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10वीं के बाद 11वीं क्लास के लिए बच्चे को कौन सा विषय लेना चाहिए?

11 to 16 years

Prasoon Pankaj

3.0M बार देखा गया

3 years ago

10वीं के बाद 11वीं क्लास के लिए बच्चे को कौन सा विषय लेना चाहिए?
शिक्षा जगत
स्कूल के बाद के कार्यक्रम

पेरेंट्स होने के नाते सबसे पहले आपको इस बात के लिए बधाई देना चाहूंगा कि आपके बच्चे ने अपने करियर के एक महत्वपूर्ण पड़ाव को पार कर लिया है। आपके बच्चे ने 10वीं की परीक्षा यानि मैट्रिक की परीक्षा को पास कर लिया है। अब आपका बच्चा 11वीं यानि की इंटरमीडिएट में दाखिला लेने वाला है। 10वीं तक की पढ़ाई में बच्चे को लगभग सभी विषयों को पढाया जाता है लेकिन 11वीं में कुछ चुनिंदा विषयों का चयन करना होता है। क्या आपने अपने बच्चे के लिए विषयों का चयन कर लिया है? अगर आपका जवाब हां है तो यहां मैं कुछ संशोधन करने का सुझाव देना चाहूंगा। सबसे पहली बात कि 11वीं में बच्चा कौन सा विषय रखकर आगे पढ़ाई करना चाहता है इसका निर्णय बच्चे को ही करने दे, आप अपना सुझाव अवश्य दें लेकिन बच्चे की रूचियों को ध्यान में रखकर?

11वीं क्लास के लिए बच्चे को विषयों का चयन करने में कैसे करें मदद? / Steps to Make the Right Decision about Subject Stream in Class 11 In Hindi

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    • स्कोर कार्ड एनालिसिस- स्टूडेंट्स को चाहिए कि वे खुद के स्कोर कार्ड का एनालिसिस करें और पेरेंट्स इस काम में छात्र की मदद कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स की राय ये है कि पिछले 2-3 साल में छात्र जिन विषयों में बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं उन्हीं विषयों को लेकर आगे बढ़ना चाहिए। आपको बारीकी से छात्र के प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए, पिछले 2-3 साल में आपका बच्चा जिन विषयों में अच्छे अंक प्राप्त कर रहा है उस विषय को लेकर ही आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।

    • बच्चे की रूचियों का भी ध्यान रखें- आप इस बात को भी नोटिस करें कि आपके बच्चे को किन विषयों को पढ़ने में ज्यादा अच्छा लगता है। आप अपने बच्चे से भी इसके बारे में चर्चा करें और उसकी राय अवश्य जानें।

    • स्कूल के टीचर भी ले सकते हैं सुझाव- आप अपने बच्चे के स्कूल के टीचर से भी इस संदर्भ में सुझाव ले सकते हैं। बच्चे के विषय की अभिरूचियों को लेकर स्कूल के शिक्षक और बेहतर तरीके से बता सकते हैं। 

    • अपनी राय थोपने से करें परहेज- बच्चे को अपने विषय का चयन करने की स्वतंत्रता दें। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि पढ़ाई बच्चे को करनी है और इसलिए जबरन किसी विषय को पढ़ने के लिए छात्र को बाध्य नहीं करें तो ज्यादा बेहतर

    • विषय के साथ उप विषयों के चयन के बारे में भी गंभीरता पूर्वक विचार करें- मुख्य विषय के अलावा उप विषय का चयन करना भी जरूरी होता है। उदाहरण के लिए जैसे गणित (Maths) और जीव विज्ञान ( Biology) के साथ फिजिक्स, केमेस्ट्री, हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र ( Economics) व अन्य विषयों की भी पढाई करनी होती है। 

    • पढ़ाई को स्टेटस सिंबॉल से नहीं जोड़े- आपके आसपास या रिश्तेदारों के बच्चे अगर किसी खास विषय को लेकर पढ़ाई कर रहे हैं तो उनको करने दीजिए। आप अपने बच्चे की स्किल और रुचियों को अच्छे से समझते हैं और उसके मुताबिक ही उनको स्वतंत्रता देनी चाहिए। साइंस कॉमर्स या आर्ट्स तीनों ही संकाय में पढ़ाई करने के बाद करियर बनाने की अपार संभावनाएं हैं। कोई साइंस पढ़ रहा है तो इसलिए आपके बच्चे को भी साइंस पढ़ना चाहिए ये  गलत सोच साबित हो सकती है। 

    10वीं की परीक्षा के बाद करियर विकल्प के तौर पर किस तरह के प्रोफेशनल कोर्स कर सकते हैं?  

    ट्रेडिशनल पढाई जैसे कि इंटरमीडिएट में साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स के अलावा भी कई प्रकार के प्रोफेशनल कोर्स या करियर बनाने से संबंधित कोर्स में दाखिला लिया जा सकता है। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही विकल्पों के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं?

    1. कंप्यूटर हार्डवेयर-नेटवर्किंग- अगर बच्चे को कंप्यूटर में रूचियां हैं तो ये कोर्स उनके करियर के लिए बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। कंप्यूटर हार्डवेयर मतलब कि कंप्यूटर एसेंबल करना, कंप्यूटर के खराब पार्ट्स को बदलना, कंप्यूटर रिपेयरिंग व नेटवर्किंग के बारे में जानना। इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप खुद का काम भी कर सकते हैं और नौकरी के विकल्प भी खुले रहेंगे।

    2. होटल मैनेजमेंट- युवाओं के लिए होटल मैनेजमेंट करियर के तौर पर बेहतरीन विकल्प है। होटल मैनेजमेंट कोर्स के दौरान आपको होटल इंडस्ट्री की बारीक बातों के बारे में जानने और सीखने का अवसर मिलेगा। 

    3. इंजीनियरिंग डिप्लोमा (ITI)- दसवीं के बाद पोलीटेक्नीक या आईटीआई भी अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इस दौरान इस कोर्स में कई सारे शाखा होते हैं। आप अपनी रूचियों के हिसाब से ब्रांच तय कर सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आपके पास रोजगार के कई विकल्प हो सकते हैं।

    4. स्टेनोग्राफी-टाइपिंग- बहुत कम लागत में आप इस कोर्स को पूरा कर सकते हैं। अपनी पढ़ाई करने के साथ ही आप स्टेनोग्राफी और टाइपिंग का कोर्स किया जा सकता है। हिंदी और अंग्रेजी टाइपिंग सीखने के बाद आप फ्रीलांसर के तौर पर भी कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा कई दफ्तरों में डाटा एंट्री ऑपरेटर के जॉब मिल सकते हैं। स्टेनोग्राफी और टाइपिंग का कोर्स सीखने के बाद आप SSC व अन्य परीक्षाओं में शामिल होकर सरकारी नौकरियां भी हासिल कर सकते हैं।

    10वीं की परीक्षा के बाद इंटरमीडिएट में कौन से विषयों का विकल्प?

    1.आर्टस- अगर आपकी अभिरूचियां कला में है तो आपके लिए ये बेहतरीन विकल्प हो सकता है। आर्ट्स की पढ़ाई के दौरान आपको इतिहास, भूगोल, सामाजिक विज्ञान, समाजशास्त्र, फाइन आर्ट जैसे विषयों के बारे में पढ़ने का अवसर मिलेगा। अगर करियर की बात करें तो सिविल सेवा, शिक्षक, पत्रकार, बैकिंग, कानून विशेषज्ञ जैसे कि वकील, कलाकार और अन्य कई विकल्प आपके सामने मौजूद रहेंगे।

    2. कॉमर्स- अगर आपकी रूचियां गणना करने, कैलकुलेशन, व्यापार, हिसाब किताब रखने में है तो आपके लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प कॉमर्स हो सकता है। कॉमर्स की पढ़ाई करने के बाद आप चार्टर्ड एकाउंटेंट, एकाउंटेंट, कंपनी सचिव, मैनेजर, शेयर बाजार एक्सपर्ट बन सकते हैं।

    3.साइंस- अगर आपकी रूचियां मैथ्स, बायोलॉजी, फिजिक्स, केमेस्ट्री में है तो आपको निश्चित रूप से साइंस का चयन करना चाहिए। साइंस के क्षेत्र में करियर के अनेक विकल्प मौजूद हैं जैसे कि इंजीनियर, डॉक्टर के अलावा आपके पास लैब टेक्नीशियन, टीचिंग, फॉर्मेसी, वाइल्ड लाइफ साइंस और अन्य

    कुल मिलाकर सबसे ज्यादा जरूरी ये है कि आप अपने बच्चों को किसी विषय को लेने या नहीं लेने के लिए दबाव नहीं बनाएं। उसको जिस विषय में इंटरेस्ट है वही विषय लेने दें। करियर के विकल्प सभी विषयों में उपलब्ध हैं। 

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