आंखों में इंफैक्शन (Conjunctivitis) के लिए घरेलू उपचार

कंजेक्टिवाइटिस आंखों में होने वाला इंफैक्शन है जिसमें आंख गुलाबी या लाल रंग की हो जाती है। दरअसल आंख के भीतर सफेद भाग में एक पतली और पारदर्शी परत होती है, जिसे कंजेक्टिव कहते हैं। जब इस परत में बैक्टीरियल, वायरल या फिर एलर्जिक रिएक्शन के कारण जलन होती है, तब इसी को कंजेक्टिवाइटिस कहते हैं। यह आंखों में प्रदूषण, धूल या धुएं के कारण हो सकता है। [इसे भी जानें: क्या हैं बच्चो की आँखे कमजोर होने के कारण, लक्षण और 6 घरेलू उपाय?]
क्या हैं आंखों में इंफैक्शन (Conjunctivitis) के घरेलू उपचार?
यह एक आम आई इंफैक्शन है, जो बच्चों या बड़ों को समान रूप से प्रभावित करता है। यह आंखों में प्रदूषण, धूल या धुएं के कारण हो सकता है। आईयें जानें आंखों में इंफैक्शन (Conjunctivitis) के लिए घरेलू उपचार | आइए जानें इसे दूर करने के घरेलू उपाय पूरा ब्लॉग पढ़ें....
- ठंडी सिंकाई इसका प्रमुख इलाज है। इससे आंखों की चुभन और सूजन कम होती है। इससे बच्चे को काफी आराम महसूस होता है।
- एक साफ़ ऊनी कपड़े को ठंडे पानी में डुबो कर निचोड़ लें और इसे बच्चे की बंद आंखों पर कुछ मिनटों तक रखें। एक बात का ध्यान रहे कि इसके लिए दोनों आंखों के लिए अलग कपड़े का प्रयोग करें।
- गर्म सेंक भी कंजेक्टिव आइटिस में आराम देता है। यह दर्द और जलन को कम करने के साथ-साथ आंखों को साफ़ भी करता है।
- मां का दूध नवजात शिशु के लिए सबसे अच्छा भोजन है और ये आंखों के संक्रमण में भी सहायक है। किसी स्ट्रेलाइज़्ड ड्रॉपर की मदद से मां के दूध की कुछ बूंदें आंखों में दिन में 3-4 बार डालें।
- आंखों को साफ करने में नारियल तेल भी लाभदायक होता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आंखों की जलन को शांत करने में लाभदायक हैं। नारियल तेल को हल्का गर्म करें और फिर इससे आंखों व नाक के बीच के भाग को हल्के हाथों से मालिश करें। यह क्रिया दिन में कई बार दोहराएं।
- बच्चों की आंखों के इलाज के समय अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन और गर्म पानी से धोएं। अन्य पारिवारिक सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए अलग-अलग तौलिए का प्रयोग करें।
- संक्रमित आंखों के संपर्क में आने वाले आई ड्रॉपर, तौलिए और तकिये को शेयर करने से बचें। संक्रमित बच्चे द्वारा उपयोग में लाए जा रहे कपड़े, तौलिया, बिस्तर को गर्म पानी में धोना चाहिए।
आई फ्लू (Eye Flu) होने पर क्या करें और क्या नहीं?
- आंखों को तीन-चार बार गुनगुने पानी से धोना चाहिए
- गुलाब जल से आँख को धोने से इन्फेक्शन कम हो सकता है
- हमेशा सैनिटाइजर का उपयोग करें
- अपने हाथ और आंखों को साफ करें
- किसी व्यक्ति से हाथ नहीं मिलाना चाहिए
- आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए
- बच्चा संक्रमित हो गया तो उसे स्कूल नहीं भेजना चाहिए
- किसी दूसरे का तौलिया, रुमाल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
- बस, मेट्रो या ट्रेन में सफर करने के दौरान स्टैंड या सीट को न छुएं
- किसी की पानी की बोतल इस्तेमाल न करें
इसके अलावा बच्चे को स्विमिंग पूल में भेजने से बचें। क्योंकि संक्रमण छूने से फैलता है, इसलिए बच्चों को स्कूल या बाहर न भेजें। अपने डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवा का इस्तेमाल करें।
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