बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों के लिए कफ सीरप का नहीं करें इस्तेमाल

अफ्रीकी देश गाम्बिया में दवाई खाने से 66 बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद बच्चों के कफ सीरप को लेकर मामला गर्माया हुआ है। बताया जाता है कि ये दवाई भारतीय कंपनी ने बनाई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गाम्बिया में हुई बच्चों की मौत पर अलर्ट जारी करते हुए 4 कफ सीरप को लेकर एलर्ट जारी किया है। WHO के मुताबिक चारों प्रोडक्ट्स में diethylene glycol और ethylene glycol का इस्तेमाल तय मानकों से कहीं ज्यादा हुआ है. खास बात ये है कि diethylene glycol और ethylene glycol कंपाउंड की दवाओं का इस्तेमाल अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में बैन है।भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने फार्मा की जांच के लिए DCGI और हरियाणा रेगुलेटरी अथॉरिटी मिलकर काम शुरू किया है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक फार्मा कंपनी ने केवल गाम्बिया में ही प्रोडक्ट्स को एक्सपोर्ट किया था।
कफ सीरप को लेकर WHO की रिपोर्ट की खास बातें
- WHO ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कफ-सिरप में डायथेलेन ग्लाईकोल (diethylene glycol) और इथिलेन ग्लाईकोल (ethylene glycol) की मात्रा तय मानकों से अधिक है और इसके इस्तेमाल से इंसान की जान भी जा सकती है।
- दवाओं में ये कंपाउंड अधिकतम 0.14 मिलीग्राम प्रति किलो तक मिलाया जा सकता है। 1 ग्राम प्रति किलो से ज्यादा मिलाने पर ये मौत का कारण बन सकता है। हालांकि दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्टे के मुताबिक WHO या इस कंपनी ने खुलासा नहीं किया कि जिन दवाओं से मौत हुई, उसमें इन कंपाउंड की कितनी मात्रा थी।
अक्सर पैरेंट्स बच्चों को खांसी होने पर कफ सीरप व बुखार होने पर पेरासिटामोल देते हैं। कई बार ऐसा बिना डॉक्टरी सलाह के ही किया जाता है, जो गलत है। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो इस आदत को बदल डालिए। दरअसल कफ सीरप व पेरासिटामोल का बच्चों पर नकुसान भी होता है। आज हम आपको बताएंगे आखिर किस तरह ये दोनों चीजें बिना डॉक्टर की सलाह के लेने से आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं।
कफ सीरप से नुकसान/ Damage From Cough Syrup In Hindi
- रिसर्च के अनुसार सीरप में कौडीन होता है। कौडीन युक्त कफ सीरप ज्यादा लेने से बच्चे भ्रम की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। इसके अलावा उन्हें नई बातों को भी याद रखने में दिक्कत हो सकती है।
- इसके अलावा कफ सीरप ज्यादा पीने से आपके बच्चे को त्वचा में खुजली की दिक्कत, सांस लेने की समस्या आ सकती है। यही नहीं इसके अधिक सेवन से बच्चे का पाचन तंत्र भी खराब हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार कफ सीरप बच्चे ही नहीं बल्कि बड़ों के लिए भी नुकसानदायक होता है। पर बच्चों को इसका सेवन न ही कराएं तो बेहतर।
पेरासिटामोल से नुकसान/ Damage From Paracetamol In Hindi
- रिसर्च से पता चला है कि पेरासिटामोल बच्चों को देना नुकसानदायक है। अगर बच्चा 2 साल से कम उम्र का है, तो उसके लिए और खतरा है। 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कई बार पेरासिटामोल देने से अस्थमा जैसी शिकायत होने लगती है। कई मामलों में ज्यादा डोज होने से बच्चे की मौत तक की बात सामने आई है। 3 महीने के बच्चे को तो ये दवाई बिल्कुल भी न दें।
- पेरासिटामोल की अधिक मत्रा बच्चे के लीवर को भी खराब कर सकती है। इसके अलावा बच्चे को इसकी वजह से त्वचा संबंधित दिक्कतें भी हो सकती हैं।
- कई केस में देखा गया है कि पेरासिटामोल की वजह से कई बच्चों को सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना व उल्टी का अहसास होने जैसी समस्या आती है।
- कई मामलों में पेरासिटामोल की वजह से बच्चों का मुंह सूजना, त्वचा पर लाल धब्बे व होठों या मुंह पर सफेद स्पॉट की दिक्कत आती है।
इन बातों का रखें ध्यान
अगर बहुत जरूरी हो तो भी पेरासिटामोल की खुराक बच्चे के वजन के अनुसार देनी चाहिए। अगर बच्चे का वजन 5 किलो से कम हो, तो उसे यह दवाई बिल्कुल भी न दें। इसके अलावा टीकाकरण के फौरन बाद बच्चे को पेरासिटामोल देने से बचें।
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