मुत्र त्याग (Urination) करना यह एक नैसर्गिक क्रिया है। इस क्रिया के तहत शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकल कर शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन होता है। शरीर स्वस्थ रहने में और विभिन्न क्रियाएं सही ढंग से चलने में मूत्र त्याग का सुचारु रुप से चलना आवश्यक होता है।
पेशाब में जलन होना यह एक आम समस्या है। इस तकलीफ में पेशाब कम मात्रा में, रुक रुक के, थोड़ा-थोड़ा आता है और साथ में जलन होती है। आयुर्वेद में इस परेशानी को मूत्रकृच्छ कहा जाता है। पेशाब में जलन होने की समस्या स्त्री व पुरुष दोनों में भी हो सकती है। लगभग 100 में से 80 प्रतिशत लोग कभी न कभी इस बीमारी से परेशान हुए होते है। किसी किसी व्यक्ति में यह समस्या कुछ समय तक रहती है तो किसी में अधिक समय या कुछ महीने तक भी रह सकती है।
बच्चों में पेशाब में जलन होने के कारण /Causes of Burning Sensation in Urine in Hindi
पेशाब में जलन होने के कारण और इसके पेशाब में जलन का इलाज में उपयोगी कुछ घरेलु उपचारों के बारे में जानकारी निचे दी गयी हैं जैसे -
- मूत्रपथ संक्रमण /Urine Infection
- गुर्दे की पथरी/ किडनी स्टोन
- शरीर में पानी की कमी/ डिहाइड्रेशन
- पेशाब को अधिक देर रोककर रखना
- मूत्रमार्ग संकीर्णता/ Urinary Stricture
- बढ़ी हुई प्रोस्टेट /Prostatomegaly
- लिवर समस्या
- अल्सर
- मधुमेह/ Diabetes
- शुक्राणु या वीर्यकोष में संक्रमण
- यौन संचारित रोग
- तेज मिर्च मसालों का अतिसेवन
- दूषित पानी पीना
- चाय, कॉफी, अम्ल पदार्थ,शराब का अतिसेवन
- लंबी बीमारी की वजह से
क्या हैं पेशाब में जलन के लक्षण?/ Signs of Burning Sensation in Child's Urine in Hindi
बच्चों के पेशाब में जलन के लक्षण नीचे दिए गए हैं, ध्यान पूर्वक पढ़ें -
- पेशाब करते वक्त दर्द और जलन होना
- पेशाब करने के लिए जोर लगाने की जरुरत पड़ना
- पेशाब रुक-रुक के थोड़ी आना
- पेशाब में पीलापन
- पेशाब में बदबु
- पेट मे दर्द
- बुखार
- जी मचलाना आदि
पेशाब में जलन होने के उपचार और घरेलु आयुर्वेदिक उपाय/ Treatment Remedies for Burning Sensation in Urine in Hindi
आमतौर पर यह बीमारी एंटीबायोटिक्स दवाई लेने से ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ ऐसे घरेलू उपाय भी है जिन्हें अपनाकर आप इस बीमारी से आसानी से राहत पा सकते हैं और इनका नुकसान भी नहीं होता है। आइये, जानते है इन उपायों के बारें मे :
- पानी / Consume More Water : अगर आपको यूरिन इन्फेक्शन हुआ है और पेशाब में जलन हो रही है तो सर्वप्रथम अपने शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाएं। अधिक से अधिक मात्रा में पानी, जूस या सूप पिए ताकि मुत्र का प्रवाह बढ़ता रहे, जिससे इंफेक्शन बढ़ने का खतरा कम होगा। दिन में कम से कम 3 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए। अगर गर्मी का मौसम है या कोई परिश्रम / खेल के कारण अधिक पसीना आने से शरीर में पानी की कमी हो चुकी है तो अधिक पानी की आवश्यकता होती हैं। यह समझ ले के आपने इतना पानी पीना चाहिए की आपकी पेशाब का रंग हमेशा सफ़ेद होना चाहिए। पेशाब का रंग पीला या लाल होने का मतलब आप पानी कम पि रहे हैं।
- नारियल पानी / Apply Coconut Water : अगर पेशाब का रंग पीला है तो समझिए कि आप पानी कम पी रहे हो। ढेर सारा पानी पीने से बेक्टेरिया नष्ट होंगे। आप चाहे तो नारियल का पानी भी पी सकते हैं। इससे पानी की जरूरत तो पूरी होगी साथ में शरीर को कई सारे मिनरल्स भी प्राप्त होगें। नारियल पानी में गुड़ और धनिया मिलाकर भी आप पी सकते हैं। इससे पेट की गर्मी कम होती है।
- विटामिन सी / Vitamin C : विटामिन सी युक्त सिट्रस फलों का या फलों के रसों का सेवन करें जैसे अनानास, नींबू, मोसंबी, संतरा आदि। इन फलों में साइट्रिक एसिड होता है जिससे मूत्र संक्रमण पैदा करनेवाले बैक्टीरिया नष्ट होते है। निम्बूपानी या शिकंजी पीने से भी जलन कम होती है।
- धनिया पाउडर : एक गिलास पानी में एक चम्मच धनिया पाउडर डालकर रात भर रखे और सुबह उसे छानकर उसमें शक्कर या गुड मिलाकर पी लीजिए।
- तरबूज / Watermelon : तरबूज खाने से भी पेशाब की जलन कम होती है।
- अनार / Pomegranate : अनार का रस भी पेशाब की जलन कम करने में मदद करता है।
- ककड़ी / Cucumber : शीतल और पाचक ककड़ी खाने से पेशाब खुलकर लगती है। ककड़ी में क्षारीय तत्व पाए जाते हैं जो मूत्रवहः संस्थान का कार्य सुचारू ढंग से चलने में मदद करते हैं। ककड़ी खाने से पेशाब में जलन की समस्या में आराम मिलता है।
- करोंदे / Cranberry : माना जाता है कि करोंदे ( क्रेनबेरी ) का रस भी मूत्र मार्ग में होने वाले संक्रमण और जीवाणुओं को घटाता है और इस समस्या से राहत देता है।
- बादाम / Almond : बादाम की 5 गिरी और 6 - 7 इलायची को मिश्री के साथ बारीक पीसकर रख लें और एक गिलास पानी में घोलकर इसे पी जाए इससे भी आप को राहत मिलेगी।
- चावल का पानी / मांड : आधा गिलास चावल के मांड में थोड़ी मिश्री मिलाकर पीने से भी पेशाब की जलन दूर होती है।
- बेकिंग पाउडर / Baking powder : यूरिन करते वक्त दर्द हो और बार बार यूरिन के लिए जाना पड़े तो एक ग्लास पानी में एक चम्मच बेकिंग पाउडर मिलाकर पीने से यूरिन में मौजूद एसिडिटी कम होगी और इस समस्या का समाधान होगा।
- खजूर : अगर बुढे व्यक्ति में बार-बार पेशाब जाने की समस्या हो तो उन्हें नित्य छुआरा( खजूर ) खिलाएं। रात में छुआरा खिलाकर उसके ऊपर दूध पिलाकर सुलायें।
- गेहू का पानी : रात को सोने के पहले एक मुट्ठी गेहूं पानी में भिगोकर रखें। सुबह इसी पानी में गेहूं को पीस लें और छानकर इसमें मिश्री मिलाकर पी जाएं। हफ्ते भर तक यह प्रयोग करने से पेशाब में दर्द व जलन में राहत मिलेगी।
- स्वच्छता / Hygiene : साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें। गुप्तांगों को दिन में करीब 3 बार धोएं, जिससे इंफेक्शन का खतरा ना हो। संभोग करते वक्त प्रोटेक्शन बरतें क्योंकि योनि में सूखापन आने की वजह से भी पेशाब में जलन होने लगती है। अगर आप लुब्रिकेंट जेल इस्तेमाल करते हो तो कोशिश करें कि वह वॉटर बेस हो और केमिकलयुक्त ना हो।
- गर्म पानी का सेक / Tub Bath : जिन लोगो को बार-बार पेशाब में इन्फेक्शन के कारण पेशाब में जलन की समस्या होती है उन्होंने रोज सुबह नहाते समय 10 से 15 मिनिट तक टब में नाभि से निचे तक पानी रहे इतना गर्म पानी डालकर उसमे बैठना चाहिए। पानी आपको सहन हो उतना ही गर्म रखे। इससे बार-बार पेशाब में इन्फेक्शन नहीं होता हैं।
क्या हो सकते हैं पेशाब में जलन से राहत पाने के ?/ Burning Sensation Treatment Advice in Hindi
इन उपायों को हलके में ना लें, जरूर इस्तेमाल करें...
- जौ का पानी, गन्ने का रस और छाछ पीने से भी जलन में आराम मिलता है।
- आंवले का चूर्ण और इलायची बराबर मात्रा में पानी में मिलाकर पीने से भी पेशाब की जलन में राहत मिलती है।
- कुछ दिनों तक दिन में गरम पानी पिए, इससे पेशाब करते वक्त होने वाले दर्द से आराम मिलेगा।
- पानी में थोड़ी फिटकरी डालकर दिन में तीन बार पीने से भी दर्द में राहत मिलेगी।
- मकई के दाने उबाल लें इन्हें छानकर इसमें मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन कम होने लगेगी।
- हरा धनिया अच्छे से धो कर पानी में उबालें और ठंडा होने के बाद इसे मसल कर छान लें। इस पानी का सेवन दिन में दो से तीन बार करें।
- हर रोज सेब खाने से रात में बार बार पेशाब जाना कम होता है।
- करीब 50 ग्राम भुने हुए चने खाकर ऊपर थोड़ा गुड़ खिलाएं। इससे बहुमूत्रता की समस्या कम होगी। वृद्धों के लिए यह प्रयोग अधिक दिन तक करना होगा।
- कलमी शोरा पानी में पीसकर नाभि पर लेप करने से भी पेशाब की जलन कम होती है।
- पेट पर गिला ठंडा कपड़ा लपेटने से भी पेशाब में जलन कम होती है।
- अधिक मिर्च मसाला फास्ट फूड आदि के अधिक सेवन से बचना चाहिए।
- अपने रोजमर्रा की दिनचर्या में भरपूर मात्रा में पानी पिए। एक स्वस्थ व्यक्ति को करीब 10 से 12 क्लास पानी दिन भर में पीना चाहिए।
क्यों महिलाओं को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए?/ Why Women Should Be Extra Careful in Hindi
महिलाओं और किशोरियों को खासकर गर्मी और बरसात के मौसम में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- पेशाब आने पर उसे तुरंत कर लें। अधिक देर रोक कर ना रखें अगर अधिक देर पेशाब रोक कर रखते हैं तो पेशाब में मौजूद बैक्टीरिया ऊपर की तरफ बढ़ कर मूत्र मार्ग एवम मूत्राशय को संक्रमित कर देते हैं।
- सम्भोग के बाद पेशाब जरूर जाएं।
- सूती अंडरवियर पहने। कृत्रिम या पॉलीस्टर की पैंटी पहनने से वे नमी को रोक लेते है जिससे बैक्टीरिया को पनपने को मौका मिलता है।
- मलत्याग के बाद गुदद्वार से मूत्रमार्ग में जीवाणुओं का संक्रमण रोकने के लिए गुदद्वार की सफाई आगे से पीछे की ओर करे।
इस तरह इन आसान उपायों को आजमाकर हम पेशाब की जलन और दर्द जैसे तकलीफ से निजात पा सकते हैं। अगर 2 से 3 दिन में आपको आराम ना मिले तो तुरंत डॉक्टर की सलाह से उचित दवाइयां लेकर अपने तकलीफ का निवारण करें। पेशाब में इन्फेक्शन होने पर तुरंत उपचार कराना चाहिए। अगर पेशाब का इन्फेक्शन किडनी तक पहुंच जाता है तो किडनी फेलियर होने का खतरा रहता हैं।
बच्चों में यूरिन इनफेक्शन की समस्या क्या है?
बच्चों में यूटीआई (Urinary tract infections) जिसे मूत्र मार्ग संक्रमण के नाम से भी जाना जाता है। मूलरूप से यह बैक्टीरिया (रोगाणु) के कारण होता है, जो पेशाब मार्ग के किसी हिस्से को प्रभावित कर देता है।
- इन बैक्टीरिया की वजहों से किडनी य मूत्राशय में संक्रमण होने का खतरा बन सकता है। दरअसल ये बैक्टीरिया गुप्तांगों के आसपास हो सकते हैं और फिर उनका विस्तार होते होते ये मूत्रमार्ग तक फैल जाते हैं।
- कई बार शिशु के जन्म के समय में यूटीआई की समस्या के चलते पेशाब गलत दिशा यानि मूत्रवाहिनी या फिर गुर्दे में वापस फ्लो होने लगती है।
- बच्चों को टाईट फिटिंग यानि चुस्त कपड़े पहनाने से भी ये समस्या हो सकती है।
- कई बार जन्मदोष के चलते भी मूत्र पथ के आकार में बदलाव हो सकता है।
- बाथरूम जाने के बाद जब बच्चों के पीछे से आगे तक साफ किया जाता है तो भी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
बच्चों में यूरिन इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं?
बच्चो में यूरिन इनफेक्शन है या नहीं इसके लिए आपको कुछ खास लक्षणों को नोटिस करना होगा।
- बुखार होना
- मतली और उल्टी आना
- भूख का अनुभन नहीं होना
- पेशाब करने के दौरान खून का निकलना
- बच्चे को अगर बार-बार पेशाब आ रहा है
- पेशाब करने के दौरान अगर दर्द या जलन महसूस हो रहा हो
- पीठ के निचले भाग में दबाव या दर्द का अनुभव होना।
- बिस्तर गीला करना
कई बार इन्फेक्शन के चलते गुर्दे तक भी यह फैल सकता है। तो ऐसी परिस्थितियों में इस तरह के लक्षणों को नजरंदाज ना करें।
- अगर ठंड लगने साथ में शरीर में कंपकंपी हो रही हो तो
- बुखार
- त्वचा का गर्म हो जाना या लाल हो जाना
- मतली और उल्टी हो रही हो
- पीठ के हिस्से में दर्द हो रहा हो
- पेट में दर्द होना
यूरिन इन्फेक्शन की समस्या से पीड़ित बच्चे की देखभाल में किन बातों का ध्यान रखें?
सबसे पहले तो आप इस बात को जान लें कि बिना डॉक्टर की सलाह के आप बच्चे को किसी प्रकार की दवा ना दें। अगर आप ऊपर बताए गए लक्षणों को नोटिस कर रहे हैं तो आपको तत्काल अपने बच्चे को किसी डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल में चेकअप के लिए ले जाना चाहिए।
- यूरिन इन्फेक्शन की समस्या से पीड़ित बच्चे को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दें और बार-बार पेशाब करने के लिए कहें।
- हालांकि बच्चे को कितनी मात्रा में तरल पदार्थ की आवश्यकता है इसके बारे में भी आप डॉक्टर से सलाह अवश्य ल ें।
- अगर बच्चे के पीठ या पेट में दर्द हो रहा है तो आप पेट या पीठ पर एक हीटिंग पैड रख सकते हैं।
- अगर बच्चे को बुखार भी है तो समय समय पर थर्मामीटर से बच्चे के शरीर के टेंपरेचर को चेक करते रहें। अगर बुखार ज्यादा है तो डॉक्टर से जरूर दिखाएं।
- डॉक्टर ने दवा के प्रयोग को लेकर जो भी निर्देश दिया है उसका पालन जरूर करें।
- आपके बच्चे के पेशाब का रंग व गंध का भी ध्यान रखना होगा इसके साथ ही बच्चा कितनी बार पेशाब के लिए जा रहा है इसका भी खास ख्याल रखें।
- आप अपने बच्चे से पेशाब के समय में दर्द या जलन महसूस हो रहा है ये भी सवाल जरूर पूछें।
- हालांकि आप अपने बच्चे के आहार का पूरा ध्यान रखती ही होंगी लेकिन इस समय में आपको अपने बच्चे को क्या खिलाना चाहिए और क्या खिलाने से परहेज रखना चाहिए इसके बारे में आप अपने डॉक्टर से भी जरूर पूछ लें।
बच्चे को यूरिन इन्फेक्शन से बचाने के लिए किन उपायों को आजमाना चाहिए?
छोटे बच्चों को यूरिन इन्फेक्शन से बचाने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
- अगर आपके बच्चे छोटे हैं तो आप उनको अभी बबल बाथ नहीं कराएं ।
- जिस प्रकार हम लोग अपने अंडरगारमेंट्स का चयन करते समय में सावधानियां बरतते हैं ठीक उसी प्रकार हमें अपने बच्चे को भी अधिक चुस्त या टाइट अंडरवियर या कपड़े पहनाने से बचना चाहिए।
- ठोस आहार के साथ-साथ बच्चे को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ भी जरूर देते रहें।
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि बच्चे के गुप्तांगों की साफ-सफाई का भी खास ख्याल रखें।
- आप अपने बच्चे को टॉयलेट ट्रेनिंग देने के साथ ही उनको बाथरूम जाने के महत्व के बारे में खुलकर बताते रहें। उनको बताएं कि पेशाब जब महसूस हो तो हमें तुरंत बाथरूम चले जाना चाहिए और पेशाब या पोट्टी को रोक कर नहीं रखना चाहिए।
- बैक्टीरिया से सुरक्षा के लिए बच्चे के जननांगों को आगे से पीछे तक अच्छे से साफ करें।
मैं एक बार फिर से दोहराना चाहूंगा कि यूरिन इन्फेक्शन के लक्षणों को नोटिस करने के साथ ही तत्काल डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी है। उपचार शुरू होने के साथ ही 3-4 दिनों में सुधार को देखा जा सकता है।