कैसे बनाएं बच्चों को सहनशील व गंभीर

हर पैरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे को अच्छी परवरिश मिले, उनका बच्चा सहनशील व गंभीर रहे, ताकि आगे जाकर वह कामयाब हो सके। पर बच्चे को सहनशील व गंभीर कैसे बनाया जाए, इसे लेकर मां-बाप परेशान रहते हैं। दरअसल कई बच्चे काफी शरारती व जिद्दी होते हैं। ऐसे में उनको समझाना काफी मुश्किल होता है। कई बार पैरेंट्स बच्चे को सुधारने के चक्कर में उनसे सख्ती से पेश आते हैं, लेकिन ये सही समाधान नहीं है। आपके गुस्सा करने व सख्ती से बच्चा और जिद्दी हो सकता है। अगर आप अपने बच्चे को सहनशील व गंभीर बनाना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखते हुए अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग तरह से बिहेव करें।
जब बच्चा जिद करे कई बार बच्चे के जिद करने पर पैरेंट्स सीधे कह देते हैं कि तुम जो मांग कर रहे हो, वह तुम्हें नहीं मिलेगा, जबकि कई बार बच्चे की मांग जायज भी होती है। वहीं कई बार बच्चे की खुशी के लिए पैरेंट्स उनकी नाजायज मांग को भी पूरी कर देते हैं। दोनों ही स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए जरूरी है कि आप पहले यह तय करें कि बच्चा जो मांग रहा है वह उसके लिए कितना जरूरी है। उसके बाद ही उसकी जिद पूरी करें।
इसके अलावा हमेशा सख्ती का रवैया और हमेशा न कहना भी ठीक नहीं है। जो बातें मानने वाली हैं, उसे मान लेना चाहिए। अगर बच्चे की कुछ बातें मान ली जाएंगी, तो वह जिद कम करेगा।
अगर एक बार बच्चे को इनकार कर दिया, तो फिर बच्चे की जिद के आगे झुककर हां न करें। अगर बच्चे को मालूम हो कि पैरेंट्स की हां का मतलब हां और ना का मतलब ना है, तो वह जिद नहीं करेगा और सहनशील बनेगा।
गालीगलौज करे तो बच्चा जब गाली देता है, तो पैरेंट्स अक्सर बुरी तरह रिएक्ट करते हैं। उसे उलटा सीधा बोलने लगते हैं। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो इसे बंद कर दें। उसे कुछ इस तरह समझाएं।
बच्चे का जब मडू ठीक हो तो उसे प्यार से समझाएं कि इस तरह गाली दोगो तो सब तुम्हें बुरा कहेंगे। क्लास में कोई भी तुमसे बात नहीं करेगा।
बच्चे के सामने खुद भी कभी गाली व खराब भाषा का इस्तेमाल न करें। बच्चा जो आपसे सुनेगा, वही सीखेगा।
दूसरे बच्चों से मारपीट करे तो कई पैरेंट्स इस बात से खुश होते हैं, कि उनका बच्चा मार खाकर नहीं आता, बल्कि दूसरे बच्चों को मारकर आता है। वह इसके लिए बच्चे की तारीफ भी करते हैं। वहीं कुछ ऐसे पैरेंट्स हैं, जो बच्चे के मारपीट करके आने पर उसकी पिटाई शुरू कर देते हैं। ऐसे में बच्चा और पिटने लगता है। उसका विरोध भी नहीं करता। दोनों ही चीजें गलत हैं।
बच्चे को प्यार से समझाएं कि अगर आप मारपीट करोगे, तो कोई आपसे बात नहीं करेगा। क्लास में कोई भी आपसे दोस्ती नहीं करेगा। आप उसे मारपीट के नुकसान बताएं, इन सब चीजों से वह सहनशील बनेगगा।
इन बातों का भी रखें ध्यान ऊपर दिए गए हालातों के अलावा इन बातों की भी ध्यान जरूर रखें।
खुद भी दिखाएं गंभीरता व सहनशीलता अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा सहनशील व गंभीर बने, तो इसके लिए आपको खुद के अंदर भी ये दोनों गुण रखने चाहिएं। अगर आप छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करेंगे, रिएक्ट करेंगे व झल्लाएंगे तो आपका बच्चा भी ये सब देखकर यही करेगा। उसके अंदर भी सहनशीलता नहीं आएगी।
बच्चों को प्रेरक कहानी सुनाएं अगर आप बच्चे को सहनशील व गंभीर बनाना चाहते हैं, तो उसे इसका महत्व बताते हुए प्रेरक कहानियां सुनाएं। उन्हें कहानी के जरये सहनशीलता का महत्व भी बताएं।
खान-पान व नींद का रखें ध्यान आजकल ज्यादा सीखने की चाह में बच्चों पर स्कूल, ट्यूशन और घर पर पढ़ाई का बोझ एक साथ पड़ रहा है। इसके अलावा बच्चे पूरी नींद नहीं लेते हैं, उनका खान-पान भी ठीक नहीं रहता है, इन सबसे उसमें शुगर कम हो जाता है और उनमें गुस्सा और चिड़चिड़ापन आ जाता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे का खानपान ठीक रखें। उसे कम से कम 7 घंटे सोने दें।
बच्चे को सिखाएं व्यवहार करना अपने बच्चे को समय-समय पर अच्छा व्यवहार करना सिखाते रहें।
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