पैप स्मीयर (Pap-Smear) जांच क्या हैं ? जानें पैप स्मीयर सैंपल लेने के समय क्या सावधानी बरतें

आधुनिक युग में महिलाओं की बदलती जीवनशैली और खानपान के तरीके के चलते महिलाओं में जानलेवा कैंसर रोग का प्रमाण बढ़ गया हैं। ब्रैस्ट (स्तन) कैंसर के बाद गर्भाशय का कैंसर महिलाओं में आम बन चूका हैं। गर्भाशय के कैंसर का निदान समय पर किये जाने पर इसका उपचार तुरंत शुरू किया जा सकता हैं और कैंसर को शरीर में फैलने से रोका जा सकता हैं। गर्भाशय के कैंसर का निदान करने के लिए Pap Smear / पैप स्मीयर जांच की जाती हैं। Pap Smear जांच क्या है और यह कैसे की जाती है !
गर्भाशय के कैंसर का निदान करने के लिए Pap Smear / पैप स्मीयर जांच की जाती हैं। Pap Smear जांच क्या है और यह कैसे की जाती है इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं..
पैप स्मीयर जांच क्या हैं ?/ What is Pap Smear Test in Hindi
पैप स्मीयर टेस्ट महिलाओं में होने वाले गर्भाशय के मुख के कैंसर के जांच के लिए कराया जाता है। इसमें गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में आये बदलाव की जांच की जाती हैं जो कैंसर के शुरूआती संकेत हो सकता हैं। टेस्ट के लिए आशंकित हिस्से से कुछ कोशिकाएं लेकर कैंसर सेल की पहचान की जाती है।
यह एक रूटीन टेस्ट है जिसे डॉक्टर 21 वर्ष से 65 वर्ष की उम्र तक की महिलाओं को हर 3 वर्ष में एक बार करवाने की सलाह देते हैं। महिलाओं को पहली बार सम्बन्ध बनाने के 3 वर्ष के भीतर या 21 वर्ष की उम्र तक अपना पहला Pap Smear करा लेना चाहिए। अगर समय पर सर्विक्स कैंसर का पता चलता है तो इलाज आसानी से किया जा सकता है।
इस टेस्ट में दर्द नहीं होता हैं। इस टेस्ट को लेकर अधिकतर महिलाएं डरी रहती है। दर्द और कैंसर के फैलने की आशंका रहती है। इस जांच में ना तो दर्द होता है नहीं कैंसर के फैलने का खतरा रहता है। पांच से 10 मिनट में सैंपल ले लिया जाता है और 3 से 10 दिन में रिपोर्ट मिलती है.
गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) कैंसर के लक्षण क्या हैं ? Cervix Cancer Symptoms in Hindi
गर्भाशय में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस इन्फेक्शन के 5 से 8 साल बाद लक्षण दिखते है। इस कारण निचे दिए हुए लक्षण नजर आते हैं :
- गर्भाशय के नीचे लाल दाने उभर आते हैं।
- यौन संबंध के दौरान दर्द के साथ रक्त / ब्लड आता है।
- भूख में कमी।
- एक पैर में सूजन।
- वजन घटना।
- कमर दर्द।
पैप स्मीयर सैंपल लेने के समय क्या सावधानी बरते ?/ Precautions During Pap Smear Test
Pap Smear / पैप स्मीयर जांच कराते समय निचे दी हुई सावधानी बरते :
- माहवारी / पीरियड्स खत्म होने के 4 से 5 दिन बाद ही सैंपल दे।
- सैंपल देने के 48 घंटे पहले और 24 घंटे बाद ही संबंध बनाए।
ज्यादातर कैंसर का निदान अगर वक्त रहते हो जाये तो उनका उपचार कर उन्हें फैलने से रोक जा सकता है और पीड़ित महिला के प्राण बचाये जा सकते हैं। अगर आपके परिचय या घर में ऐसी कोई महिला है जो यह जांच कराने के श्रेणी में है परंतु अभी तक यह जांच नहीं की है तो अपने डॉक्टर से मिलकर Pap Smear / पैप स्मीयर जांच अवश्य कराये।
इसे भी पढ़ें - पैप स्मीयर जांच से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखें
यह लेख डॉ पारितोष त्रिवेदी जी ने लिखा हैं l स्वास्थ्य से जुडी ऐसी ही उपयोगी जानकारी सरल हिंदी भाषा में पढने के लिए आप उनके हिंदी हेल्थ वेबसाइट www.nirogikaya.com पर विजिट कर सकते हैं l
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