क्या हैं बच्चों के कान में दर्द होने के लक्षण, कारण व बचाव के उपाय ?

दर्द चाहे शरीर के किसी भी हिस्से में हो बहुत पीड़ादायक होता है। जैसा की आप जानते हैं कि हमारे शरीर की 5 ज्ञानेंद्रियां (sense organ) होती हैं। ज्ञानेंद्रियां शरीर के वे बाहरी अंग हैं जिनकी मदद से हम देखते हैं, सुनते हैं, महसूस करते हैं, स्वाद और रंग इत्यादि का पता करते हैं। इन्हीं ज्ञानेंद्रियों में से एक प्रमुख अंग है कान। कान की देखभाल करना बहुत जरूरी है। बच्चों को कान से संबंधित कई तरह की परेशानियां होती है जैसे कि कान में दर्द होना (Kaan Dard) , कान से पानी का बहना, कान का बंद हो जाना एवं अन्य। कई बार जब छोटे बच्चे बहुत रोने लगते हैं तो पैरैेट्स उनके रोने की वजह को लेकर परेशान हो जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक छोटे बच्चों के रोने की एक मुख्य वजह कान में दर्द होना भी है। इस ब्लॉग में हम बच्चो के कान में दर्द होने के मुख्य कारण (Reason for Ear Pain in Hindi) और उसके लक्षणों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
बच्चों के कान में दर्द होने के क्या कारण होते हैं?/Kid's Ear Pain Causes in Hindi
कान में दर्द होने के वैसे तो बहुत सारे कारण हो सकते हैं। अक्सर देखा ये जाता है कि हम लोग अपने कान को लेकर बहुत अधिक गंभीरता नहीं दिखाते हैं और इस लापरवाही का ही परिणाम होता है कान से संबंधित समस्याओं का उत्पन्न होना।
- कान की सफाई नहीं करना - जिस प्रकार हम अपने शरीर के अन्य अंगों की साफ-सफाई पर ध्यान देते हैं ठीक उसी प्रकार हमें अपने कानों की सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए। छोटे बच्चों के कान की सफाई नहीं करने पर उनके कान में वैक्स जमा हो जाते हैं और इस वजह से भी कान दर्द की समस्या हो सकती है। इसलिए हमारा सुझाव है कि आप अपने बच्चे के कानों की सफाई करते रहें।
- कान की सफाई का गलत तरीका - कान की सफाई तो करें लेकिन इसमें बहुत अधिक सतर्कता बरतने की भी आवश्यकता होती है। किसी बारीक चीज से कानों की सफाई करने से कान को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए जब कभी अपने बच्चे के कान की सफाई करें तो सावधानी के साथ रूई की तीली का ही इस्तेमाल करें।
- एलर्जी - कान दर्द होने का एक और कारण एलर्जी भी हो सकता है। इसके अलावा अगर सोते समय में या अन्य किसी वक्त में कान के अंदर चींटी या कोई कीड़ा घुस जाए तो इसकी वजह से भी कान दर्द हो सकता है।
- गलत तरीके से स्तनपान - स्तनपान कराने के समय में भी आपको बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। अगर आप अपने बच्चे को लेटे हुए स्तनपान करा देती हैं ये यूस्टेशियन ट्यूब से होकर बच्चे के कान के पर्दे में इनफेक्शन का कारण बन सकता है। इसकी वजह से आपके बच्चे के कान में मवाद आने लगता है। तो इसलिए हमारी सलाह है कि आप स्तनपान कराने के समय में इन बातों का जरूर ख्याल रखें।
- नहलाने के समय में कान में पानी का चला जाना - शिशु को नहलाना तो जरूरी है ही लेकिन किस तरीके से नहलाना चाहिए ये जानना भी आपके लिए जरूरी है। अक्सर नहलाने के समय में बच्चों के कान में पानी प्रवेश कर जाता है। अगर इसको अच्छे से साफ नहीं किया गया तो कान में फंगस की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से भी आपके शिशु के कान में तेज दर्द हो सकता है। नहलाने के बाद में कानों की अच्छी तरह से सफाई करना बिल्कुल ना भूलें। [इस ब्लॉग को जरूर पढ़ लें:- बच्चों को नहलाने के समय में इन बातों का विशेष रूप से रखें ध्यान]
- उचित आहार की कमी - अब आप ये सोच रही होंगी कि कान में दर्द का आहार से क्या संबंध है। लेकिन हम आपको बता दें कि पोषण की कमी के चलते भी बच्चों के कानों में दर्द हो सकता है। हालांकि हम मानते हैं कि आप अपने बच्चे के खानपान का पूरा ध्यान रखती हैं लेकिन उनके आहार में सभी पोषक तत्व मौजूद हैं या नहीं इसका जरूर ध्यान रखें। [इस ब्लॉग को भी पढ़ लें:- कैसा होना चाहिए आपके बच्चे का आहार]
- बीमारियों की वजह से भी हो सकता है कान दर्द - डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों में सर्दी, खांसी, जुकाम या गले में इनफेक्शन इत्यादि समस्याओं के चलते उनके टॉन्सिल्स में सूजन हो जाता है। और इसके चलते भी शिशु के कान में दर्द हो सकता है।
बच्चों में कान दर्द के लक्षण / Symptoms of Ear Infection or Pain in Hindi
अब आपके मन में प्रश्न आ रहा होगा कि हम कैसे समझ पाएं कि शिशु के रोने की वजह कान में दर्द का होना है। तो चलिए हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताते हैं जिससे आप पता कर सकते हैं कि आपका बेबी कान दर्द के चलते ही रो रहा है।
- अगर आपका बेबी बार-बार अपने कान को खुजला रहा है तो आप समझ सकते हैं कि उसके कान में कुछ समस्याएं हैं।
- अगर शिशु बार-बार अपने कानों को खींचकर या कान पर हाथ रखकर रो रहा है तो समझ जाइये कि बच्चे के कान में दर्द हो रहा है।
- अगर आप बच्चे को आवाज देकर बुला रहे हैं लेकिन बच्चा पहले की तरह अपनी प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है या ऐसा महसूस हो कि वो सुन नहीं पा रहा है या कम सुन रहा है तो इसका मतलब कि कान से संबंधित कोई परेशानी है।
- अगर आप या आपके परिवार के किसी सदस्य का हाथ अचानक बच्चे के कानों पर चला जाए और उसके बाद वो रोने लगे तो फिर आपको समझ जाना चाहिए कि बच्चे के कान में दर्द है।
- कान में दर्द या अन्य समस्याओं के चलते कान के आसपास की त्वचा का तापमान बढ़ जाता है।
- कान में ज्यादा दर्द होने की वजह से बच्चे को बुखार भी हो सकता है
- अगर कान से पानी जैसा मवाद निकल रहा है
- कान में हो रहे दर्द की वजह से बच्चे को अपना जबड़ा खोलने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके चलते बच्चे को कुछ खाने पीने में या स्तनपान करने में भी दिक्कतें हो सकती है।
बच्चों के कानों में दर्द या इन्फेक्शन का इलाज / Baby Ear Pain or Infection Home Remedies in Hindi
अगर आपके बच्चे को कभी कान दर्द या इन्फेक्शन से पीड़ित हो तो इन उपायों को जरूर अपनाएं (डॉक्टर से कंसल्ट करने में परहेज न करें)।
- कान में किसी भी प्रकार का संक्रमण होने की स्थिति में बच्चे को ज्यादा से ज्यादा आराम कराएं।
- अगर बच्चे के कान में दर्द हो रहा हो तो सूती कपड़े को हल्का सा गर्म करके बच्चे के कानों पर रखें। इससे उनको आराम मिल सकता है।
- अगर आपका बच्चा कान में इनफेक्शन और दर्द से परेशान है तो उसको ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन कराएं।
- हल्के गर्म तेल से बच्चे के कानों का मसाज कर सकते हैं। इस उपाय से भी बच्चे को राहत मिल सकती है।
- नीम की कुछ पत्तियों को पीसकर उसका रस निकाल लें। इस रस की 2 से 3 बूंद बच्चे के कानों में डालें। इसके अलावा आप नीम के तेल जो कि बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं का भी प्रयोग कर सकते हैं।
- तुलसी की 5 से 6 पत्तियों को पीस कर उसका रस निकाल लें। इसके बाद इसको दिन में तकरीबन 2 से 3 बार बच्चे के कान में डालें। कान में किसी प्रकार के संक्रमण की समस्या दूर हो सकती है।
- अगर बच्चे के कान में बहुत तेज दर्द हो रहा हो तो सरसो के तेल में लहसुन की 3 से 4 कलियां डालकर गर्म कर लें। इसके बाद जब ये ठंडा हो जाए तो इस तेल की 2-3 बूंदें बच्चे के कानों में डालें।
नवजात शिशु पर किसी प्रकार का नुस्खे का प्रयोग करने से बचें। अगर बच्चे के कानों की समस्या लगातार बनी हुई है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
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