1. 7 मंथ प्रेगनेंसी डाइट चार ...

7 मंथ प्रेगनेंसी डाइट चार्ट/गर्भावस्था आहार प्लान - क्या खाएं और क्या न खाएं ?

Pregnancy

Prasoon Pankaj

3.3M बार देखा गया

3 years ago

7 मंथ प्रेगनेंसी डाइट चार्ट/गर्भावस्था आहार प्लान - क्या खाएं और क्या न खाएं ?

Only For Pro

blogData?.reviewedBy?.name

Reviewed by expert panel

Dr. Pooja Mittal

प्रेग्नेंसी में यूं तो गर्भवती पर हर महीने में ध्यान देने की जरूरत होती है, लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है, ध्यान देने की जरूरत भी उतनी ही बढ़ती जाती है। इसी कड़ी में गर्भावस्था का सातवां महीना यानी तीसरा ट्राइमेस्टर (तीसरी तिमाही)  में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। दरअसल इस अवधि में आकर कई तरह की दिक्कतें आने लगती हैं। इन दिक्कतों की वजह से कुछ महिलाओं की प्रीमेच्योर डिलीवरी भी हो जाती है। अतः यह साफ है कि इस महीने में आपको पौष्टिक आहार की जरूरत है। इस ब्लॉग में हम आपको बता रहे हैं कि गर्भावस्था के सातवें महीने में आपको क्या आहार लेना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए। [इसे भी पढ़ें: कैसा होना चाहिए गर्भवती महिला का खान पान?

गर्भावस्था के सातवें महीने में क्या खाएं? / Seventh Month Pregnancy Diet Chart In Hindi

More Similar Blogs

    जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि ये बहुत जरूरी होता है कि प्रेग्नेंसी के प्रत्येक महीने में क्या खाएं और क्या नहीं। तो अब आप गौर से पढ़ें क्योंकि हम आपको बताने जा रहे हैं कि गर्भावस्था के सातवें महीने में आपके डाइट चार्ट में क्या होना जरूरी है।

    • फोलिक एसिड – फोलिक एसिड से पेट में पल रहे शिशु की रीढ़ की हड्डी और दिमाग का विकास अच्छे से होता है। इसके अलावा यह बच्चे के न्यूरल ट्यूब में दिक्कत आने के खतरे को भी कम करता है। इन फायदों से साफ है कि गर्भवती के लिए सातवें महीने में इसका सेवन कितना आवश्यक है। आप फोलिक एसिड के लिए ओटमील, पत्ता गोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां व फलों में स्ट्रॉबेरीज व संतरे का सेवन कर सकती हैं।
    • कैल्शियम युक्त आहार – प्रेग्नेंसी के किसी भी महीने में कैल्शियम युक्त आहार उपयोगी है, लेकिन सातवें महीने में इसका महत्व और बढ़ जाता है। दरअसल इस अवधि में कैल्शियम बच्चे के शरीर में जाने लगता है। उसके विकास के लिए कैल्शियम जरूरी है। विशेषज्ञों की मानें तो सातवें महीने में गर्भवती को रोजाना 1 हजार एमजी कैल्शियम लेना चाहिए। डेयरी उत्पादों जैसे दूध, दही, योगर्ट के अलावा ओटमील और सालमोन में भी कैल्शियम प्रचूर मात्रा में मौजूद होता है।
    • आयरन व प्रोटीन युक्त आहार – गर्भावस्था के सातवें महीने में आपको अपने आहार में आयरन व प्रोटीन युक्त आहार ज्यादा से ज्यादा लेने की जरूरत है। शरीर में इनकी पर्याप्त मात्रा मिलने से प्रसव के दौरान एनीमिया और हेमरेज जैसी समस्या नहीं होती है। इस अवधि में आपको रोजना 27 एमजी आयरन की आवश्यकता होती है। रेड मीट, मुर्गी बीन्स, अंडे, सीड्स, चावल व सेम से आपको प्रचूर मात्रा में आयरन व प्रोटीन मिलेगा।
    • विटामिन-सी युक्त आहार – आयरन को ठीक से अवशोषित करने के लिए विटामिन-सी की आवश्यकता होती है। विटामिन-सी के लिए आप खट्टे फल जैसे तरबूज, नींबू, संतरे, हरी मिर्च व ब्रोकली आदि चीजों को अपने आहार में ले सकती हैं। [इसे भी जानें: विटामिन C से जुड़े कुछ फायदे आपकी गर्भावस्था के लिए]
    • फाइबर युक्त भोजन – प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में गर्भवती को कब्ज की समस्या होने लगती है। इस स्थिति से निपटने के लिए फाइबर युक्त आहार सबसे उपयोगी है। फाइबर के लिए आप अपने आहार में फल, सब्जियां, दालें, फलिया व साबुत अनाज को शामिल करें। हालांकि ज्यादा से ज्यादा पानी व तरल पदार्थ का भी सेवन करें।
    • मैग्नीशियम युक्त आहार –  गर्भावस्था के सातवें महीने में मैग्नीशियम युक्त आहार का सेवन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। दरअसल यह कैल्शियम के पाचन में सहायक होता है। इसके अलावा सातवें महीने में होने वाली पैरों की ऐंठन भी इसके सेवन से दूर होती है। यह मांसपेशियों को आराम देने के साथ ही समय से पहले होने वाली प्रसव पीड़ा को भी रोकता है। सातवें महीने में आपको रोजाना कम से कम 350 से 400 एमजी मैग्नीशियम का सेवन करना चाहिए। बादाम, ओटब्रॉन, ब्लैक बीन्स (काले सेम), जौ, चुकंदर व कद्दू के बीज में मैग्नीशियम की प्रचूर मात्रा होती है। आप इन्हें अपने आहार में शामिल करें।
    • डीएचए युक्त आहार – यह एक फैटी एसिड है, जो पेट में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क के विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, गर्भवती को सातवें महीने में रोजाना इसकी 200 एमजी मात्रा का सेवन करना चाहिए। दूध, अंडे और जूस में भरपूर डीएचए मिलता है। 

    प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में क्या नहीं खाना चाहिए ? / Foods to Avoid During Seventh Month Of Pregnancy In Hindi

    जैसा की आप जानती हैं कि प्रत्येक सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी तरह से संतुलित आहार लेने के साथ ही कुछ अवसरों पर संयम बरतने की भी सलाह दी जाती है। आपने ऊपर ये तो जान लिया कि गर्भावस्था के सातवें महीने में क्या खाना चाहिए अब आप ये भी जान लीजिए की इस समय में आपको किन चीजों से परहेज रखने की आवश्यकता है। 

    • कैफीन, एल्कोहल और तंबाकू -  गर्भवती को किसी भी महीने में इन सबसे परहेज करना चाहिए। बात अगर सातवें महीने की करें तो यह परहेज और जरूरी हो जाता है। दरअसल कैफीन युक्त पेय पदार्थों से कब्ज की समस्या होती है। इसके अलावा एल्कोहल व तंबाकू न सिर्फ आपको बल्कि आपके शिशु को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में इन तीनों का ही सेवन आपको नहीं करना चाहिए। 
    • जंक फूड – पीज्जा, बर्गर, मोमोज, बाहर की चाट-पकौड़ियां जंक फूड में आती हैं। प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में इनका सेवन आपको व बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल इनमें पोषक तत्व नहीं होता, ऐसे में यह आपके पाचन को भी खराब कर सकतीं हैं।
    • मसालेदार व अधिक फैट वाली चीजों से बचें – इस अवस्था में आपको अधिक तेल व मसालों वाले आहार से परहेज करना चाहिए। दरअसल इस तरह के आहार लेने से आपको सीने में जलन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा आपको रात को हल्का खाना लेना चाहिए।
    • सोडियम युक्त आहार कम खाएं  – गर्भावस्था के सातवें महीने में अक्सर गर्भवती को सूजन की समस्या आने लगती है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए आपको सोडियम की मात्रा कम करनी होगी। सोडियम की मात्रा तभी कम होगी, जब आप ज्यादा नमक वाली चीजें जैसे चिप्स, डिब्बा बंद आहार, सॉस व बाजार का अचार खाना बंद कर देंगी।

    अच्छी बात ये है कि आप अपने प्रेग्नेंसी के सफर को तय करने के बेहद करीब आती जा रही हैं। तो बस इसलिए हमारी सलाह है कि आप किसी तरह का तनाव ना लें और एक-एक पल का भरपूर आनंद लें। मातृत्व के इस नए सफर को सफलतापूर्वक तय करने के लिए हमारी तरफ से आपको हार्दिक शुभकामनाएं।

    Be the first to support

    Be the first to share

    support-icon
    Support
    bookmark-icon
    Bookmark
    share-icon
    Share

    Comment (0)

    Related Blogs & Vlogs

    5 Lifestyle Choices That Affects Feotal Growth

    5 Lifestyle Choices That Affects Feotal Growth


    Pregnancy
    |
    5.6M बार देखा गया
    Being a Mother - A medical Miracle

    Being a Mother - A medical Miracle


    Pregnancy
    |
    394.0K बार देखा गया
    Choosing your Birthing Experience: Normal or Cesarean or VBAC

    Choosing your Birthing Experience: Normal or Cesarean or VBAC


    Pregnancy
    |
    3.3M बार देखा गया
    How does one go for adoption

    How does one go for adoption


    Pregnancy
    |
    435.0K बार देखा गया