CBSE, ICSE और अन्य बोर्ड ...
CBSE, ICSE और तमाम राज्यों के बोर्ड के 10वीं और 12वीं की परीक्षा ऑनलाइन होंगे या ऑफलाइन इसको लेकर सस्पेंस खत्म हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने 10वीं और 12वीं बोर्ड की ऑफलाइन परीक्षा के खिलाफ याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है। बाल अधिकार कार्यकर्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय की तरफ से दाखिल किए गए याचिका में दलील देते हुए कहा था कि चूंकि कोरोनाकाल में बच्चों ने ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई किया है इसलिए वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ऑफलाइन परीक्षा लेना वाजिब नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि संस्थाएं अपना काम कर रही हैं और इस तरह की याचिका भ्रम पैदा कर सकते हैं।
बाल अधिकार कार्यकर्ता अनुभा श्रीवास्तव सहाय ने सुप्रीम कोर्ट में 10वीं व 12वीं बोर्ड की फिजिकल परीक्षा के खिलाफ याचिका दायर किया था।
याचिकाकर्ता की दलील ये थी कि पूरे कोरोनाकाल के दौरान बच्चों ने ऑनलाइन तरीके से पढ़ाई की है और कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है इसलिए बच्चों के मूल्यांकन के लिए कुछ और तरीका निकाला जाना चाहिए था
याचिकाकर्ता का ये भी कहना था कि बच्चों की मानसिक स्थिति को देखते हुए बिना किसी उचित तैयारी के परीक्षा में शामिल होने के लिए कहने से अनावश्यक तनाव बढ़ सकता है। याचिकाकर्ता की दलील ये थी कि ये बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि संस्थाएं अपना काम कर रहे हैं और उन्हें मौजूदा परिस्थितियों के बारे में अच्छे से पता है। वे वही फैसला लेंगे जो उचित होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिका से परीक्षार्थियों के बीच में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकते हैं।
दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में भी अब स्कूलों को खोल दिए गए हैं। शिक्षा निदेशालय की तरफ से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक CBSE 10वीं और 12वीं के बोर्ड की परीक्षाएं अप्रैल महीने के अंत में करवाए जा सकते हैं। इस परीक्षा को लेकर तमाम स्कूलों में तैयारियां शुरु हो गए हैं।
जैसा कि आप जानते हैं कि कोरोनाकाल में लंबे समय तक बच्चों के ऑनलाइन क्लास चले अब एक बार फइर से ऑफलाइन मोड में छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल क्लास और हैंड्स ऑन लर्निंग पर फोकस किया जाए।
बोर्ड परीक्षा की तैयारी के मद्देनजर शिक्षकों को प्रत्येक बच्चे को व्यक्तिगत तौर पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया है ताकि बच्चे बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
स्कूल के शिक्षकों के साथ बच्चों के सीखने की क्षमता को लेकर रिव्यू मीटिंग करने का निर्देश दिया गया है ताकि जो बच्चे पढाई में कमजोर हैं उन पर खास ध्यान दिया जा सके।
ऑफलाइन मोड में बच्चों के सीखने की आवश्यकताओं को देखते हुए अतिरिक्त शिक्षकों को भी बुलाने की बात कही गई है। प्रत्येक छात्र को सैंपल पेपर मुहैया कराया जाएगा।
लंबे समय से बंद रहे स्कूलों के चलते बच्चों को हुए पढ़ाई में नुकसान की भरपाई के लिए रेमेडियल क्लास करवाने का भी आदेश दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के बाद यूपी बोर्ड परीक्षा 2022 आयोजित किए जाएंगे। यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने के लिए 52 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।
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