गर्भवती महिला कैसे बढ़ायें ...
किसी ने कहा है कि ‘जैसा आप खाते हैं वैसे ही बन जाते हैं। ’गर्भवती होने पर यह कहावत आप पर बिल्कुल ठीक बैठती है इसलिये अपनी और अपने शिशु की सेहत को दुरुस्त रखने के लिये जरूरी है कि अपने रहन-सहन और आहार को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाये। गर्भावस्था के दौरान आपको अपने शरीर का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि इस दौरान जरा सी चूक हुई नहीं कि कई तरह की बीमारियां आपको अपना शिकार बना सकती है। इसलिए मेरा मानना है कि गर्भावस्था में बीमार होने से अच्छा है शरीर की बीमारी से लड़ने की ताकत को यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) को बढ़ाया जाये। आज हम आपको इस ब्लॉग में उन उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप गर्भावस्था के 9 महीनों में अपने शरीर की बीमारी से लड़ने की शक्ति को बड़ी सहजता के साथ बढ़ा सकते हैं बस आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
आप ये जान लीजिए कि हम जो उपाय आपको बताने जा रहे हैं वे बहुत ही सहज और आसान हैं लेकिन इनका पालन नियमित रूप से आपको करना होगा। ये आपके लिए और आपके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक साबित होंगे।
1. सही खाना खायें: गर्भवती होने पर खाने का लालच बढ़ जाता है। चाॅकलेट केक और तली हुई चीजें देखते ही आप बोल पड़ती हैं, ‘ओह! इस खाने से खुद को रोक पाना मुश्किल है।’ मैं कहती हूँ, थोड़ा सा समझदार बनें और जो कुछ भी आपका खाने का मन हो रहा है उसे एक सेहतमंद मोड़ दें। ताजा मौसमी फल खरीदे और उनसे चटपटा सलाद बनायें या फल और आटे का केक या कुछ ज्यादा चटखारेदार (बनाने का तरीका गूगल पर खोजें)। हर समय अपने पास सेहतमंद नाश्ता रखें- बादाम, किशमिश, अंजीर, खजूर, गाजर या अखरोट, बादाम, अखरोट जैसे फल विटामिन और मिनरल की खान होते हैं।
2. व्यायाम करें,अच्छा लगे या न लगे: इसे बिल्कुल नही छोड़ सकते। गर्भावस्था के समय आपको चुस्त-दुरूस्त रखने में व्यायाम की बड़ी भूमिका होती है। बहुत से व्यायाम खासकर गर्भवती महिलाओं के लिये ही बने हैं तो जिसे करने से आपको अच्छा लगे, उसका पता लगायें। प्रसव होने से पहले का योग न केवल आपको तंदरूस्त रखता है बल्कि आपका तनाव भी कम करता है। गर्भावस्था के दौरान काम करते रहने से आपका वज़न उपयुक्त मात्रा से ही बढ़ेगा और यह गर्भावस्था के समय डायबिटीज को रोकने में भी मदद करता है।
3. यह करना न भूलें: एक खास वजह से आपके डाक्टर ने कुछ विटामिन, फोलिक एसिड, कैल्सियम और शरीर की अन्य जरूरतों को पूरा करने वाले सप्लीमेंट लेने के लिये कहा है, तो इसे लिख कर चिपकाना पड़े या और कुछ करना पड़े पर इन्हे जिस तरह लेने के लिये कहा गया है, बिना भूले उन्हे लें। चूंकि हम ज्यादातर समय घर के अन्दर ही बिताते हैं जिससे शरीर को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाती इसलिये जरूरी है कि इसमें विटामिन-डी सप्लीमेंट शामिल हो -इसे शुरू करने से पहले अपनी डाक्टर से बात करें।
4. इनसे बचें: मौसम बदलने के साथ ही बुखार के मामलों की बाढ़ सी आ जाती है। इस समय असल खतरा होते हैं मच्छर। मेरी सलाह है कि अपनी डाक्टर से इससे बचने के लिये टीकाकरण की बात करें (जहाँ भी मुमकिन हो) जो कि गर्भावस्था के समय लगवाना सुरक्षित हो जैसे एच1एन1 स्वाइन फ्लू का टीका।
5. भरपूर आराम करें: तनाव, शरीर की बीमारी से लड़ने वाली ताकत को कम करने वाली बड़ी वजहों में से एक है। जो बात आपके दिमाग पर असर करती है वह आपके शरीर पर भी असर करती है। और अब अंतिम सलाहः सभी बुरे विचारों को एक तरफ रख दें। पैर पर पैर रख कर आरामे से बैठने से अच्छा है कि कोई किताब पढ़ें या अच्छा संगीत सुनें। अन्य तरीकों में - प्रसव से पहले की मालिश करें, अपनी दोस्त या पेड़-पौधों से बातें करें। कुछ भी करें पर तनाव न लें। विश्वास करें, जब आपको तनाव नहीं होगा तो आपके शरीर की बीमारी से लड़ने की ताकत हमेशा मजबूत बनी रहेगी।
तो बस इन 5 सुझावों का अगर आप पालन कर लेती हैं तो फिर गर्भावस्था के दौरान कोई बीमारी आपके आसपास भी नहीं फटकेगी।
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