इन 5 तरीकों से जाने आपका ...
आरव की उम्र 15 साल है, वह जब भी बाहर से फुटबॉल खेलकर आता है, खड़े-खड़े ही पानी पीने लगता है। एक दिन उसकी नानी ने उसे खड़े होकर पानी पीते हुए देख लिया और उसे मना किया कि इस तरह से पानी नहीं पीना चाहिए। आरव को बहुत आश्चर्य हुआ और उसने अपनी नानी से कहा कि आज तक उसे किसी ने इस बात के लिए मना नहीं किया है। तब आरव की नानी ने उसे पानी पीने के तरीकों के बारे में बताया कि किस तरह से पानी पीना सही है और किस तरह से गलत। आज इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि किन 5 तरीकों से जान सकते हैं कि आपका पानी पीने का तरीका सही है या गलत।
1. भोजन के दौरान पानी नहीं - No water during meals
हम अक्सर भोजन करते हुए पानी पीते हैं ताकि हम जल्दी से अपना खाना खत्म कर सकें। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह डाइजेस्टिव जूस को डाइल्यूट कर देता है। इसलिए बेहतर तो यह होगा कि भोजन करने के बीच में पानी पीने से परहेज करें। यह पाचन तंत्र और सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। भोजन के बीच में पानी पीने से पेट में भोजन रह जाता है, जो पचता नहीं है और इसकी वजह से एसिड रिफ्लक्स और हार्टबर्न जैसी समस्या हो सकती है। पानी पीने का अच्छा समय भोजन करने से आधे घंटे पहले या भोजन समाप्त करने के एक से डेढ़ घंटे बाद का है। यदि बेहतर पाचन के लिए पानी की जरूरत पड़ती है, तो वह छाछ, सूप या ऐसे ही किसी तरल भोजन से मिलना चाहिए।
2. ठंडा पानी नहीं पिएं - Do not drink cold water
पूरे दिन काम करने या थक जाने के बाद हम फ्रिज की ओर बढ़ते हैं ताकि ठंडा पानी पी सकें। लेमिन क्या आप जानते हैं कि यह ठंडा पानी कुछ पलों के लिए भले ही सुकून पहुंचाता है लेकिन लंबे समय के लिए हानिकारक होता है? आयुर्वेद के अनुसार, ठंडा पानी डाइजेस्टिव तापमान और गैस्ट्रिक जूस में विघ्न डालता है। ऐसे में शरीर को तापमान को नियमित करने के लिए अतिरिक्त एनर्जी खर्च करनी पड़ती है और भोजन को पचाने के लिए उसे पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलती है। इसके अलावा, ठंडा पानी ब्लड वेसल्स को सिकोड़ने के साथ ही पाचन में भी बाधा डालता है। यह दांतों के क्रेनियल नर्व, वेगस नर्व को भी स्टिमुलेट करता है, जो हार्ट रेट को कम करने के लिए जिम्मेदार है। इसलिए ठंडा पानी पीना बंद कर देना सही है।
3. खड़े होकर पानी पीने से करें परहेज - Avoid drinking water while standing
एक अन्य गलती जो अमूमन लोग करते हैं, वो है खड़े होकर पानी पीना। शोध के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से पानी बहुत तेजी से डाइजेस्टिव सिस्टम में नीचे चला जाता है। इस तरह से पर्यपात पानी और पोषक तत्व आपके डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में अवशोषित नहीं होते हैं। इससे आपकी किडनई और ब्लैडर में अशुद्धता जमा होती जाती है। वहीं, दूसरी ओर बैठकर पानी पीने से हमारे शरीर की मांसपेशियां और नसें रिलैक्स रहती हैं और पानी को अवशोषित करती हैं।
4. एक बार में ज्यादा पानी नहीं पिएं - Do not gulp water at once
एक बार में बहुत ज्यादा पानी पीने से पेट गड़बड़ हो सकता है। हमारे सलाइवा की प्रवृत्ति एल्केलाइन होती है, जो पेट में एसिडिटी को न्यूट्रलाइज कर देती है। यदि आप बहुत ज्यादा पानी एक बारे में पीते हैं,ट ओ इसे पर्याप्त समय नहीं मिलता है कि यह सलाइवा के साथ मिक्स हो सके। इसके परिणामस्वरूप सलाइवा द्वारा एसिड का न्यूट्रलाइजेश प्रभावित होता है। इससे एसिड रिफ्लक्स और समबंधित समस्याएं होने का जोखिम रहता है। पानी पीने का सही तरीका धीरे-धीरे पीना है। इस तरह से पानी आपके सिस्टम में जाने से पहले सलाइवा से सही तरह से मिक्स हो जाता है। यही नहीं, जब हम सीप करते हुए पानी पीते हैं, टो पेशाब भी छ गुना कम निकलता है। इस तरह से शरीर पानी को अधिक अवशोषित करता है और आपको हाइड्रेटेड रखता है।
5. सादा पानी ही पिएं - Drink only plain water
कई लोग सोचते हैं कि वे आर्टिफ़िशियल ड्रिंक या अन्य तरल पेय पीकर पानी ही कमी को पूरा कर सकते हैं, जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। आर्टिफ़िशियल स्वीटनर में भले ही जीरो कैलोरी होती है लेकिन शोध बताते हैं कि इनके सेवन से वजन बढ़ने की आशंका रहती है,स आठ ही अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी हो सकती हैं। सिर्फ यही नहीं, शक्कर का बेवजह सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है लेकिन इसके साथ यह भी उतना ही जरूरी है कि पानी को सही तरीके से पिया जाये। ऊपर बताए गए 5 तरीकों से आप जान सकते हैं कि आपका पानी पीने का तरीका सही है या गलत।
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