cross-icon

Parenting made easier!

गर्भावस्था में पाइल्स से छुटकारा पाने के लिए महत्त्वपूर्ण टिप्स

Pregnancy

Supriya jaiswal

347.4K बार देखा गया

4 months ago

गर्भावस्था में पाइल्स से छुटकारा पाने के लिए महत्त्वपूर्ण टिप्स

गर्भावस्था के दौरान पाइल्स की समस्या हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय (यूट्रस) के साइज में वृद्धि होती है। यूट्रस के साइज में वृद्धि होने के कारण श्रोणि क्षेत्र (पेल्विक एरिया) में दबाव बढ़ जाता है, जिसके कारण रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है और गुदा द्वार (एनस) के आस-पास के एरिया में दर्द ,सुजन और खुजली होती है तथा मल त्याग के बाद सफाई करते समय ख़ून की बूंदें दिखाई दे सकती हैं अथवा एनस के आस-पास मस्से जैसे दानें महसूस हो सकते हैं। यह समस्या विशेषकर गर्भावस्था के 17वें-18वें सप्ताह में शुरू होती है। इसमें शुरुआत में मल त्याग के समय कठिनाई होती है।  कभी-कभी पाइल्स की शुरुआत में किसी कठोर सतह पर बैठने में एनस एरिया में चुभन सी महसूस होती है। अगर आपको पहले से पाइल्स हो, तो यह समस्या गर्भावस्था की स्थिति में ज्यादा बढ़ सकती है। 

Advertisement - Continue Reading Below


पाइल्स से छुटकारा पाने के असरदार टिप्स / Effective Tips to Get Rid of Piles In hindi

गर्म पानी का सेंक -- यदि पाइल्स की समस्या हो जाए तो दिन में कई बार 10-15 मिनट के लिए कमर तक गुनगुने पानी में बैठे। इससे न केवल परेशानी में कमी होगी बल्कि गुदा क्षेत्र की सफाई भी होगी जो पाइल्स रोकने के लिए जरुरी है।
 

मलत्याग की इच्छा ना टाले -- जब भी आपको मलत्याग की इच्छा हो, तो तुरंत शौचालय जाएं। इंतजार करने से आपका मल और कठोर और शुष्क हो सकता है। शौच करते समय जोर न डालें। यदि मल आसानी से नहीं निकल रहा है तो थोड़ा इंतजार करें। या फिर आप थोड़ी देर बाद पानी पीकर, कुछ फाइबरयुक्त आहार खाकर या थोड़ा व्यायाम करके दोबारा प्रयास कर सकती हैं।
 

Advertisement - Continue Reading Below

व्यायाम और योगा करे -- योग व स्ट्रेचिंग से गर्भावस्था में पाइल्स की समस्या में आराम मिलता है| सांस संबंधी योग और व्यायाम करने से भी राहत मिलती है| प्रेग्नेंसी के दौरान श्रोणि क्षेत्र से संबंधित व्यायाम, जिसे केगेल एक्सरसाइज कहते हैं, करने से लाभ होता है, क्योंकि यह एक्सरसाइज गुदा क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करती है |सभी योग व व्यायाम विशेषज्ञ की देखरेख में करें, अन्यथा समस्या बढ़ सकती है|
 

खूब पानी पिए -- गर्भावस्था में कम-से-कम 10 गिलास पानी नियमित रूप से पीएं. पर्याप्त पानी से मेटाबॉल्जिम संतुलित रहता है|सूप और जूस भी पिए जिससे आपको पोषण भी मिलेगा |
 

 कब्ज़ न होने दें - कब्ज से बचाव के लिए अधिक फाइबर वाले आहार जैसे - साबुत अनाज, सेम, फल और सब्जियों, सलाद आदि जरूर लें। फाइबर युक्त भोजन कब्ज की समस्या नहीं होती, जिससे पाइल्स होने की आशंका कम होती है|
 

स्थिर स्थिति में न रहे - पेट में बच्चे की स्थिति अगर सही हो, तो कब्ज की समस्या नहीं होती. इसलिए आवश्यक है कि गर्भवती महिला स्थिर स्थिति में न रहे. वह ज्यादा देर तक खड़ी, बैठी या लेटी न रहे| थोड़ा टहलना, चलना-फिरना और लेटना आरामदायक होता है|
 

असहनीय दर्द के लिए-- यदि दर्द असहनीय हो जाए तो कभी-कभार हवा भरी रिंग पर बैठने का प्रयास करें जिसका आकार एक बड़े डोनट की तरह होता है। बहुत सी नई माँओं को यह उपाय काफी कारगर लगता है। हालांकि, आपको इसका इस्तेमाल कभी-कभार ही करना चाहिए क्योंकि इससे प्रभावित क्षेत्र में रक्त संचरण कम हो सकता है और यह ठीक होने की प्रक्रिया को और लंबा कर सकता है।
 

ठंडी सिकाई -- आइस पैक या फिर बर्फ के पानी में डुबोकर निचोड़ा गया कपड़ा गुदा क्षेत्र में लगाने से दर्द में राहत मिल सकती है।
 

साफ़ -सफाई का ध्यान दे -- यहाँ यह भी ध्यान रखना बहुत जरूरी  है कि पाइल्स की समस्या गुदा क्षेत्र की ठीक से साफ-सफाई करने से भी हो सकती है। साथ ही साथ सफाई न करने से खुजली और इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है। इसलिए गुदा के आस-पास के एरिया को प्रतिदिन ठीक से सफाई अवश्य करें। इससे बवासीर अर्थात पाइल्स की समस्या से राहत मिलती है।  
 

Be the first to support

Be the first to share

support-icon
Support
share-icon
Share

Comment (0)

share-icon

Related Blogs & Vlogs

No related events found.

Loading more...