वनमालिने – एक चांदी की माला पहने हुए

    46. पीतवससे – पीले वस्त्र पहने हुए।

    47. पारिजातापहारकाय – पारिजात फूल

    48. गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे – गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊँगली से उठाने वाले।

    49. गोपाल – गायों के रक्षक।

    50. सर्वपालकाय – सभी जीवों के रक्षक

    51. अजाय – जीवन और मृत्यु के विजेता

    52. निरञ्जन – निष्कलंक भगवान

    53. कामजनक – सांसारिक मन में एक उत्पन्न करने वाली इच्छाएँ

    54. कञ्जलोचनाय – सुंदर आंखों वाले

    55. मधुघ्ने – दानव मधु के संहारक

    56. मथुरानाथ – मथुरा के भगवान

    57. द्वारकानायक – द्वारका के नायक

    58. बलि – शक्ति के भगवान

    59. बृन्दावनान्त सञ्चारिणे – वृंदावन के बाहरी इलाकों के बारे में

    60. तुलसीदाम भूषनाय – तुलसी माला धारण किये हुए

    61. स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे – जिन्होंने स्यामंतका गहना का विनियोजन किया

    62. नरनारयणात्मकाय – नारा-नारायण

    63. कुब्जा कृष्णाम्बरधराय –

    64. मायिने – जादूगर, माया के भगवान

    65. परमपुरुष – सर्वोच्च

    66. मुष्टिकासुर चाणूर मल्लयुद्ध विशारदाय – संसारवासी

    67. संसारवैरी – भौतिक अस्तित्व के दुश्मन

    68. कंसारिर – राजा कंस के शत्रु

    69. मुरारी – दानव मुरा के दुश्मन

    70. नाराकान्तक – दानव नरका का संहार करने वाले

    71. अनादि ब्रह्मचारिक – जिसकी सीमा न हो; जिसका आदि न हो; जिसका आदि या आरंभ न हो। जो सदा से बना चला आ रहा हो।

    72. कृष्णाव्यसन कर्शक – द्रौपदी के संकट का निवारण

    73. शिशुपालशिरश्छेत्त – शिशुपाल का सिर धड़ से अलग करने वाले

    74. दुर्यॊधनकुलान्तकृत – दुर्योधन के राजवंश का विनाशक

    75. विदुराक्रूर वरद – दानव नरका का संहार करनेवाला

    76. विश्वरूपप्रदर्शक – विश्वरूपा का प्रकटीकरण (सार्वभौमिक रूप)

    77. सत्यवाचॆ – सत्य बोलने वाला

    78. सत्य सङ्कल्प – सच्चे संकल्प के भगवान

    79. सत्यभामारता – सत्यभामा के प्रेमी

    80. जयी – हमेशा विजयी भगवान

    81. सुभद्रा पूर्वज – सुभद्रा के भाई

    82. विष्णु – भगवान विष्णु

    83. भीष्ममुक्ति प्रदायक – भीष्म को मोक्ष दिलाने वाले

    84. जगद्गुरू – ब्रह्मांड के पूर्वदाता

    85. जगन्नाथ – ब्रह्मांड के भगवान

    86. वॆणुनाद विशारद – बांसुरी संगीत के बजाने में एक विशेषज्ञ

    87. वृषभासुर विध्वंसि – दानव वृषासुर के संहारक

    88. बाणासुर करान्तकृत – भगवान जिन्होंने बनसुरा के शस्त्रों को जीत लिया

    89. युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे – युधिष्ठिर को एक राजा के रूप में स्थापित करने वाले

    90. बर्हिबर्हावतंसक – मोर पंख सजाये हुए

    91. पार्थसारथी – अर्जुन के रथ चालक

    92. अव्यक्त – अनभिव्यक्‍त

    93. गीतामृत महोदधी – भगवद्गीता का अमृत युक्त एक महासागर

    94. कालीयफणिमाणिक्य रञ्जित श्रीपदाम्बुज – भगवान जिनके कमल के पैर कालिया नाग के हुड से रत्न धारण करते हैं

    95. दामॊदर – कमर में एक रस्सी के साथ बंधे

    96. यज्ञभोक्त – यज्ञ और तपों का भोक्ता और सम्पूर्ण लोकों का महान् ईश्वर तथा भूतमात्र का सुहृद् (मित्र

    97. दानवॆन्द्र विनाशक – असुरों के भगवान का नाश करने वाला

    98. नारायण – जो भगवान विष्णु है

    99. परब्रह्म – परम ब्रह्म

    100. पन्नगाशन वाहन – जिसका वाहक (गरुड़) देवराज सर्प है

    101. जलक्रीडा समासक्त गॊपीवस्त्रापहाराक – भगवान जो गोपी के कपड़े छिपाते थे जबकि वे यमुना नदी में खेलते थे

    102. पुण्य श्लॊक – प्रभु किसकी स्तुति करता है श्रेष्ठ गुणगान करता है

    103. तीर्थकरा – पवित्र स्थानों के निर्माता

    104. वॆदवॆद्या – वेदों का स्रोत

    105. दयानिधि – करुणा का खजाना

    106. सर्वभूतात्मका – तत्वों की आत्मा

    107. सर्वग्रहरुपी – सम्पूर्णता

    108. परात्पराय – महानतम से महान

    image

    श्रीकृष्ण के अन्य प्रचलित नाम

    अचला, अच्युत, अद्भुतह, आदिदेव, अदित्या, अजन्मा, अजया, अक्षरा, अमृत, अनादिह, आनंद सागर, अनंता, अनंतजीत, अनया, अनिरुद्धा, अपराजित, अव्युक्ता, बाल गोपाल, बलि, चतुर्भुज, दानवेंद्रो, दयालु, दयानिधि, देवाधिदेव, देवकीनंदन, देवेश, धर्माध्यक्ष, द्वारकाधीश, गोपाल, गोपालप्रिया, गोविंदा, ज्ञानेश्वर, हरि, हिरण्यगर्भा, ऋषिकेश, जगद्गुरु, जगदीशा, जगन्नाथ, जनार्धना, जयंतह, ज्योतिरादित्या, कमलनाथ, कमलनयन, कामसांतक, कंजलोचन, केशव, कृष्ण, लक्ष्मीकांत, लोकाध्यक्ष, मदन, माधव, मधुसूदन, महेन्द्र, मनमोहन, मनोहर, मयूर, मोहन, मुरली, मुरलीधर, मुरली मनोहर, नंदगोपाल, नारायन, निरंजन, निर्गुण, पद्महस्ता, पद्मनाभ, परब्रह्मन, परमात्मा, परम पुरुष, पार्थसारथी, प्रजापति, पुण्य, पुरुषोत्तम, रविलोचन, सहस्राकाश, सहस्रजीत, सहस्रपात, साक्षी, सनातन, सर्वजन, सर्वपालक, सर्वेश्वर, सत्य वचन, सत्यव्त, शंतह, श्रेष्ठ, श्रीकांत, श्याम, श्यामसुंदर, सुदर्शन, सुमेध, सुरेशम, स्वर्गपति, त्रिविक्रमा, उपेन्द्र, वैकुंठनाथ, वर्धमानह, वासुदेव, विष्णु, विश्वदक्शिनह, विश्वकर्मा, विश्वमूर्ति, विश्वरूपा, विश्वात्मा, वृषपर्व, यदवेंद्रा, योगि और योगिनाम्पति।  

     

    Be the first to support

    Be the first to share

    support-icon
    Support
    bookmark-icon
    Bookmark
    share-icon
    Share

    Comment (0)

    Related Blogs & Vlogs

    Reflections of A First Time Moms

    Reflections of A First Time Moms


    0 to 1 years
    |
    98.2K बार देखा गया
    6 weeks - 12 months Baby Immunization Calendar

    6 weeks - 12 months Baby Immunization Calendar


    0 to 1 years
    |
    4.5M बार देखा गया