तिरंगा फहराने के बाद उतार ...
Only For Pro
Reviewed by expert panel
15 अगस्त और 26 जनवरी को आप अपने बच्चे के साथ जरूर झंडा फहराते होंगे। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा झंडा फहराने को लेकर आपके बच्चे निश्चित तौर पर काफी उत्साहित रहते होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि तिरंगा फहराने के बाद उतारने को लेकर क्या नियम हैं? अगर राष्ट्रीय ध्वज फट जाए तो हमें क्या करना चाहिए? National Flag Code के तहत आपको तिरंगे झंडे के सम्मान में किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए? इस ब्लॉग में हम आपको विस्तार से इन्हीं बातों के बारे में खास जानकारियां देने जा रहे हैं जिनके बारे में आपको अपने बच्चे को भी जरूर अवगत करा देना चाहिए।
जो उत्साह आप तिरंगा झंडा को फहराने के दौरान दिखाते हैं उतनी ही मर्यादा हमें ध्वज को उतारने के दौरान भी दिखानी चाहिए। तिरंगे झंडे को सम्मानपूर्वक उतारकर उसे अच्छे से समेट कर सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए।
जब आप तिरंगे झंडे को समेटते हैं तो उस समय में कम से कम 2 लोग ध्वज को पकड़ने के लिए उपस्थित रहें। सबसे पहले हरे रंग की पट्टी को मोड़ा जाना चाहिए उसके बाद केसरिया रंग की पट्टी को हरे रंग की पट्टी पर समेटने के बाद दोनों व्यक्ति अपनी तरफ करके तिरंगे को मोड़ सकते हैं। ऐसा इसलिए करें ताकि अशोक चक्र ऊपर की तरफ आ जाए। कुछ ऐसे भी संगठन हैं जो जगह जगह पर मुहिम चलाकर तिरंगा झंडा वापस ले रहे हैं, आप अगर चाहें तो उन्हें भी दे सकते हैं ताकि ये संगठन तिरंगे झंडे को सम्मानपूर्वक संरक्षित करके रख सकें।
हम ये बखूबी जानते हैं कि आप तिरंगे झंडे का पूर्ण सम्मान करते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से अगर तिरंगा झंडा फट जाए तो आपको क्या करना चाहिए? फटे हुए झंडे का निस्तारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि तिरंगा झंडा फट जाए तो उसको एक लकड़ी के बॉक्स में पैक करें और उसके बाद जमीन के नीचे गाड़ सकते हैं या फिर अग्नि के हवाले भी कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को करने के दौरान बिल्कुल शांत जगह का चयन करें। इस दौरान आपको मौन व्रत भी धारण करना चाहिए। तिरंगे झंडे को यत्र-तत्र ना फेकें।
तिरंगे झंडे को उतारने के बाद सुरक्षित स्थान पर रखना हमारी जिम्मेदारी है। हम ये सुनिश्चित करें कि हमारे घरों या आसपास में राष्ट्रध्वज का अपमान ना हो।
अगर कोई तिरंगे झंडा को अपमान या दुरुपयोग करते हुए पाया जाता है तो उसे 3 साल तक की सजा भी हो सकती है।
राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का यदि सम्मान नहीं किया जाता है तो ये एक दंडनीय अपराध होता है और भारतीय न्याय संहिता के तहत उनके खिलाफ कड़ी सजा देने का प्रावधान भी है।
झंडे को सूर्यास्त से पहले पहले फहराना चाहिए, सूर्यास्त के बाद इसकी मनाही है।
भारतीय ध्वज संहिता को 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया।
ध्वज फहराने वाली जगह को उचित स्थान दिया जाये और उसको ऐसे जगह फहराया जाये जहां से वह सभी को दिखाई दे।
अगर आप तिरंगे के बगल में अगर किसी भी झंडे को लगाना चाहते हैं तो उसका स्थान तिरंगे के नीचे होना चाहिए।
अगर तिरंगा किसी कारणवश कट या फट जाए तो उसे अकेले में नष्ट किया जाये।
अगर किसी मंच पर ध्वजारोहण हो रहा है तो वक्ता सामने की ओर देखे और झंडा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।
झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए और इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी आवश्यक हैं।
तिरंगा किसी भी प्रकार से जमीन को नहीं छूना चाहिए।
साल 2002 में जब भारतीय ध्वज संहिता को लागू किया गया था उस वक्त के नियमों के मुताबिक आम आदमी अपने घरों में केवल 26 जनवरी या 15 अगस्त को ही तिरंगा फहरा सकते थे लेकिन अब नियमों में काफी बदलाव किए गए हैं। नए नियमों के तहत अब कोई भी व्यक्ति कभी भी मर्यादित रूप में तिरंगे को फहरा सकता है।
सरकारी भवनों पर तिरंगा झंडा रविवार और अन्य छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है। भारतीय तिरंगा ध्वज को हमेशा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए। भारतीय फ्लैग कोड के मुताबिक तिरंगे को फहराते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि वो झुका न हो, वो जमीन से न छू रहा हो या फिर उसका कुछ हिस्सा पानी में न डूब रहा हो। अगर ऐसा होता है तो ये तिरंगे का अपमान माना जाएगा। झंडा फटा हुआ या गंदा नहीं होना चाहिए। आप अपने घर पर या किसी भी संस्थान में तिरंगा फहरा सकते हैं, बस इस बात का ध्यान रखें कि उसके बराबर या उससे ऊंचा कोई दूसरा झंडा नहीं होना चाहिए। उम्मीद करता हूं कि ये सभी जानकारियां आपके लिए उपयोगी साबित होंगे। तिरंगे झंडे को फहराने और उताने के समय में जिन जरूरी नियमों का पालन करना चाहिए उसके बारे में आप अपने बच्चे को जरूर बताएं।
Be the first to support
Be the first to share
Comment (0)