cross-icon

Parenting made easier!

क्या हैं बच्चों में अवसाद (Depression) के लक्षण और अवसाद के स्तर ?

11 to 16 years

Nishika

146.8K बार देखा गया

2 months ago

क्या हैं बच्चों में अवसाद (Depression) के लक्षण और अवसाद के स्तर ?

अवसाद को आमतौर पर वयस्कों की बीमारी माना जाता है और जब बच्चें इसकी चपेट में आते हैं तो अवसाद की पहचान हो भी नहीं पाती। बच्चों में दिखने वाले लक्षण वयस्कों से थोड़ा अलग भी होते हैं, सुधार की दिशा में पहला कदम है लक्षणों की पहचानना। किसी बात पर उदास होना, चोट पहुँचना, उखड़ जाना और बढ़ती हुई उम्र में कई तरह की भावनाओं से गुज़रना सामान्य बाते हैं. लेकिन, कुछ बच्चों में ये भावनाएँ लंबी अवधि के लिए रह जाती हैं और उनके भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती हैं।

Advertisement - Continue Reading Below

अवसाद बच्चों के लिए एक बड़ी वास्तविक चिंता है | इसका असर बच्चों के सोचने, महसूस करने और उनके व्यवहार पर पड़ सकता है और बच्चों के जीवन की गुणवत्ता पर भी असर डालता निचे दिए गए अवसाद के  लक्षण से आप पता लगा सकते है, कही आपके बच्चे को तो इसकी समस्या नहीं है |

Advertisement - Continue Reading Below

बच्चो में अवसाद के लक्षण/ Depression Symptoms in Children in Hindi

पढ़ाई से मन हटना, स्कूल में प्रदर्शन में अचानक गिरावट, स्कूल जाने से मना करना, ध्यान भंग हो जाना और पढ़ाई या दूसरी चीज़ों में ध्यान न दे पाना,जल्दी थक जाना और सुस्ती महसूस करना, बच्चों में भूख और नींद की कमी, सोचने विचारने और निर्णय करने में मुश्किल, छोटी छोटी बातों पर चिढ़ जाना, बिना बात के रोना, सिरदर्द या पेट दर्द की शिकायत जो इलाज से ठीक नहीं होता, दोस्तों के साथ खेलने से मना करना, उन गतिविधियों में मन न लगना जिनमें पहले आनंद आता था ये सारे लक्षण अवसाद की ओर इशारा करते है | 

बच्चों में अवसाद के अलग-अलग स्तर हो सकते है/ Depression Types in Children in Hindi

पहला स्तर-- इसमें बच्चा अप्रसन्नता महसूस करता है, लेकिन वह सामान्य जीवन बिता पाने में समर्थ होता है |रोज़ाना के काम करने या स्कूल का काम करने में बच्चा रुचि नहीं दिखाता लेकिन अभिभावकों के सहयोग से और जीवनशैली में साधारण बदलावों से बच्चा मंद अवसाद से उबर सकता है|

दूसरा स्तर-- ये अवसाद बच्चे के जीवन में उल्लेखनीय प्रभाव डाल सकता है | बच्चा लगातार उपेक्षित और दीनहीन महसूस करता है |अगर आप सोचते हैं कि आपके बच्चे में ऐसे अवसाद के चिन्ह नज़र आते हैं तो अपने डॉक्टर से मिलिए और किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मदद भी लीजिए|

तीसरा स्तर-- इस अवसाद से घिरा बच्चा खुद को व्यर्थ महसूस करता है |उसे अपना जीवन बेकार लगता है|उसे उदासी की भावना और नकारात्मक विचार लगातार घेरे रहते हैं और वह उनसे निकल नहीं पाता है| अगर आपके बच्चे में तीव्र अवसाद के लक्षण नज़र आते हैं तो सलाह ये है कि उसे डॉक्टर के पास ले जाएँ और जल्द से जल्द उसका उपचार शुरू कराएँ |

 

Be the first to support

Be the first to share

support-icon
Support
share-icon
Share

Comment (0)

share-icon

Related Blogs & Vlogs

No related events found.

Loading more...