क्या गर्भावस्था में मछली ...
बचपन में एक कविता पढ़ते थे, “मछली जल की रानी है”। एक्सपर्ट बताते हैं कि मछली (Fish), दिमाग को तंदरुस्त और स्फूर्तिवान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर प्राकृतिक स्त्रोत की बात करें तो, मछली ही एक जीव है जिसकी वसा में ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में पाई जाती है। आपके बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के में ये वसा संजीवनी का काम करती है। तुलनात्मक दृष्टि से देखे तो वो संतान जिनकी माताओं ने गर्भावस्था के दौरान मछली का प्रयोग (Fish In Pregnancy) किया था, जन्म के समय दूसरे बच्चों से स्वस्थ होते हैं। तो आइये जानें कि गर्भावस्था में मछली के सेवन से होने वाले फ़ायदे (fish is good for pregnancy) क्या क्या हैं?
नोट : गर्भावस्था के दौरान मछली का सेवन किया जाना चाहिए, लेकिन इसका सेवन कम मात्रा में करें।
हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान सारी मछलियों का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। खासकर, एक सप्ताह में तैलीय मछली की दो से ज्यादा सर्विंग न खाएं। तैलीय मछलियों में बांगड़ा, पेड़वे या माथी मीन, रावस या सामन मछली, ट्राउट, चूरा, पिलचर्ड और हिल्सा या भिंग शामिल हैं।
ऐसे में, आप के लिए ये जानना जरूरी है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कौन सी मछलियां को खा सकते हैं (which fish is good for pregnancy), लेकिन वह भी एक सीमित मात्रा में : प्रेग्नेंसी के दौरान जिन मछलियों का सेवन सुरक्षित है उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार की है (list of safe fish during pregnancy)- सी ब्रीम, टरबोट, हलिबेट (कुप्पा / जेडार), डॉगफिश, एन्कोवी, हिलसा, छोटी समुद्री मछली, इंद्रधनुषी मछली, सैल्मन, सार्डिन, व्हाइटफ़िश।
इन मछलियों का सेवन गर्भावस्था में भूलकर भी न करें (fish to avoid during pregnancy) : स्वोर्डफ़िश, शार्क, टाइलफिश, बांगड़ा, फ्रोजेन टूना, धारीदार बास, ब्लू फिश।
गर्भ के समय तो मां को भोजन में मछली का प्रयोग करना ही चाहिए, बच्चे के जन्म के बाद भी ये आवश्यक है,’कम से कम तब तक जब तक माँ को ही दुग्धपान कराना हो’। महत्वपूर्ण ये है कि इस समयावधि में मछली का प्रयोग माँ के स्वस्थ होने का भी पूरक होता है। सप्ताह में एक मछली का प्रयोग माँ को आंतरिक तौर पर मज़बूत रखता है। जीवविज्ञान में हो रहे शोध की मानें तो, गर्भावस्था के दौरान मछली जच्चा और बच्चा दोनों के लिए अमृत होती है। विश्व का वैज्ञानिक इतिहास हो या पौराणिक इतिहास, एक प्राकृतिक स्रोत के रूप में मछली का प्रयोग आवश्यक और अतुलनीय रहा है।
मछली में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस टेबल (fish during pregnancy chart) की मदद ले सकते हैं।
पोषक तत्व | मूल्य प्रति 100 ग्राम |
पानी | 49.5 g |
ऊर्जा | 277 kcal |
प्रोटीन | 11.01 g |
शुगर | 1.65 g |
कैल्शियम, Ca | 16 mg |
आयरन, Fe | 0.84 mg |
मैग्नीशियम, Mg | 25 mg |
फास्फोरस, P | 191 mg |
थियामिन | 0.122 mg |
राइबोफ्लेविन | 0.116 mg |
नियासिन | 1.536 mg |
विटामिन बी-6 | 0.078 mg |
फोलेट | 24 µg |
विटामिन बी-12 | 0.96 µg |
विटामिन ए, RAE | 4 µg |
विटामिन ए, IU | 18 IU |
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरोल) | 6.88 mg |
कोलेस्ट्रॉल | 28 mg |
टोटल लिपिड (फैट) | 16.23 g |
कार्बोहाइड्रेट | 21.66 g |
फाइबर, टोटल डाइटरी | 1.5 g |
पोटेशियम, K | 185 mg |
सोडियम, Na | 402 mg |
जिंक, Zn | 0.42 mg |
कॉपर, Cu | 0.059 mg |
मैंगनीज, Mn | 0.182 mg |
सेलेनियम, Se | 15.7 mg |
विटामिन डी (डी 2 +डी 3) | 1 IU |
विटामिन-के | 4.7 µg |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 3.733 g |
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 3.193 g |
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 7.824 g |
मछली खाने के बहुत सारे फायदे हैं, अपने देश के कई हिस्से हैं जहां मछली प्रमुख खाद्य पदार्थ है।
इस ब्लॉग को पढ़ने वाले बहुत सारे लोग ऐसे भी होंगे जिन्होंने अब तक मछली का सेवन नहीं किया होगा तो उनके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि मछली का प्रयोग अपने आहार में आप किस रूप में कर सकते हैं।
मछली से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या रोज मछली खाना अच्छा है?
जैसा कि हम जानते हैं कि किसी प्रकार के खाद्य पदार्थ का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने के नुकसान हो सकते हैं तो मछली का सेवन सप्ताह में दो बार मछली किया जा सकता है।
क्या त्वचा से संबंधित समस्या के दौरान मछली का सेवन कर सकते हैं ?
विशेषज्ञों के मुताबिक मछली का सेवन त्वचा के लिए अच्छा हो सकता है। यह सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा को बचा सकती है।
मछली ताजी है या बासी, इसका पता कैसे चलेगा?
ये जानना बहुत जरूरी है क्योंकि ताजी मछली का सेवन करना चाहिए। मछली की गंध से इसके ताजे होने का पता लगाया जा सकता है। अगर मछली को मरे हुए बहुत देर हो गई है, तो उसकी गंध में बदबू आने लगती है।
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