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क्यों है गर्भावस्था में विटामिन-ए आवश्यक, इसकी कमी के परिणाम

Pregnancy

Prasoon Pankaj

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1 years ago

क्यों है गर्भावस्था में विटामिन-ए आवश्यक, इसकी कमी के परिणाम
कैलोरी निर्देश
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सेरेब्रल पाल्सी

आपने विटामिन-ए की खासियतों व इससे मिलने वाले फायदों के बारे में खूब सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्भावस्था में इसका महत्व और बढ़ जाता है। दरअसल आम दिनों की तुलना में प्रेग्नेंसी में ज्यादा विटामिन-ए की जरूरत पड़ती है। एक्सपर्ट के अनुसार गर्भावस्था में एक महिला को रोजाना 100mcg विटामिन-ए की जरूरत पड़ती है। विटामिन-ए न सिर्फ गर्भवती को फायदा पहुंचाता है बल्कि इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को भी कई लाभ होते हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे आखिर गर्भावस्था में क्यों जरूरी है विटामिन-ए और इसकी कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं।

विटामिन ए क्यों है आवश्यक?

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    प्रेग्नेंसी में विटामिन-ए महिला की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। इससे गर्भावस्था के दौरान उसके बीमार पड़ने की आशंका कम रहती है। इसके अलावा पेट में पल रहे शिशु का भी विकास लगातार होता है, जिस वजह से विटामिन-ए की जरूरत और बढ़ जाती है। अगर महिला गर्भावस्था में विटामिन-ए ठीक से ले तो इससे बच्चे का विकास भी तेजी से व अच्छे से होता है। यही वजह है कि प्रेग्नेंसी के दौरान इसे इतना जरूरी माना गया है।

    1. फेफड़ों को करता है मजबूत  –  गर्भावस्था में विटामिन-ए का सेवन करने से सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि ये फेफड़ों को मजबूत करता है। मां के अलावा यह पेट में पल रहे शिशु के फेफड़ों को भी विकसित करने के साथ मजबूती देता है।
       
    2. आंखों को रखता है स्वस्थ -  विटामिन-ए मां के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की आंखों की रोशनी को तेज करने के अलावा उसकी मांसपेशियों को भी मजबूत करता है।
       
    3. बीमारियों से दूर रखता है – विटामिन-ए का उचित सेवन प्रेग्नेंसी के दौरान मां और गर्भ में मौजूद बच्चे दोनों को ही बीमारियों से दूर रखता है।
       
    4. बच्चे के शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण – गर्भवती महिलाएं अगर विटामिन-ए का सेवन ठीक से करें, तो यह बच्चे के शारीरिक विकास में भी महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। यह उसके दिल, दिमाग, बाल, नाखून व स्किन आदि को अच्छे से विकसित करता है।
       
    5. शिशु में करता है ग्रंथियों का निर्माण – गर्भावस्था में अगर महिला विटामिन-ए ठीक से ले तो यह गर्भ में पल रहे शिशु की ग्रंथियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्रंथियों में हार्मोन का निर्माण होता है और हार्मोन से ही शरीर का सही विकास होता है।
       
    6. हड्डियों व दांतों को करता है मजबूत – अगर गर्भवती ठीक से विटामिन-ए ले, तो यह खून में कैल्शियम का स्तर बनाए रखता है, जिससे मां व बच्चे की हड्डियां मजबूत होती हैं। यही नहीं कैल्शियम की वजह से दांत व मसूड़े भी मजबूत होते हैं। 
       
    7. एनर्जी भी देता है – विटामिन-ए की उचित मात्रा मां के साथ-साथ बच्चे को भी एनर्जी देता है।

    विटामिन-ए की कमी के परिणाम

    जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि गर्भावस्था में विटामिन-ए का सेवन करने से कई फायदे होते हैं, लेकिन शरीर में अगर इसकी मात्रा कम हो जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप इसका सेवन करते समय इसकी मात्रा पर भी ध्यान दें। डॉक्टर से बीच-बीच में जरूर सलाह लेतीं रहें। आइए जानते हैं विटामिन-ए की कमी के परिणाम।

    • गर्भ में पल रहे शिशु के फेफड़े में वायु संचरण करने वाली नलिका की मांसपेशियों में बदलाव आ सकता है। इस बदलाव से वायु संवहन नलिका संकुचित हो जाती है और इसके कारण बच्चा ठीक तरह से सांस नहीं ले पाता। ऐसी स्थिति में जन्म के बाद बच्चे में अस्थमा होने की आशंका बढ़ जाती है।
       
    • अगर महिला के शरीर में गर्भावस्था के दौरान विटामिन-ए की कमी हो जाए तो फेफड़ों में संरचनात्मक एवं कार्य़ात्मक असमानताएं भी पैदा हो जाती हैं।
       
    • प्रेग्नेंसी में विटामिन-ए की कमी से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और जन्म के बाद वह बार-बार संक्रमण का शिकार होते हैं और बीमार पड़ते हैं।

    विटामिन-ए की कमी के लक्षण

    विटामिन-ए की कमी से महिला व बच्चे दोनों को काफी नुकसान पहुंचता है। इसकी कमी की वजह से कई लक्षण भी सामने आने लगते हैं। इन्हें पहचानना आपके लिए बहुत जरूरी है। विटामिन-ए की कमी के लक्षण हैं – नींद न आना, रात को बहुत कम दिखना (नाइट ब्लाइंडनेस),  निमोनिया की शिकायत व कमजोर इम्यून सिस्टम।

    ज्यादा विटामिन-ए लेने से भी बचें

    विटामिन-ए वैसे तो गर्भवती महिलाओं व शिशु दोनों के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा से नुकसान भी पहुंच सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप इसकी मात्रा पर विशेष ध्यान दें। समय-समय पर डॉक्टर से मिलकर इसकी मात्रो को लेकर बात करें। आइए जानते हैं इसकी अधिक मात्रा होने से क्या होते हैं नुकसान।

    • विटामिन-ए की मात्रा अधिक होने से आपका लीवर खराब हो सकता है।
       
    • यही नहीं ज्यादा विटामिन-ए होने से गर्भपात की भी आशंका बनी रहती है।
       
    • विटामिन-ए की अधिक मात्रा गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास को भी प्रभावित करता है।
       
    • इस स्थिति में बच्चे के शारीरिक दोष के साथ जन्म लेने की आशंका रहती है।

    विटामिन-ए के स्रोत

    आपको विटामिन-ए कई चीजों में मिलता है। आप इन चीजों को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। जिनमें विटामिन-ए मिलता है, वो इस प्रकार हैं – संतरा, चुकंदर, साग, ब्रोकली, साबुत अनाज, दूध, दही, मक्खन, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, मिर्च, बींस, राजमा, पपीता, धनिया, चीकू, मटर, कद्दू, लाल मिर्च, सी फूड, शलजम, टमाटर, शकरकंद, तरबूज, मकई के दाने, मीट, मछली, अंडा, पीले व नारंगी रंग के फल आदि।

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