cross-icon

Parenting made easier!

क्या हैं जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भावधि मधुमेह) की रोकथाम के उपाय ?

Pregnancy

Supriya jaiswal

282.5K बार देखा गया

3 months ago

क्या हैं जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भावधि मधुमेह) की रोकथाम के उपाय ?

गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज को जेस्टेशनल डायबिटीज़ बोला जाता है। दरअसल, जेस्टेशनल डायबिटीज़ गर्भ में बच्चे के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अनुकूल नहीं होती है। जेस्टेशनल डायबिटीज गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होता है ।लेकिन ऐसे में सही गाइडेंस, उचित देखभाल और डॉक्टरी परामर्श के साथ इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। [इसे भी पढ़ें: क्या है बच्चों में डायबिटीज (शुगर) के लक्षण]

Advertisement - Continue Reading Below

 

गर्भावस्था मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज) को कंट्रोल कैसे करे ?/ What to Keep in Mind If Diabetes During Pregnancy in Hindi?

वैसे तो डायबिटीज (शुगर) हर उम्र के लोगो के लिए के लिए नुकसानदायक होती है परन्तु गर्भ में पल रहे शिशु के लिए गर्भकालीन मधुमेह प्रभाव बच्चे की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए प्रेगनेंसी में इन बातों को जानना और ध्यान देना जरुरी है ! आइयें जानें गर्भावस्था के दौरान होने वाले डायबिटीज के बारे में…

  • अधिकतर मामलों में जेस्टेशनल डायबिटीज गर्भधारण के शुरुआत में ही हो जाती है परन्तु ऐसा भी जरूरी नहीं है कि आपको गर्भावस्था के अंतिम चरण में डायबिटीज नहीं हो सकती है। ऐसे में ज़रूरी है की आप डॉक्टर की निगरानी में रहे | तथा समय समय ब्लड टेस्ट से डायबिटीज का पता लगाया जा सकता है। ​
Advertisement - Continue Reading Below
  • गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन की विभिन्न किस्में खाएं -आपके आहार में वसा (फैट) और प्रोटीन में संतुलित हो और कार्बोहाइड्रेट के नियंत्रित स्तर में हों। उदहारण के तौर पे आपके आहार में फल, सब्जियां और जटिल कार्बोहाइड्रेट जैसे (रोटी, अनाज, पास्ता, और चावल) की उचित मात्रा होनी चाहिए। चीनी में समृद्ध खाद्य पदार्थों जैसे कोल्ड ड्रिंक्स , फलों के रस, और पेस्ट्री, केक से बचें।
     
  • गलत धारणा तथा गलतफहमियो से बचें -  आपके डायबिटीज होने से आपके बच्‍चे को भी  डायबिटीज हो जाती है। जबकि सच्‍चाई हैं कि यह ऐसी बीमारी नहीं है जो आपसे आपके बच्‍चे को हो जाये। तो अगर आपको गर्भावधि मधुमेह (गेस्टेशनल डायबिटीज) है तो जरूरी नहीं कि यह बीमारी आपके बच्‍चे को भी हो। इस तरह से गर्भावधि मधुमेह से जुड़ी गलतफहमी से बाहर निकल आपको ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए नियमित शुगर की जांच, संतुलित भोजन का सेवन, व्यायाम और डॉक्टर के बताएं गए उपायों पे ज़्यादा ध्यान देना चाहिए।
  • खाने पीने का रखें विशेष ध्यान- जेस्टेशनल डायबिटीज में महत्वपूर्ण है यदि आप खाने पीने पर ध्यान दे। यदि आप इन्सुलिन पर है तो समय समय पर हलके और पौष्टिक स्नैक्स ले | साथ ही इन्सुलिन लेने के बाद खाने में गैप न करें। कोशिश करें की डॉक्टर द्वारा तैयार की गयी डाइट चार्ट को भरपूर प्रयोग में लाएं।
  • एक्सरसाइज करें और एक्टिव रहें - गर्भावस्‍था के दौरान रोज आमतौर पे  30 मिनट तक हल्‍का-फुल्का व्‍यायाम करने या सुबह के समय वॉक बेहद लाभदायक होते हैं। हल्का व्यायाम भी आपके शरीर में इन्‍सुलिन की सही मात्रा और प्रयोग को प्रबंधित करके रखता है। ध्यान रखें की गर्भवती महिलाओं को व्‍यायाम करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए, खासकर की गेस्टेशनल डायबिटीज में। ऐसे में अपने एक्सरसाइज़ को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर को बताना न भूले।

 

आखिरी में ध्यान रखें की "मन चंगा तो कठौती में गंगा" वैसे तो यह कहावत हर जगह उपयुक्त है परन्तु गर्भवस्था के दौरान इसका महत्त्व और बढ़ जाता है | यह मान ले की यदि आप खुश है तथा जीवन के प्रति पॉज़िटिव सोच रखती है तो बस आपकी समस्या अब थोड़े ही दिनों की मेहमान है | पूरे मन से अपने आने वाले बच्चे के सुखद जीवन की कामना करें तथा डॉक्टरी परामर्श से अपने आप को फिट रखें।

 

Be the first to support

Be the first to share

support-icon
Support
share-icon
Share

Comment (0)

share-icon

Related Blogs & Vlogs

No related events found.

Loading more...