अपने देश में रिश्तेदार के ...
अपने देश में बच्चे को गोद लेना पहले की तुलना में आम हो गया है। अधिकतर लोग बच्चे को इसलिए गोद लेना चाहते हैं क्योंकि उनके अपने बच्चे नहीं होते हैं या वे किसी बच्चे को नई जिंदगी देना चाहते हैं। अपने देश में बच्चे को गोद लेने की बात जब आती है, तो रिश्तेदार के बच्चे को भी गोद में लेने को लोग इच्छुक रहते हैं। खासकर महामारी के दौर में अपने रिश्तेदार के बच्चे को गॉड लेने का चलन बढ़ा है, इसके पीछे के कारण चाहे जो भी रहे हों। अपने देश में बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया कई कानूनों से होकर गुजरती है और यह सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (Central Adoption Resource Authority) यानी सीएआरए (CARA)की देख-रेख में किया जाता है। आज इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि अपने देश में रिश्तेदार के बच्चे को गोद लेने की क्या प्रक्रिया है।
अपने देश में है रिश्तेदार के बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया किसी अन्य अनाथ बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया जैसी ही है। बस ध्यान ये रखना है कि यदि रिश्तेदार का बच्चा अनाथ हो गया है तो उसे गोद लेने से पहले चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से संपर्क करना जरूरी है। चाइल्ड वेलफेयर कमिटी ही बच्चे की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाती है।
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