क्या है बच्चे को प्रोत्साहित करने का सही तरीका ?

दूसरे माता-पिता की तरह आप भी अपने बच्चे को प्रोत्साहित करना चाहते होंगे लेकिन बच्चों को प्रोत्साहित करने का सही तरीका क्या है? ये सवाल जितना मुश्किल दिखता है उतना है नहीं। आज हम आपको इस ब्लॉग में बच्चों को प्रोत्साहित करने के कुछ आसान तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। [जानें - बच्चों को व्यस्त रखने के 9 आसान तरीके]
बच्चों को प्रोत्साहित करने के आसान तरीके/ Easy Ways to Encourage Child in Hindi
सबसे पहली बात की बच्चों को प्रोत्साहित करना इसलिए जरूरी है ताकि उनके अंदर अच्छे काम करने की भावना जागृत हो सके। अगर आप बच्चे को प्रोत्साहित करते हैं तो वे प्रत्येक काम को मन से करने का प्रयास करेंगे।
- उनकी कोशिश का सम्मान करें - यहां सम्मान से मतलब केवल ‘अच्छा’ या ‘बहुत अच्छा’ बोलना नहीं है अपितु यहां उनके हौसला को बढाने से है। जैसे- यदि बच्चा सुबह जल्दी उठता है तो आप कह सकते है- ‘अरे वाह! आज आप इतनी जल्दी उठ गए। पता है जब मैं छोटा था/छोटी थी तो मम्मी/पापा मुझे बहुत मुश्किल से उठाते थे।’ इसी तरह उनके छोटे-बड़े कामों पर उन्हें अलग अलग तरह से प्रोत्साहित करें। उन्हे एहसास दिलवाएं की जो उन्होंने किया है वह कितना ज़रूरी और मुश्किल है। उनके प्रयास/कोशिशों का सम्मान करें।
- रोज़ किए जाने वाले कामों को सीखने का जरिया बनाए - बच्चे रोज़ बहुत से काम करते है। बच्चों के कामों को देखें, उनसे सीखने और सिखाने की कोशिश करें। उनके कामों के बारे में बातचीत करें। उनसे काम करने के तरीके, उसमें आई मुश्किल, आदि के बारे में बातचीत करें।
- उनके कौशल/काबिलियत की कद्र करें - सोचिए, कैसा हो अगर आपको कुछ ऐसा काम करने को कहा जाए जो आप कर ही नहीं सकते? चलिए इस सवाल को थोड़ा आसान बना देते है। क्या हो अगर आपको उड़ने के लिए कहा जाए और इसके बदले मे आपको वो सब चीज़ें दी जाए जो आपको पसंद है? क्या हुआ? सोच मे पड़ गए।दरअसल यही हम अपने बच्चों के साथ करते हैं। हम उन्हें ऐसे काम करने के लिए कहते है जो शायद उनकी क्षमता से बाहर है। साथ-ही-साथ वो काम न कर पाने पर हम उन्हें सज़ा भी देते है। ज़रूरी है की बच्चे की कौशल/काबिलियत की कद्र की जाए। उन्हें एक हद तक अलग-अलग कार्यों का अनुभव देना ज़रूरी है पर वह केवल तब तक जब तक उन्हे उससे कोई तकलीफ़ ना हो। हो सकता है अनुभव लेने के बाद बच्चा वह काम करना पसंद ना करें। ऐसे में उन्हें अपनी पसंद का कार्य चुनने दें। इस अवस्था में वे उस कार्य को और दिल से कर पाएँगे और उसके परिणाम भी उच्च होंगे।
- बच्चों के साथ बातचीत करें - आज के समय में ज़रूरी है की बच्चों के साथ बातचीत की जाए। उन्हें समझा जाए और समझाया जाए। इसकी अहमियत एक उदाहरण की मदद से समझते हैं। हम ज्यादातर देखते हैं की हम बच्चों को अपना कमरा और अपनी चीज़ें साफ़ रखने के लिए कहते हैं। जब बच्चा ये काम करता है तो उसे एक टॉफी या चॉक्लेट दे दी जाती है और जब वह यह काम नहीं करता है तो उसे डांट दिया जाता है। अब सोचिए की टॉफी या चॉक्लेट दिए जाने के वावजूद बच्चा वह काम करना (इस उदाहरण से सफाई करना) क्यों छोड़ देता है। दरअसल बात ये की हमने बच्चे को किसी चीज़/उपहार का लालच तो दे दिया पर उसको इस काम की अहमियत नहीं समझाई। ऐसे में जब बच्चा उस चीज़/उपहार से बोर हो गया तो उसने वह कार्य करना छोड़ दिया। इसलिए ज़रूरी है की बच्चों को किसी काम को करने की ज़रूरत और फायदे के बारे में बताया जाए।
- उनका आदर्श बनें - ये कहावत बहुत पुरानी है “जैसा व्यवहार आप स्वयं के साथ करवाना चाहते है वैसा ही आप दूसरों के साथ करें।”
ये कहावत बच्चों के पक्ष में भी सही साबित होती है। जैसा व्यवहार आप चाहते हैं की बच्चे करें आप उनके साथ और उनके सामने वैसा ही व्यवहार करें। जैसे- ‘आप’ बोल के बात करना, अपनी बात को आराम से कहना, गलती करने पर समझना, बैठ कर किताब पढ़ना, कमरे को साफ़ रखना, खाना खाने से पहले/खाना खाने के बाद हाथ धोना, किताबें पढ़ना, फोन का कम-से-कम इस्तेमाल करना, आदि।
आदर्श बनना बच्चों को अच्छी आदतें सीखने और उन्हे सकारात्मक बनाने का सबसे आसान और सरल तरीका है। उम्मीत करता हूं कि आपको ये उपाय अच्छे लगे होंगे, इसके अलावा अगर आप भी अन्य साथी माता-पिता के साथ अपना अनुभव साझा करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से आप हमें कमेंट करके अपनी राय भेज सकते हैं।
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