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बच्चो में ना बढ़ने दें मोटापा ! इसे पढ़े

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10 months ago

बच्चो में ना बढ़ने दें मोटापा ! इसे पढ़े

मां-बाप को बच्चा हिष्ट–पुष्ट ही अच्छा लगता है। बच्चा जब कमजोर होता है तो मां-बाप अपने बच्चे के पतलेपन को लेकर अक्सर शिकायत करते दिखाई पड़ते है कि उनका बच्चा बहुत कमजोर है। ऐसे में वे गोल-मटोल बच्चे से अपने बच्चे की तुलना किए बिना नहीं रह पाते। लेकिन वे ये भूल जाते है कि गोल-मटोल बच्चा जो उन्हें इस समय प्यारा लग रहा है,दरअसल ये स्थिति बच्‍चे के शरीर पर अभी से इकट्ठी हो रही चर्बी और अत्यधिक वजन मोटापे जैसी भंयकर बीमारी की बुनियाद हो सकती है।यदि बच्चा मोटा है तो व्यस्क होने पर भी उसे मोटापा और उसके दुष्प्रभावों को झेलना पड़ सकता है। तो अब ध्यान रहें आपका बच्चा गोल-मटोल हो लेकिन मोटा न हो तो ही,वह स्वस्थ जीवन जी सकता है।

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    बच्चे में मोटापे के कारण-- बच्चे  की खाने की गलत आदतों के कारण उनमें मोटापा बढ़ने लगता है। अधिक माञा में कैलोरी युक्त खाघ पदार्थों के सेवन से मोटापा बढ़ने में खूब मदद मिलती है। स्नैक्स, जंक फूड, फास्टफूड, अधिक मीठा खाने के शौकीन, दूध कम पीने और दूध से बने मीठे उत्पादों का सेवन करने से भी मोटापे में वृद्वि होती है। कई बार बच्चों के सक्रिय न होने से भी उनमें मोटापा बढ़ने लगता है |
     

    बच्चे में मोटापे के प्रभाव-- बच्चों में मोटापा जीवन भर के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, निद्रा रोग, कैंसर, यकृत रोग, यौवन आरम्भ का जल्दी होना, लड़कियों में मासिक धर्म का जल्दी शुरू होना, त्वचा में संक्रमण, अस्थमा और श्वसन से सम्बंधित अन्य समस्याएं शामिल हो सकती हैं। मोटापे से ग्रसित बच्चे आमतौर पर भावुक होते है और कई बार अवसाद ग्रस्त रहने लगते हैं। जिससे बच्चे के आत्मविश्वास में कमी, चिंता, डिप्रेशन, अकेलापन इत्यादि पनपने का खतरा रहता है। 


    मोटापा रोकने के उपाय --


    आउटडोर गेम खेलने को कहें-- बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें। इससे उनकी शारीरिक गतिविधि बढ़ती है, इससे उनका तन-मन तो स्‍वस्‍थ रहता ही है साथ ही वे अतिरिक्‍त कैलोरी भी बर्न करते हैं। बच्चे बाहर खेलने जाने की जगह घर के अंदर ही वीडियोगेम, कंप्यूटर व टीवी पर समय बिताने की जिद करते हैं, जो उनके लिए  नुकसानदेह हो सकता है।
     

    टीवी के साथ नो स्नैक्स-- अगर बच्चा टीवी देखने की जिद करता है, तो ध्यान रहे कि इस दौरान वह स्‍नैक्‍स से दूर रहे। साथ ही बच्चों को प्रोग्राम के ब्रेक में टीवी के सामने से उठकर चहल-कदमी करने की आदत डालें। बच्चों को कम से कम एक घंटा नियमित रूप से घर से बाहर जाकर खेलना चाहिए। बच्‍चों को जिम जाकर पसीना बहाने की जरूरत नहीं, उनका खेल ही उनके लिए काफी होता है। आप चाहें तो बच्चों को बास्केट बॉल, वॉलीबॉल, बैंडमिंटन आदि खेल के लिए प्रेरित करें। इससे उनके पेट पर जमा फैट को कम किया जा सकता है।
     

     व्यायाम के फायदे बताएं-- बच्चों को उनकी सेहत के प्रति जागरुक बनाएं। आपको चाहिए कि जब सुबह घूमने जाएं तो बच्‍चों को भी अपने साथ ले जाएं। उद्यान में हल्‍की-फुल्‍की कसरत से उन्‍हें बहुत फायदा मिलेगा। इसके लिए जरूरी नहीं कि बच्चों को जिम ज्वाइन करवाया जाए। छोटे बच्चों को घर पर ही पुशअप व पुलअप करना सिखाएं। उन्हें बताएं कि इससे ना सिर्फ उनका पेट कम होगा बल्कि वो चुस्त-दुरुस्त भी रहेंगे।

    जंकफूड से दूर रखें-- बच्चों को जंक-फूड, चॉकलेट, पेस्ट्री देने की जगह हेल्दी फूड दें। जंक-फूड में मिलने वाली ट्रांस व सैचुरेटेड फैट बच्चों के पेट की चर्बी बढ़ाने का मुख्य कारण है। बच्चों को हरी सब्जियां, फल, अनाज के बनी चीजें ही दें साथ ही कोल्ड ड्रिंक की जगह फलों का जूस पीने की आदत डालें। 
     

     हेल्दी स्नैक्स-- बच्चों को स्नैक्स में कुछ हेल्दी खाने को दें जो उन्हें सेहत के साथ-साथ स्वादिष्ट भी लगे। आप चाहें तो बच्चों को ब्राउन ब्रेड सैंडविच, लो फैट चीज, वेज रोल, स्प्राउट्स, फ्रूट सलाद, फ्रूट स्मूदीज आदि दे सकती हैं।

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