6 खिलौने 0-12 माह तक के ब ...
शिशु के जन्म लेते ही जहां एक तरफ घर में खुशियों की किलकारियां गूंजने लगती है वहीं दूसरी तरफ एक और सामान से आपके घर का कोना-कोना भरने लगता है। इन दिनों आपसे मिलने के लिए कोई रिश्तेदार या करीबी दोस्त आते हैं तो अपने साथ में बच्चे के लिए खिलौना जरूर साथ में लाते हैं। आप खुद को ही ले लीजिए ना, जब कभी आप बाजार जाती होंगी तो अपने बच्चे के लिए कुछ खिलौना जरूर खरीद लेती होंगी। ये खिलौने बहुत प्यारे भी होते हैं लेकिन इसके साथ ही एक मां होने के नाते आपको ये भी पता होना चाहिए कि खिलौनों की इस भीड़ में कुछ ऐसे भी खास ट्वाइज हैं जो आपके शिशु के दिमागी विकास को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित होते हैं। आज हम आपको इस ब्लॉग में कुछ ऐसे ही विशेष प्रकार के खिलौनों के बारे में बताने जा रहे हैं जो ना सिर्फ दिमागी विकास में कारगर होते हैं बल्कि शिशु की विश्लेषण करने की शक्ति को भी बढ़ाते हैं। [इस को जरूर पढ़ लें - किस तरह के खिलौने दिलवाएँ अपने बच्चे को ?]
क्या आप जानते हैं कि एक रिसर्च के मुताबिक शिशु का दिमाग 2 साल का होने तक तकरीबन 80 फिसदी विकसित हो जाता है। इस रिसर्च के मुताबिक जब बच्चा 5 साल का होता है तब उसका दिमाग पूर्ण रूप से विकसित हो जाता है। दिमाग के विकसित होने में निश्चित रूप से संतुलित आहार व पोषण का सबसे बड़ा योगदान होता है लेकिन इसके साथ ही कुछ ऐसे खिलौने भी हैं जो आपके शिशु के दिमागी विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। [ये ब्लॉग बहुत काम का है - उम्र के हिसाब से करें खिलौनों का चयन, इसे पढ़ें]
इस ब्लॉग को पढ़ लें - खेल-खेल में और खिलौनों की मदद से बच्चों को सीखाएं ज्ञान की बात
इसके अलावा भी कुछ और खिलौने हैं जो आपके बच्चे के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। जैसे कि पजल बोल को ही ले लीजिए। इसमें अलग-अलग आकार के हिस्सों को जोड़ने के बाद एक गेंद बनती है। बच्चे को खेलने में भी मजा आएगा और उनकी काल्पनिक यानि सोचने की क्षमता का भी विकास होगा। बेबी बाउंसर भी इसी तरह का एक खिलौना है जिसका म्यूजिक, इसमें लगे हुए झुनझुने और रोशनी से आपके बच्चे का दिमागी विकास होता है और वे आवाजों को भी पहचानने लगते हैं। यानि कि अगली बार जब आप अपने बच्चे के लिए खिलौना लेने जाएं तो पहले से ये तय कर लें कि क्या इसके साथ खेलने से आपके बच्चे का विकास भी होगा?
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