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गर्भावस्था में कब और कितनी बार डॉक्टर के पास जांच के लिए जाएं

Pregnancy

Supriya jaiswal

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3 years ago

गर्भावस्था में कब और कितनी बार डॉक्टर के पास जांच के लिए जाएं
भ्रूण का विकास
गर्भावस्था के दौरान जोखिम
शारीरिक विकास
सप्ताह दर सप्ताह गर्भावस्था

जैसे ही आपको लगे की आप गर्भावती है आपको डॉक्टर से जरुर मिलना चाहिए क्युकी आज कल प्रेगनेंसी से सम्बन्धी बहुत सी परेशानिया देखने को मिलती है| साथ ही महिलाएं जिनको पहले से ही कुछ स्थितिया है या गर्भावस्था के दौरान विकसित हो सकती है उनके लिए बहुत जरूरी है की वो समय-समय पर डॉक्टर से मिले | किशोर गर्भवती या 35 वर्ष से अधिक की महिलाये जो की पहली बार मां बनने जा रही हहै उनके लिए जोखिम ज्यादा माना जाता है और उन्हें अत्यधिक चिकित्सक देखभाल की आवश्यकता हो सकती है | जिनती जल्दी आप डॉक्टर से मिलेंगी उन्ती ही जल्दी परेशानी की पहचान की जा सकती है और आपको गर्भावस्था और प्रसव को सुरक्षित करने ले लिए प्रबंधित किये जा सकते है | प्रेगनेंसी में परेशानियों से बचने और बच्चे के विकास के लिए आपको डॉक्टर से मिलना जरूरी होता है|हर एक विजिट का अलग मकसद होता है। हम इस दौरान आपके शरीर के लक्षणों, जांच और आपके विचारों पर बाते करते हैं, आपकी मेडिकल स्थिति देखने के लिए आपको कुछ टेस्ट भी लिखे जाते हैं। 

 कितनी बार मिलना चाहिए डॉक्टर से गर्भावस्था के दौरान / How Often One Should Visit Doctor During Pregnancy in Hindi

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    1. प्रेगनेंसी के शुरुआती 6 महीने में 3 से 4 हफ्तों के अंतराल पर आपको डॉक्टर से मिलना होता है। प्रेगनेंसी बढ़ने के साथ डॉक्टर से मिलने का सिलसिला भी बढ़ता है। हर एक विजिट का अलग मकसद होता है। हम इस दौरान आपके शरीर के लक्षणों, जांच और आपके विचारों पर बाते करते हैं, आपकी मेडिकल स्थिति देखने के लिए आपको कुछ टेस्ट भी लिखे जाते हैं।
    2. 26-28 हफ्ते में 2- हफ्तों में आपको डॉक्टर से मिलना जरुरी होता है |इन हफ्तों में आपके बच्चे का विकास और उसकी सेहत पर नजर रखा जाता है |डॉक्टर कुछ छोटी चीजों का भी खयाल रखता है जैसे आपकी सेहत, एटिट्यूड, परिवार का सपोर्ट और इत्यादि। डॉक्टर हर एक विजिट के लिए कुछ अलग प्लान करके रखता है, यह अलग-अलग केस में अलग स्थिति होती है |
    3. नौवें महीने के दौरान सप्ताह में एक बार अपने डॉक्टर से मिलने जाये |यह महिना आपके पूरी गर्भावस्था का आखरी महिना होता है और ज्यादातर महिलाये इस महीने अशांत हो जाती है क्युकी बच्चा बड़ा ह जाता है और आपको परेशानिया होना शुरू हो जाती है |इस समय धैर्य रखना बहुत जरूरी होता है और साथ ही आपको सलाह और देख-रेख की भी जरूरत होती है |
    4. अपने डॉक्टर के बताए प्लान पर ही चलें, यह काफी आसान और सुरक्षित है, और इस बात की संभावना काफी कम है की कुछ ज़रूरी मिस होगा।अगर एक खांसी या जुकाम कुछ दिनों में नहीं जाए तो आपको डॉक्टर को फोन करने से अच्छा उससे मिलना चाहिए। प्रेगनेंसी में इन्फ़ैकशन काफी खतरनाक हो जाता है। अगर डॉक्टर द्वारा बताए गए दर्द से अलग पेट में कुछ अजीब से दर्द हो तो आपको अपने डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए।
    5. वैसे तो हर महीने डॉक्टर से आप मिलेंगी ही पर कुछ ऐसी स्थिति जैसे की एक पाँव का सूजना या दोनों पाँव का बुरी तरह सूजना,सांस लेने में दिक्कत,अगर इन्फ़ैकशन का शक हो, जैसे गले में दर्द, यूरिन में खून निकलना, बुखार, पस से भरी सूजन,ज़्यादा ही उल्टी होना,पेट में खाना ना रख पाना,योनी से खून निकलना या ज़्यादा द्रव निकलन,बच्चे का कम हिलना और कोई ऐसे लक्षण जो आपको अजीब लगें तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें ।

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