क्या मां ऑफिस में बच्चे क ...
पुदुचेरी(Pondicherry) की उपराज्यपाल ने किरण बेदी ने मंगलवार को एक तस्वीर शेयर की। किरण बेदी की इस तस्वीर ने लोगों के दिलों को छू लिया। अब आप सोच रहे होंगे की इस तस्वीर में ऐसी क्या खास बात है। ये तस्वीर यकीनन किरण बेदी के लिए भी बहुत खास है क्योंकि उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि कि वे अपने ऑफिस में एक महिला अधिकारी के साथ मीटिंग में व्यस्त थीं। किरण बेदी ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि ये महिला अधिकारी 6 महीने पहले ही मां बनीं हैं और अपने बच्चे के लिए नैनी को साथ में लेकर ऑफिस आती हैं। मीटिंग के दौरान ही बच्चा बाहर रोने लगे। बच्चे के रोने की आवाज को सुनते ही मां बाहर निकली और फिर बच्चे को अंदर ले आईं। मां का साथ मिलने पर बेबी भी शांत हो गई और फिर मीटिंग का सिलसिला जारी रहा।(Source)
Good #MorningNutrition
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) February 19, 2020
Two tables, Two babies, Two parents..
All in one day in the office at RajNivas
One in the morning meeting time and the other in the evening open house ..#BlessedNivas pic.twitter.com/biW5zQGjlu
इस ट्वीट के बाद किरण बेदी ने एक और ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने बताया कि सुबह के समय में एक और पैरेंट्स अपने बच्चे के साथ राज निवास पहुंचे और किरण बेदी ने उस बच्चे को काफी अपनी गोद में लेकर उसके साथ खूब खेलीं। सोशल मीडिया पर किरण बेदी के इस ट्वीट को काफी सराहना मिल रही है।
कामकाजी महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है कि बच्चे को घर पर किसके भरोसे छोड़कर ऑफिस जाएँ? जानिये कुछ महिलाओं के बारे में जिन्होंने वर्क प्लेस पर भी अपने बच्चे को समय देते हुए काम की जिम्मेदारी को कैसे अच्छे से संभाला । जानें कैसे ऑफिस में भी कामकाजी मां बच्चे के साथ बेहतर काम कर सकती है?
बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री की मशहूर निर्माता एकता कपूर के जीवन में सरोगेसी से मां बनने के बाद बहुत सकारात्मक बदलाव आए हैं। एकता कपूर ने अपने बेबी रेवी कपूर के लिए बालाजी टेलीफिल्म्स के दफ्तर में ही क्रेच खोल दिया है ताकि वो काम के साथ-साथ अपने बच्चे के संग भी ज्यादा से ज्यादा समय बिता सकें। एकता कपूर का ये भी कहना है कि जब उनका बेटा रेवी बड़ा हो जाएगा तो भी उनके ऑफिस में क्रेच चलता रहेगा। एकता कपूर मानती हैं कि वर्किंग मदर्स के लिए ये बहुत आवश्यक है कि वे अपने बच्चे के आसपास रहें।
यूपी के झांसी शहर में कोतवाली थाने में तैनात अर्चना अपने 6 महीने के बच्चे के साथ ड्यूटी करती हैं। कुछ ही दिन पहले अर्चना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। पुलिस की ड्यूटी को निभाने के साथ ही अर्चना अपने मां के दायित्व को बखूबी संभालती है और इसके लिए उनको लोगों की तरफ से भरपूर सराहना मिली। अर्चना झांसी में एक किराए के मकान में रहती है और संयुक्त परिवार में नहीं होने की वजह से उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि कैसे अपने जॉब के साथ बेटी की देखभाल की जाए। इसके बाद उन्होंने अपनी 6 महीने की बेटी के साथ ही ऑफिस जाना तय कर लिया। अर्चना को थाने में रिसेप्शन की जिम्मेदारी मिली है और वो अपने मेज पर बेबी को सुला कर रखती हैं। अर्चना की इस लगन को देखते हुए डीआईजी की तरफ से उनको इनाम भी दिया गया।
आपको एक रोचक जानकारी देना चाहूंगा कि पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने अपनी दूसरी संतान यानि बिटिया को उस वक्त जन्म दिया जब वो अपने देश की प्रधानमंत्री थीं। पाकिस्तान जैसे रूढ़िवादी और कट्टरपंथी सोच रखने वाले देश में बेनजीर भुट्टो को इस दौरान किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा इसके बारे में उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘मेरी आपबीती’ में जिक्र किया है। इस किताब के मुताबिक पाकिस्तान में विपक्षी दलों को जैसे ही ये पता चला की बेनजीर मां बनने वाली हैं इसके बाद तो उनको बर्खास्त किए जाने तक की मांग करने लगे। बेनजीर के विरोधियों ने ये दलील दी की प्रसव के दौरान प्रधानमंत्री सक्रिय नहीं रहेंगी और सरकारी कामकाज पर इसका असर पड़ सकता है। विपक्ष ने इसके लिए हड़ताल करने का ऐलान कर दिया लेकिन बेनजीर अपने इरादों पर अटल बनी रहीं। सीजेरियन ऑपरेशन की मदद से उन्होंने बेबी को जन्म दिया। बेनजीर भुट्टो ने ये साबित किया कि एक महिला महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभालते हुए भी अपने मां होने के दायित्व को बखूबी संभाल सकती है। मां बनने के कुछ ही दिनों बाद बेनजीर वापस अपने काम पर लौट आईं और उन्होंने अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया।
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा एडर्न जिन्होंने पिछले सा 21 जून को एक बच्ची को जन्म दिया। 6 हफ्ते के लिए उन्होंने अपने कामकाज से छुट्टी ली थी। मातृत्व अवकाश समाप्त होने के बाद जेसिंडा वापस न्यूजीलैंड की संसद और अपने दफ्तर जाने लगी। जेसिंडा एडर्न के काम पर लौटने के बाद न्यूजीलैंड की संसद पहले से ज्यादा बेबी फ्रेंडली हो चुकी है। अब संसद में होने वाली बहस में भी बच्ची को साथ में रखने की इजाजत मिल चुकी है। संसद भवन के परिसर में मौजूद स्वीमिंग पुल में अब सांसदों के बच्चे भी तैराकी कर सकते हैं। जेसिंडा एडर्न ने ये साबित किया है कि काम करने के साथ ही मां का दायित्व भी आसानी से निभाया जा सकता है।
अगर आप वर्किंग मां हैं और हाल ही में मां बनीं हैं तो फिर आपके मन में बार-बार यही सवाल उठ रहे होंगी कि क्या मैं अपने वर्क प्लेस या ऑफिस में बच्चे को साथ में लेकर जा सकती हूं? दरअसल इसको लेकर भी हमारे देश में कानून बने हुए हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि ऑफिस में क्रेंच (central guidelines for crèches facility at workplaces) को लेकर क्या कहता है हमारे देश का कानून।
केंद्र सरकार के मैटरनिटी बेनिफिटी एक्ट 2017(Maternity Benefit Amendment Act) के मुताबिक सभी सरकारी, गैर सरकारी, फैक्ट्री व ऑफिस में जहां कुल स्टाफ की संख्या 50 या उससे ज्यादा है वहां क्रेच की सुविधा जरूर होनी चाहिए।
6 महीने से लेकर 6 साल तक के बच्चों के लिए क्रेज बनवाने का नियम है।
नियमों के मुताबिक ऑफिस से क्रेच की दूरी 500 मीटर के दायरे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
ऑफिस में काम करने की टाइमिंग के मुताबिक क्रेच की टाइमिंग होनी सुनिश्चित की गई है यानि कि कम से कम 8 से 10 घंटों के लिए क्रेच का खुला होना चाहिए।
क्रेच के लिए एक और नियम यह है कि इसको ग्राउंड फ्लोर पर होना चाहिए। पूरा एरिया पक्का होना चाहिए और प्रत्येक बच्चे के लिए पर्याप्त स्पेस होनी चाहिए।
क्रेच में बच्चों की आवश्यकता का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए और बच्चे के बारे में पूरी जानकारी कंप्यूटर अथवा रजिस्टर में जरूर दर्ज हो।
बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षाकर्मी/गार्ड का होना आवश्यक है और इनका पुलिस वेरिफिकेशन भी किया जाना अनिवार्य है
क्रेच में अंदर आने जाने वालों के लिए पास इश्यू किया जाए और पूरे क्रेच परिसर में सीसीटीवी कैमरे भी लगे होने चाहिए।
क्रेच संचालकों के लिए बच्चों को सेक्सुअल और फिजिकल एब्यूज से बचाने की पर्याप्त व्यवस्था करना जरूरी है।
ऑफिस हो या घर, मां के आसपास ही रहना चाहिए बच्चा ... क्या आप सहमत हैं ? अगर आप भी अपने अनुभवों और चुनौतियों के बारे में या अपने सुझाव अन्य मां के संग साझा करना चाहती हैं तो निश्चित रूप से कमेंट बॉक्स में लिखें।
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