गुरुग्राम स्कूल मर्डर - क्या आपका बच्चा वाकई सुरक्षित है?

सभी माता-पिता चाहते हैं आज के असुरक्षित और खतरनाक होते जा रहे समाज में हमारे मासूम और प्यारे बच्चे महफूज रहें, और इसके लिए हम पूरी कोशिश भी करते हैं पर गुरूग्राम के रायन स्कूल जैसी दर्दनाक घटनाएं हमारे भरोसे को तोड़ देती हैं।
स्कूल ज्ञान का मंदिर होता है जहाँ बच्चों के भविष्य का निर्माण होता है। यदि उस जगह ऐसा हो तो यकीन नहीं होता। कितनी निर्दयता और क्रूरता .... जिन बच्चों को देखकर हमारा दिल प्यार, करूणा और ममता से भर जाता है, उनके साथ ऐसा कैसे हो सकता है???
.... लेकिन यही सच्चाई है। हमारे देश में बच्चों के यौन हिंसा की घटनाएं आम बात है। घर हो या बाहर, स्कूल हो या पार्क बच्चे कहीं भी महफूज नहीं हैं और दुनिया भर में हमारे ही देष में सबसे ज्यादा बच्चे यौन हिंसा का षिकार होते हैं.... और इससे भी बड़ी हकीकत यह कि हर तीन में से दो स्कूली बच्चे यौन हिंसा का सामना करते हैं।
क्या हैं कारण-
- यह जानते हुए भी कि बच्चों का यौन शोषण/हिंसा एक अपराध है, लोग इस पर बात करने से बचते हैं और इसकी अनदेखी की जाती है। यह बाल यौन अपराध बढ़ने की बड़ी वजहों में एक है।
- बच्चों को यौन शिक्षा न दिया जाना भी इन अपराधों को बढ़ाने की बड़ी वजह है। कई बार बच्चे जान ही नहीं पाते कि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है और अगर जान लेते हैं तो डांट-फटकार के डर से माता-पिता से बात तक नहीं कर पाते।
- लचर और कमजोर कानून भी समाज में बाल यौन अपराध बढ़ने का कारण हैं।
बाल यौन उत्पीड़न को लेकर माता-पिता का किरदारः
बच्चों का यौन शोषण के ज्यादातर मामलों में बच्चे को शिकार बनाने वालों में उनके करीबी ही होते हैं जैसे स्कूल बस का ड्राइवर, कंडक्टर, टीचर, स्कूल का कोई स्टॉफ यहाँ तक कि परिवार का कोई खास सदस्य तक शामिल हो सकता है और ऐसे में अगर आप भी ये सोच कर निश्चिंत हैं कि घर के भीतर अपनों के बीच या बाहर आपका बच्चा सुरक्षित है तो यह खतरनाक हो सकता है। इन बातों पर गौर करें-
- किसी के लिए अपने मन में बेवजह शक न लाएं पर बच्चे के लिए कोई कितना भी सगा हो, उस पर नजर रखें।
- किसी की शक्ल देखकर उस पर भरोसा न करें। इस तरह की बीमार मानसिकता वाले लोग भी हम-आप जैसे आम लोग होते हैं। वे सम्यता से पेश आते हैं पर मौका मिलते ही हैवान बन जाते हैं।
- कुछ लोग बच्चों के लिए बहुत प्यार दिखाते हैं। वो कोई अपना भी हो सकता है या कोई अजनबी भी। ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखें और बच्चों को ऐसे लोगों के साथ अकेला छोड़ने से बचें।
बच्चे को कैसे तैयार करेंः
सबसे पहले बच्चों को इस तरह की अप्रिय बातों से बचाने के लिए उन्हें जानकार बनाना बहुत जरूरी है और इसके लिए माता-पिता और बच्चे के शिक्षक दोनों की भागीदारी होना चाहिए।
- यौन शिक्षा (Sex Education) को बढ़ावा दें। बच्चों को सिखाएं कि वे इस बात की पहचान कैसे कर सकते हैं कि कोई उन्हें गलत इरादे से छू रहा है।
- बच्चा किसी खास जगह पर जाने से डरे तो उसे विश्वास में लेकर उससे इसकी वजह जानें। ज्यादातर मामलों में बच्चे उस जगह जाने से डरते हैं जहां उनके साथ कुछ गलत हुआ हो।
- बच्चे के अंदर विश्वास पैदा करें कि वह आपसे खुल के बात कर सके। किसी अप्रिय बात के पता चलने पर उसे डांटे या मारे-पीटें नहीं। उसका हौसला बढ़ायें और जितनी जल्दी हो सके उसकी मदद के लिए कदम उठायें।
रायन स्कूल की घटना से सबक लेंः
हालांकि रायन स्कूल की घटना इस तरह की पहली या आखिरी घटना नहीं है, फिर भी अपराधियों के मन में बाल यौन शोषण को लेकर डर पैदा किए जाने की जरूरत है। यह केवल तभी मुमकिन है जब लोग इसका सामना करने के लिये तैयार हों और कानून बिना देरी किए और कड़ाई से इन मामलों को निपटाए।
इसके अलावा बाल यौन शोषण के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करने से भी ऐसी दुःखद घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह समय की मांग है कि माता-पिता के साथ शैक्षणिक संस्थाऐं बच्चों को बाल यौन शोषण के बारे में जानकारी दें और उनके साथ इस पर चर्चा करें।
याद रखें, बच्चे हमारे आने वाले कल की नींव हैं और जब नींव ही कमजोर होगी तो हमारा कल कैसे सुरक्षित होगा???
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