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क्या हैं 6 महीने के बच्चे को उचित मात्रा में घी खिलाने के लाभ ?

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Priya Garg

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2 months ago

क्या हैं 6 महीने के बच्चे को उचित मात्रा में घी खिलाने के लाभ ?

भारतीय परिवारों में घी खाने को बहुत महत्व दिया जाता है। हर उम्र में घी खाने की सलाह दी जाती है। घी शरीर को ताकत और शक्ति देता है। जितना एक बड़े व्यक्ति के लिए घी खाना ज़रूरी होता है उससे कहीं ज़्यादा ज़रूरी छोटे बच्चों के लिए होता है। जन्म के पश्चात छह महीने तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान करवाया जाता है। परंतु 6 महीने के बाद बच्चों को संपूरक आहार देना प्रारंभ किया जाता है उस स्थिति में आहार में घी को शामिल किया जाना ज़रूरी हो जाता है।

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बच्चों के खाने में घी शामिल करने के लाभ /Benefits Of Feeding Ghee to Child's Diet in Hindi

भारतीय भोजन में घी का बहुत अधिक महत्व है। बहुत सारे लोग तो घी के बिना खाने की कल्पना भी नहीं कर पाते हैं। तो आइये जानते हैं कि बच्चों के लिए घी कितना फायदेमंद है।

  • तीन से सात वर्ष की उम्र के बच्चे के भोजन में घर तथा बाहर का खाना शामिल हो जाता है। वे हर तरह का भोजन खाने लगते हैं। कई भोजन ऐसे होते है जिसको पचाने में मुश्किल होती है और बच्चों को गैस की समस्या होने लगती है। ऐसे में भोजन में घी शामिल किए जाने से गैस की समस्या से बचा जा सकता है। शुरुआत में बच्चों को पतली दाल या दाल के पानी में घी डालकर खिलाया जा सकता है। इससे दाल का स्वाद भी बढ़ जाता है।
     
  • अलग-अलग तरह का खाना जहाँ न पचने के कारण गैस जैसे मुश्किल पैदा करता है वहीं बच्चों को इससे क़ब्ज की समस्या भी हो सकती है। इससे उनका पेट कड़ा हो जाता है औए पेट में दर्द भी होने लगता है। ऐसी स्थिति में घी ऐसा आहार है, जो बच्चों को आसानी  से पच जाता है बच्चों को घी खिलाने से उन्हें कब्ज़ की शिकायत नहीं होती क्योंकि उनके शरीर में चिकनाहट बनी रहती है।
     
  • घी फैट (वसा)  का एक स्वस्थ स्त्रोत है तथा यह बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा देता है जो की तीन से सात वर्ष की आयु के बच्चों के लिए लाभदायक होता है। घी उनके विकास और वृद्धि में मदद करता है। इसके साथ की घी खाने से बच्चे के दिमाग का विकास करता है।
     
  • एक साल का होने तक बच्चे का वज़न उसके जन्म के समय के वज़न से तीन गुना अधिक बढ़ जाता है। अत: बच्चे के उचित विकास के लिए उसके आहार में उर्जा प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ जैसे घी आदि शामिल करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। बच्चे के वजन के मुताबिक ही उसे घी की मात्रा दें जैसे यदि बच्चे का वजन पहले से ही ज्यादा हो तो कम मात्रा में घी दें और यदि बच्चा कमजोर हो तो उसे कुछ अधिक मात्रा में घी दें।
     
  • घी का इस्तेमाल उपचार के लिए भी किया जा सकता है। घी गरम होता है। इसलिए घी से बच्चों की छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है। कई बार अधिक हिचकी आने के स्थिति में आहा चम्मच घी खिलाने से हिचकी आना रुक जाता है। 

 

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