क्या प्रेगनेंसी में बैंगन खाना फायदेमंद है?

प्रेगनेंसी के साथ ही चारों ओर से कई तरह की सलाहें मिलनी शुरू हो जाती हैं। यही हुआ 29 वर्षीय मधुमिता के साथ। वह प्रेगनेंट हुई तो उसके घर में खुशियों का खजाना खुल गया लेकिन साथ ही सलाहों का खजाना खुलते भी देर नहीं लगी। आए दिन मधुमिता को कभी सास, कभी अपनी मां तो कभी किसी बहन या सहेली से सलाहें मिलने लगी कि उसे क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। इसी में से एक सलाह यह मिली कि प्रेगनेंसी के दौरान बैंगन नहीं खाना (Eating brinjal in pregnancy) चाहिए। और मधुमिता को बैंगन बहुत पसंद है। अब उसे समझ नहीं आया कि वह क्या करे। उसने इस बारे में कई तरह की रिसर्च शुरू की लेकिन उसे पॉजिटिव और निगेटिव दोनों तरह की बातें पता चली। अंततः अपनी इस समस्या को लेकर वह अपनी गायनोकोलॉजिस्ट के पास पहुंची, जिन्होंने उसे सही सालाह दी और प्रेगनेंसी के दौरान बैंगन खाने (Eating brinjal in pregnancy) को लेकर सही सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि बैंगन के कई हेल्थ बेनेफिट्स (Health benefits of brinjal in pregnancy) हैं, जिसकी वजह से एक प्रेगनेंट महिला के बैंगन खाने में कोई दिक्कत नहीं बल्कि अनगिनत फ़ायदे हैं।
प्रेगनेंसी में बैंगन खाने के फ़ायदे / Benefits of eating brinjal in pregnancy
मधुमिता की गायनोकोलॉजिस्ट ने प्रेगनेंसी में बैंगन खाने को लेकर जो फ़ायदे बताए, वे निम्न हैं –
- पाचन रखे दुरुस्त- बैंगन में डाइट्री फाइबर खूब होता है, जो आसानी से भोजन को पचाता है। यह नोरमल बोवेल मूवमेंट को भी बनाए रखता है, जिससे कब्ज जैसी समस्या पास नहीं फटकती है।
- रेड बल्ड सेल्स काउंट को बढ़ाता है- भ्रूण के सही तरह से विकास के लिए रेड ब्लड सेल्स जरूरी हैं। बैंगन का सेवन एक प्रेगनेंट महिला के नादर पल रहे शिशु के नर्व, ब्रेन सेल्स और मांसपेशियों के विकास में मदद करता है। साथ ही बैंगन में फोलेट होता है, जो फोलिक एसिड में तब्दील हो जाता है। फोलिक एसिड रेड ब्लड सेल्स के निर्माण का मूल स्रोत है। इस तरह से बैंगन प्रेगनेंट महिला के लिए जरूरी है।
- हाइपरटेंशन के जोखिम को करता है कम- प्रेगनेंट महिला को हाइपरटेंशन और ब्लड प्रेशर का खतरा बना रहता है। ऐसे में बैंगन में व्याप्त थियामिन, बायोफ्लेवोनॉयड्स और रिबोफ्लेविन हाइपरटेंशन को रेग्युलेट करने में मदद करता है। यह ब्लड प्रेशर स्तर को भी नियमित रखता है।
- कोलेस्ट्रॉल स्तर को रखता है नियमित- बैंगन बैड कोलेस्ट्रॉल या लो- डेंसिटी लिपोप्रोटीन लेवल को कम करने में सहायक है और गुड कोलेस्ट्रॉल या हाई- डेंसिटी लिपोप्रोटीन लेवल को बूस्ट अप करता है। इस तरह से यह ह्रदय से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मददगार है और प्रेगनेंट महिला की कार्डियोवस्कुलर स्थिति को ठीक रखता है।
- शिशु के विकास में सहयोगी- बैंगन में विटामिन ए, विटामिन ई, बी कॉम्प्लेक्स और नियासिन होता है, जो मिलकर भ्रूण के सही विकास में मदद करते हैं।
- इम्युनिटी में सुधार- बैंगन में विटामिन सी पाया जाता है, जो कई बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करता है। इस तरह से यह ना सिर्फ प्रेगनेंट महिला बल्कि उसके शिशु के लिए भी अच्छा है।
- जेस्टेशनल डायबिटीज- प्रेगनेंट महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज होने का जोखिम पूरी प्रेगनेंसी में बना रहता है। ऐसे मामलों में, ब्लड शुगर लेवल का नियमित रहना जरूरी है और बैंगन यही काम करता है।
- इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को करता है रेग्युलेट- बैंगन में मैग्नीशियम, आयरन, पोटैशियम, कॉपर, कैल्शियम, फॉस्फोरस, जिंक और मैंगनीज होता है। ये सब मिलकर प्रेगनेंट महिला के बॉडी के इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को रेग्युलेट करते हैं और मां के साथ शिशु में भी ब्लड सप्लाई को रेग्युलेट करते हैं।
प्रेगनेंसी में बैंगन खाने के विपरीत प्रभाव / Side effects of eating brinjal in pregnancy
प्रेगनेंसी में बैंगन खाने के कई फ़ायदे हैं, लेकिन इससे संबंधित कुछ हानि भी हैं, जिनका ध्यान एक प्रेगनेंट महिला को रखना चाहिए –
- प्रीमैच्योर डिलीवरी का डर- यूं तो हम किसी भी सब्जी या फल को धोकर ही खाते हैं लेकिन बैंगन के बारे में यह जानना जरूरी है कि बैंगन ऐसी मिटटी में बड़ा होता है, जिसमें टोक्सोप्लास्मोसिस होता है। यह प्रीमैच्योर डिलीवरी का कारण बन सकता है, इसलिए जरूरी है कि एक प्रेगनेंट महिला बैंगन (अन्य सब्जी भी) को अच्छी तरह से धोकर ही खाए।
- एलर्जी का जोखिम- कुछ प्रेगनेंट महिलाओं को बैंगन की ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कुछ तरह की एलर्जी हो सकती है। इसलिए प्रेगनेंट महिलाओं को यदि अपनी बॉडी में एलर्जी का कोई निशान दिखे तो बैंगन नहीं खाना चाहिए।
- एसिडिटी का कारण- प्रेगनेंट महिला में बैंगन के खाने से एसिडिटी होने का खतरा रहता है, जिससे उन्हें एन्जायटी हो सकती है। इसलिए बैंगन को सीमित मात्रा में ही खाने की सलाह दी जाती है।
अब तो आपको पता चल गया होगा कि प्रेगनेंसी में बैंगन खाने के कई फ़ायदे हैं, जैसे हाइपरटेंशन के जोखिम को कम करना और जेस्टेशनल डायबिटीज को दूर रखना। हालांकि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, जिसकी सलाह अन्य फूड्स के लिए भी दी जाती है। इसलिए, बेहतर तो यह होगा कि प्रेगनेंसी में बैंगन को सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
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