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गर्भावस्था में आ जाए बुखार तो आजमाएं इन नुस्खो को

Pregnancy

Archanaa

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2 months ago

गर्भावस्था में आ जाए बुखार तो आजमाएं इन नुस्खो को

गर्भावस्था के दौरान बुखार कभी भी गम्भीर रूप धारण कर सकता है और ये आप और आपके शिशु दोनों के लिए घातक हो सकता है। गर्भावस्था के शुरुवाती तीन महीनो में हल्का बुखार तो बना ही रहता है। लेकिन अगर बूखार का तापमान 102 डिग्री से ज्यादा हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाये क्योकि ऐसे में मिस्करेज की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। गर्भावस्था के दौरान बुखार के साथ सांस फूलना, घबराहट, सीने में भारीपन, उल्टी व पेट दर्द की शिकायत हो तो यह डेंगू का लक्षण भी हो सकता है। ऐसे में तुरंत चिकित्सक के पास पहुंचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को अगर वायरल की भी शिकायत हो तो भी इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। इसकी वजह से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है, जिससे मरीज को प्रसव के बाद संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। गर्भावस्था के पहले तीन से आठ सप्ताह में बुखार के कारण बच्चे में हृदय और चेहरे संबंधी विकार भी हो सकते हैं। अनुसंधानकर्ता यह बताते है कि पहली तिमाही में बुखार के कारण बच्चे में हृदय विकार और होठ तथा तालू के कटे होने का खतरा बढ़ जाता हैं। एक अध्ययन के अनुसार पहली तिमाही में एसिटामिनोफेन के उचित इस्तेमाल से मां में बुखार की आशंका को कम किया जा सकता है। इससे जन्मजात दोष को एक हद तक रोका जा सकता है। इसीलिए बुखार आने पर इसे हल्के में ना ले लेकिन बुखार यदि हल्का हो और तापमान 102 डिग्री से कम हो तो बुखार के इलाज के लिए कुछ प्राकृतिक उपाय आप घर में भी कर सकती है। दवाए हमेशा एक समाधान नहीं होती, क्योकि एंटीबायोटिक दवाओ के कुछ दुष्प्रभाव भी होते है।  इसके अलावा प्राकृतिक इलाज आपकी नीद और आपके मन पर भी प्रभाव नहीं डालती, तो आईये जानते है की बूखार आने पर हम घर में ऐसा क्या कर सकते है जिससे बूखार को कम किया जा सके।
 

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गर्भावस्था में बुखार कम करने के लिए घरेलु नुस्खे/ Home remedies for reducing fever in pregnancy in hindi

  • पानी पिए: गर्भावस्था के दौरान बुखार आये तो अधिक से अधिक पानी पिए। अधिक मात्रा में पानी से आपके शरीर का तापमान कम होगा और हलके बुखार से आपको राहत मिलेगी और ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थो का भी सेवन करें। शरीर के तापमान को कम करने के लिए ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने के लिए नीबू पानी, मौसमी का जूस  और नारियल पानी का सेवन भी लाभदायक होता है।  
     
  • आराम करें: गर्भवती महिला को बुखार आने पर ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए। आराम करने से आप जल्दी रिकवर हो जाएंगी। बुखार आने पर आराम करने से आपका शरीर निष्क्रिय आवस्था में होने से ठंडा और हल्का हो जाता है।  
     
  • भीगी पट्टिया माथे पर रखें: बुखार यदि तेज हो तो माथे पर भीगी पट्टियां रखें और यह तब तक करें जब तक शरीर का तापमान कम ना हो जाये। माथे पर पट्टी रखने के कुछ देर बाद गर्म हो जाती है ऐसे में इसे फिर से पानी में भिगों कर सिर पर रखें।  
     
  • गुनगुने पानी से नहाये: बुखार आने पर आपको गुनगुने पानी से ही नहाना चाहिए। यह आपके तापमान को कम करने में मदद करेगा। ठन्डे पानी का उपयोग बिलकुल ना करें, ठन्डे पानी से नहाने से आप में बीमार वाली फीलिंगस बनी रहेगी और आपको ठीक होने में टाइम लग सकता है। 
     
  • पौष्टिक आहार का सेवन करें: पौष्टिक आहार का सेवन करें। ऐसा खाना खाए जो आपको उर्जावान बनाये रखें और इन्फेक्शन से लड़े। ताजे फल जैसे सेब, संतरा, चीकू, अनार ज्यादा से ज्यादा खाए। बुखार में सेब खाना बहुत ही फायदेमंद होता है, ये आपको उर्जावान बनता है। अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें।
     
  • बुखार यदि सर्दी-खासी के कारण हो: बुखार यदि सर्दी-खासी की वजह से हो तो गरारा करना, गले में खराश को दूर करने का सबसे बेहतर उपाय है। 230 मिलीलीटर गरम पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर गरारा करें। कम से कम दिन में दो बार गरारा करें। गले के खराश को कम करने के लिए आप अदरक, कालीमिर्च और तुलसी के पत्तो वाली हर्बल चाय भी पी सकती है, यह गले की खराश से आराम दिलाएगी।   

प्रेगनेंसी में गर्भवती महिला को अपना ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। बुखार आने पर गर्भवती महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थो का सेवन करने के सलाह दी जाती है। उन्हें अपने आहार में पौष्टिक व ताजा भोजन लेना चाहिए। और फलों और हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ानी चाहिए।

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