क्या है बच्चे की उम्र के ...
अपने बच्चों को बड़ा होते देखना हर माता- पिता के लिए सबसे सुखद एहसास होता है, हम उनके बचपन में अपना बिता हुआ कल देखते हैं , उनके साथ फिर से एक बार बड़े होते हैं । इस दरम्यान उनके विकास के हर आयाम पर हमारी सतत नजर होती है । बढ़ती उम्र के साथ बच्चों की लंबाई और वजन का क्या अनुपात हो, बच्चें की उम्र के अनुसार लंबाई और वजन का चार्ट (iape chart ) क्या है? जैसे मूलभूत चीजों की जानकारी बहुत ही काम अभिभावकों को होती है।
सामान्यतः एक अवधारणा देखने को मिलती है की जो बच्चा जितना मोटा है, वह उतना स्वस्थ्य है, जबकि सत्य तो ये है की मोटापा किसी भी उम्र या रूप में स्वास्थ्यप्रद नहीं हो सकता । अतः अभिभावकों को यह जानने की जरूरत है की हर बच्चे का जन्म अलग-अलग होता है और उसकी वृद्धि दर अलग-अलग होती है। हमें यह समझना होगा की बच्चे का विकास पहले साल में जिस तेजी से होता है वैसे तेजी बाद के सालों में ना दिखना सामान्य है, किसी बच्चे के लिए कोई आदर्श ऊंचाई और वजन नहीं है, लेकिन एक विकास पैटर्न है जो अधिकांश बच्चे पालन करते हैं। मानकीकृत ग्रोथ चार्ट एक सही चार्ट है जिस पर एक बच्चे के माप को प्लॉट किया जा सकता है। यह हमें जानने में मदद करता है की बच्चे का उसके लिंग के अनुसार विकास सही तरीके से हो रहा है अथवा नहीं । लड़के और लड़कियों का विकास प्राकृतिक रूप से अलग-अलग तरह से होता है अतः यह चार्ट भी उनके आदर्श विकास के पैटर्न को भिन्न रूप में प्रदर्शित करता है। बच्चे का पर्सेंटाइल ग्रोथ चार्ट यह तय करने में सहायक हो सकता है कि उनका विकास सही ढंग से हो रहा है या नहीं।
लड़कों के विकास को मापने के लिए एक ग्रोथ चार्ट होना क्यों महत्वपूर्ण है?
ग्रोथ चार्ट के परिणामों को डॉक्टर के परामर्श से समझ जा सकता है । डॉक्टर लड़के एवं लड़की के शारीरिक रचना के अनुसार इसे अभिभावकों को मीनिंगफुली समझ सकते हैं । इसके लिए बस दिए गए आंकड़ों में वजन और लंबाई के दर को समझना होता है ताकि किसी भी गड़बड़ी की संभावना से बच जा सके ।
WHO द्वारा प्रस्तावित ग्रोथ चार्ट बच्चों के लिए लंबाई और वजन के औसत के बजाय percentile को प्रदर्शित करता है । इस चार्ट में विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के एक ही उम्र और लिंग के बच्चों का data शामिल है।इस तरह , percentile method द्वारा यह पूरे वर्ग को दर्शाता है जिसमें बच्चे को आसानी से एक विशेष उम्र और लिंग में शामिल किया जा सकता है और अंततः,अभिभावकों को बड़ी आसानी से पता चल जाता है की आपका बच्चा पूरी तरह से फिट है या नहीं ,भले ही वे चार्ट के निम्नतम या उच्चतम स्तर पर ही क्यूँ ना हों।
आपके बच्चे के विकास का ग्राफ अगर असामान्य है तो यह चिंता का विषय है, इसे आसान से ऐसे समझा जा सकता है की यदि शिशु के 6ठे महीने में विकास का प्रतिशत 75 रहा और वो 9वें महीने में 25 और आगे ओर कम हो रहा है तो यह चिंतनीय है । ऐसे परिस्थिति में आपको तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए ताकि बच्चे के पोषण की कमी को पूरी की जा सके ।
शिशु के ग्रोथ चार्ट मे आयें किसी भी दृश्य अनियमितता जैसे कुछ महीनों में बच्चे का अधिक वजन, कम वजन, बहुत तेजी से बढ़ना या बहुत धीरे-धीरे बढ़ना आदि सामान्य है इससे चिंतित होने के बजाय शिशु के लिए डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। नियमित रूप से बच्चे की जांच करवाएं और साथ ही बेहतर जानकारी के लिए शिशु विशेषज्ञ से बात करें ।
नोट : यदि आप 1 सप्ताह से अधिक वजन में उचित वृद्धि नहीं पाते हैं तो कृपया चिंतित न हों। आपको लंबे समय में यह देखने की जरूरत है कि 3 महीने के बाद में क्या होता है।
कमोबेश नहीं। बच्चे के बर्थ वेट का एक बच्चे के विकास और वृद्धि में बहुत ही मामूली भूमिका होता है । मुख्यतः, माता-पिता के जीन ही विकास की प्रक्रिया को निर्धारित करते हैं। कोई बच्चा जो जन्म के समय एकदम छोटा है वो बड़ा होकर लंबा और मांसल पुरुषों में विकसित हो सकता है जबकि मोटे बच्चे बड़े होने के साथ दुबले हो सकते हैं।
घर पर ही बच्चे का माप
लंबाई: हालांकि बच्चे बहुत हिलते-डुलते रहते हैं फिर भी थोड़ी सावधानी से बिस्तर या टेबल जैसी किसी फ्लैट सतह पर लिटा दें और उसकी टाँगों को सीधा करें। एक टेप का उपयोग करके, सिर के टॉप से पैरों के तलवों तक उसकी लंबाई नोट कर लें।
वजन: बच्चे के वजन को मापने के लिए आप घर पर एक बच्चों का वेइंग मशीन का प्रयोग घर पर ही बच्चों का माप लेने के लिए एक बेहतर विकल्प होता है ।
सिर का घेरा: अपने बच्चे के सिर के सबसे चौड़े हिस्से के चारों ओर एक मापने वाला टेप लपेटें। ध्यान रहे की टेप आइब्रो और कान के ऊपर हो ।
3 से 7 वर्ष की आयु के बीच, औसत बच्चे का हर साल लगभग 2 किलो वजन होता है। इसके बाद ही बच्चे का प्यूबर्टल ग्रोथ स्पर्ट शुरू होने तक प्रति वर्ष लगभग 3 kg बढ़ता जाता है। इस कड़ी में डब्ल्यूएचओ द्वारा बच्चे की मानक ऊंचाई और वजन चार्ट मानक स्तनपान और स्वस्थ शिशुओं के सटीक परिणामों पर आधारित एक मानक गाइड्लाइन है ।
महीना |
वजन (किलोग्राम) |
हाइट (सेंटीमीटर) |
जन्म के समय |
3.7 किग्रा |
51.0 सेमी |
0.5 माह तक |
4.1 किग्रा |
53.3 सेमी |
1.5 माह तक |
4.9 किग्रा |
56.9 सेमी |
2.5 महीने तक |
5.6 किग्रा |
59.7 सेमी |
3.5 महीने तक |
6.3 किग्रा |
62.1 सेमी |
4.5 महीने तक |
6.9 किग्रा |
64.2 सेमी |
5.5 महीने तक |
7.5 किग्रा |
66.1 सेमी |
6.5 महीने तक |
8.0 किग्रा |
67.8 सेमी |
7.5 महीने तक |
8.5 किग्रा |
69.4 सेमी |
8.5 महीने तक |
8.9 किग्रा |
71.0 सेमी |
9.5 महीने तक |
9.3 किग्रा |
72.4 सेमी |
10.5 महीने तक |
9.7 किग्रा |
73.8 सेमी |
11.5 महीने तक |
10.0 किग्रा |
75.1 सेमी |
12.5 महीने तक |
10.3 किग्रा |
76.3 सेमी |
13.5 महीने तक |
10.6 किग्रा |
77.5 सेमी |
14.5 महीने तक |
10.9 किग्रा |
78.7 सेमी |
15.5 महीने तक |
11.2 किग्रा |
79.8 सेमी |
16.5 महीने तक |
11.4 किग्रा |
80.9 सेमी |
17.5 महीने तक |
11.6 किग्रा |
81.9 सेमी |
18.5 महीने तक |
11.9 किग्रा |
82.9 सेमी |
19.5 महीने तक |
12.1 किग्रा |
83.9 सेमी |
20.5 महीने तक |
12.3 किग्रा |
84.9 सेमी |
21.5 महीने तक |
12.5 किग्रा |
85.8 सेमी |
22.5 महीने तक |
12.7 किग्रा |
86.7 सेमी |
23.5 महीने तक |
12.8 किग्रा |
87.6 सेमी |
24.5 महीने तक |
13.0 किग्रा |
88.5 सेमी |
महीना |
वजन (किलोग्राम) |
हाइट (सेंटीमीटर) |
जन्म के समय |
3.8 किग्रा |
51.7 सेमी |
0.5 माह तक |
4.3 किग्रा |
54.4 सेमी |
1.5 माह तक |
5.3 किग्रा |
58.3 सेमी |
2.5 महीने तक |
6.1 किग्रा |
61.3 सेमी |
3.5 महीने तक |
6.9 किग्रा |
63.8 सेमी |
4.5 महीने तक |
7.6 किग्रा |
65.9 सेमी |
5.5 महीने तक |
8.2 किग्रा |
67.9 सेमी |
6.5 महीने तक |
8.8 किग्रा |
69.6 सेमी |
7.5 महीने तक |
9.3 किग्रा |
71.3 सेमी |
8.5 महीने तक |
9.8 किग्रा |
72.8 सेमी |
9.5 महीने तक |
10.2 किग्रा |
74.2 सेमी |
10.5 महीने तक |
10.6 किग्रा |
75.6 सेमी |
11. 5 महीने तक |
10.9 किग्रा |
76.9 सेमी |
12. 5 महीने तक |
11.2 किग्रा |
78.1 सेमी |
13. 5 महीने तक |
11.5 किग्रा |
79.3 सेमी |
14. 5 महीने तक |
11.8 किग्रा |
80.4 सेमी |
15. 5 महीने तक |
12.0 किग्रा |
81.5 सेमी |
16.5 महीने तक |
12.2 किग्रा |
82.6 सेमी |
17.5 महीने तक |
12.5 किग्रा |
83.6 सेमी |
18.5 महीने तक |
12.7 किग्रा |
84.6 सेमी |
19. 5 महीने तक |
12.8 किग्रा |
85.5 सेमी |
20.5 महीने तक |
13.0 किग्रा |
86.5 सेमी |
21.5 महीने तक |
13.2 किग्रा |
87.4 सेमी |
22.5 महीने तक |
13.4 किग्रा |
88.3 सेमी |
23.5 महीने तक |
13.5 किग्रा |
89.1 सेमी |
24.5 महीने तक |
13.7 किग्रा |
90.0 सेमी |
लड़कों के लिए डब्ल्यूएचओ (WHO)वेट चार्ट
लड़कियों के लिए डब्ल्यूएचओ (WHO)वेट चार्ट
लड़को के लिए डब्ल्यूएचओ हाइट चार्ट (WHO Height Chart for Boys)
लड़कियों के लिए डब्ल्यूएचओ हाइट चार्ट (WHO Height Chart for Girls)
लंबाई और वजन संतुलन के तत्व
लंबाई और वजन का निर्धारण करने वाला सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं आपके genes ,जो आप और आपके साथी बच्चों को आनुवंशिक रूप में उन्हे देते हैं। इसके अलावा भी कई अन्य कारक हैं जो उनके विकास को प्रभावित करते हैं ।
गर्भकालीन आयु(gestation) - शिशु का विकास और पोषण उसके गर्भ में रहने के अवधि पर बहुत हद तक आश्रित राहत है । समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चेछोटे,अल्प पोषित और हल्के हो सकते हैं ।
हार्मोन (Hormones) - हार्मोन की अनियमितता थायरॉइड का स्तर काम कर सकती है जिससे विकास क्रम धीमा हो जाता है । इस प्रकार के बच्चों की लंबाई और ऊंचाई कम रह जाती है । गर्भावस्था मे बार-बार जांच और दावा द्वारा इस संभावना को काम किया जा सकता है ।
माँ का स्वास्थ्य - गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान या शराब का सेवन, गर्भकालीन मधुमेह, गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना, गतिविधि स्तर आदि जैसे कई ऐसे कारक हैं जो गर्भ मे पल रहे बच्चे के विकास को गंभीरता से प्रभावित करते हैं ।
माँ का दूध vs बाहरी दूध - माँ का दूध बच्चे के विकास के लिए जरूरी सभी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह शिशु के स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है जिसे किसी भी बाहरी माध्यम द्वारा नहीं पूरा किया जा सकता अतः एक साल तक माँ द्वारा स्तनपान बहुत ही आवश्यक है । इसकी अनुपस्थिति शिशु स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालती है ।
नींद - निर्बाध और अच्छी नींद बच्चों को बढ़ने में मदद करती है। र वे बच्चे जो अच्छी नींद लेते हैं काफी स्वस्थ और सेहतमंद होते हैं। आरामदायक और निर्बाध नींद के लिए सुपरबॉटम्स मुल्मुल स्वैडल्स में अपने बच्चे को स्वैडलिंग करने का प्रयास कर सकते हैं।
अंत में, आपके बच्चे के विकास का आकलन के कुछ संकेतक
अपने बच्चे के वजन और ऊंचाई की प्रगति पर एक नियमित, आवधिक जांच करते रहें।
पहले वर्ष के दौरान बच्चे के मासिक अंतराल का वजन पर पैनी निगाह रखें ।
दूसरे वर्ष के दौरान हर दो महीने और उसके बाद हर तीन महीने में पांच साल की उम्र तक विकास क्रम पर ध्यान देना अति आवश्यक है
अगर बच्चा स्वस्थ, सक्रिय और सामान्य रूप से विकसित हो रहा है तो फर्क नहीं पड़ता कि वजन या ऊंचाई में थोड़ा उतार-चढ़ाव हो भी
और हाँ ! किसी भी मानक या पैमाने के साथ मत जाइए,अपने बच्चे के साथ खूबसूरत समय का आनंद लीजिए !
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