गर्भावस्था के दौरान होने वाली मिचली: घरेलू उपचार जो काम आते हैं!

मिचली और उल्टी गर्भावस्था से जुड़े हुए सबसे आदर्श, तथापि सबसे अप्रिय लक्षण हैं। कारण कई हैं, और भाग्यवश बहुत से उपचार उपलब्ध हैं! इसलिए यहाँ आप सब आशावान माताओं को पेट की उस पीड़ा को ठीक करने में मदद के लिए कुछ सरल व आजमाए हुए प्राकृतिक नुस्खे दिये गए हैं। इन्होंने मेरी गर्भावस्था के दौरान मेरी मदद की, और आशा है कि वे आपकी भी मदद करेंगे!
आपकी गर्भावस्था के दौरान मिचली को कम करने में सहायता करने हेतु सर्वोत्तम प्राकृतिक “घर के नुस्खे”:
अदरक- अदरक सबसे अच्छे प्राकृतिक उपचारों में से एक है जो आपके पेट को ठीक करने और मिचली से मुक्ति दिलाने में सहायता करता है। एक कप चाय अथवा नींबू के रस में अदरक डालने के जादुई परिणाम हो सकते हैं। सोंठ की गोलियों का भी प्रयोग किया जा सकता है यदि ये आपको फायदा करती हैं।
मिंट अथवा तुलसी- दोनों मिचली को कम करने में खुद को साबित कर चुके हैं। पिपरमिंट कैंडी और कम शुगर वाली मिंट की मिठाइयाँ भी मिचली में आराम दे सकती हैं। मिंट के साथ नींबू पानी की एक ठंडी गिलास दिन भर तरो-ताजा महसूस कराती है। मिंट अथवा तुलसी की कुछ पत्तियों को उबालें और तत्काल आराम के लिए उनसे बनी चाय पियें। यदि आपको स्वाद पसंद है तो पत्तियाँ पूरी तरह से भी चबाई जा सकती हैं।
करी पत्ता- पेय जिसमें 2-3 चम्मच करी पत्ते का जूस और नींबू रस मिला हो, मिचली की तकलीफ को कम करता है।
खट्टे खाद्य पदार्थ – संतरा जैसे खट्टे फल मिचली को कम करने में सहायता करते हैं। उनमें विटामिन –सी भरपूर मात्रा में होती है! नींबूरस स्वाद को बढ़ाता है और इसे आँवला रस अथवा शहद के साथ मिलाने से लाभकारी प्रभावों में वृद्धि होती है। स्वादिष्ट टॉफियाँ, काला खट्टा और सूखा आँवला काफी अच्छे विकल्प भी हैं। कुछ भावी माताओं को कटा हुआ नींबू सूँघना लाभ देता है। मेरे दक्षिण भारतीय कज़िन ने मुझे तकलीफ में “भुने हुए नींबू” नर्दगया” के प्रयोग के बारे में सलाह दी। कुछ मामलों में इमली भी स्वाद बढ़ा सकती है।
विटामिन बी6 – इसे पाइरीडॉक्सिन भी कहा जाता है। यह मिचली और उल्टी को रोकने में सहायता कर सकती है। विटामिन बी6 की पूर्ति प्राकृतिक रूप से खाद्य पदार्थों जैसे अरबी, केला, एवोकाडो, अखरोट, चना और राजमा का उपयोग करते हुए की जा सकती है।
लौंग – 3-4 लौंगों को लगभग 30 मिनट तक पानी में भिगोएँ, छान लें और तत्काल आराम के लिए मिचली आने पर इसे पिएँ। भुनी हुई लौंग को चूसना एक अन्य तरीका हो सकता है जिससे मदद मिलती है।
बेल का फल – यह फल स्वास्थ्य को काफी लाभ पहुंचाता है। आप चीनी के साथ कच्चे बेल का गूदा ले सकते हैं अथवा पके हुए चावल में कुछ चम्मच बेल का रस डाल सकते हैं। यह गर्भावस्था के दौरान उल्टी के लिए एक औषधीय वरदान है।
प्रोटीन एवं कार्बोहइड्रेट – पर्याप्त प्रोटीन एवं कार्बोहाइड्रेट वाली खुराक की सलाह दी जाती है। स्मूदीस; सैंडविच के साथ मिल्कशेक अथवा अंडे (केवल यदि आपकी इच्छा हो!) लेने से मिचली में आराम मिलता है। सेब, अखरोट, पिस्ता और अन्य मेवे आपकी ऊर्जा के स्तर को ऊंचा रखने के अच्छे स्रोत हैं।
बर्फ के टुकड़े – बर्फ के टुकड़े को चूसना सबसे रोचक विचारों में से एक है जो मैंने एक मित्र से लिया!
ध्यान एवं व्यायाम – सरल व्यायाम, प्रशिक्षित प्रसव- पूर्व योग और ध्यान की आपकी तंत्रिकाओं को शांत रखने और मिचली को रोकने में सहायता हेतु सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्यप्रद खाने की आदतें – आपकी खुराक और खाने की आदतें मिचली बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण योगदान करती हैं। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं –
- तीन बड़ी भारी खुराकों से बचते हुए, भोजन को छोटे- छोटे हिस्सो में बार- बार खाएं।
- ज्यादा जल्दी न खाएं और अपने भोजन को धीरे- धीरे चबाएँ।
- बेहतर परिणामों के लिए ऐसा भोजन लेने का प्रयास करें जो कमरे के तापमान पर हो अथवा ठंडा हो।
- जूस और पानी के साथ हाइड्रेटेड बने रहना महत्वपूर्ण है।
यदि रात्रि में समस्या से पीड़ित हों, तो अपने नाश्ते पर ध्यान दें!
- स्वास्थ्यपरक स्नैक्स जैसे चीज एण्ड क्रैकर्स, मिल्क रस्क, फाइबर बिस्किट, अखरोट लेने का प्रयास करें। अपने बिस्तर के बगल में हमेशा इन्हें रखें!
चाहे आपको रसगुल्ला या नमकीन आचार खाने की तीव्र इच्छा हो रही हो, ध्यान रखें कि मिचली हमेशा नहीं रहने वाली है। इसलिए धैर्यपूर्वक और संवेदनशीलता से इससे निपटें। हमेशा किसी एलर्जी पैदा करने वाले खाद्य सामग्री को परखें और किसी भी सुझाए गए उपचार को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लें। हैप्पी प्रेग्नेंसी मम्मीज!!
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