क्या गर्भावस्था में लेमनग ...
गर्भावस्था में कुछ भी खाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें, अन्यथा गड़बड़ हो सकता है। आप गर्भावस्था में लेमन ग्रास के सेवन का सोच रही हैं। कारण इसकी पौष्टिकता से बच्चे का विकास अच्छा होगा। कहीं न कहीं इसके सेवन से अनुचित के डर परहेज कर रही हैं? इसके इतने गुण सुनने के बाद इसे लेने का सोच रही हैं? पर हां और ना का असमंजस है। ऐसे में आपकी सच्ची सहेली बनेगा यह ब्लॉग। लेमनग्रास और गर्भावस्था से जुड़े तमाम सवालों का सटीक जवाब इस ब्लॉग में दिया जाएगा।
लेमनग्रास को सिट्रोनेला के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा 2 मीटर तक बढ़ता है। यह अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया का मूल निवासी है। लेमनग्रास का प्रयोग खाना पकाने में प्रयोग किया जाता है। इसकी पत्तियों और तेल का उपयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है। बहुत से लोग ’लेमनग्रास’ को ’चाय’ के साथ जोड़ते हैं।
गर्भावस्था के दौरान लेमनग्रास का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि लेमनग्रास में पाए जाने वाले सिट्रल और मायक्रिन गर्भावस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। जब गर्भावस्था में सेवन किया जाता है, तो भ्रूण के विकास में यह बाधा उत्पन्न करता है। यहां तक कि गर्भपात भी हो सकता है। लेमनग्रास को केंद्रित रूपों जैसे लेमनग्रास टी या सप्लीमेंट्स में लेने से गर्भावस्था के दौरान गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। लेमनग्रास का सेवन कम मात्रा में किया जा सकता है, जैसे- थाई व्यंजन, जहां इसका उपयोग मसाला के रूप में किया जाता है, लेकिन इससे परहेज करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान लेमनग्रास का सेवन करने से हानिकारक प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ते हैं। इससे मिसकैरेज भी हो सकता है। लेमनग्रास का उपयोग मासिक धर्म को लाने के लिए हर्बल औषधि में किया जाता रहा है। बड़ी मात्रा में यह भ्रूण की झिल्ली को तोड़ सकता है। लेमनग्रास रक्त शर्करा के नियमन को प्रभावित करता है। यदि महिला को टाइप 2 मधुमेह या गर्भकालीन मधुमेह है और वह बहुत अधिक लेमनग्रास लेती है, तो इससे उसके रक्त शर्करा के स्तर में अचानक कमी आ सकती है। नतीजतन थकान, धुंधली दृष्टि और चक्कर भी आ सकते हैं। लेमनग्रास से गले में सूजन, रैशेज, सीने में दर्द और एलर्जी हो सकती है
यदि आप गर्भवती हैं और नियमित रूप से लेमनग्रास चाय का सेवन कर रही हैं, तो इसे अन्य प्रकार की चाय के साथ बदलना बुद्धिमानी होगी। यह बदलाव गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित हैं। इसकी जगह आप अदरक की चाय, रास्पबेरी चाय ले सकती हैं। माना जाता है कि ये बदलाव गर्भाशय के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं और गर्भावस्था और प्रसव के दौरान समय से पहले शिशु के जन्म व अन्य जटिलताओं को रोकते हैं।
लेमनग्रास की चाय की जगह आप लेमन जेस्ट की चाय ले सकती हैं। लेमनग्रास के स्वाद के लिए सबसे आसान और उपयुक्त विकल्प जेस्ट या लेमन है। दूसरा इसकी जगह नीबू के रस का भी प्रयोग किया ता सकता है।
गर्भावस्था में मालिश या अरोमाथेरेपी के लिए लेमनग्रास तेल का उपयोग करना सख्त वर्जित नहीं है, लेकिन इससे बचना सबसे अच्छा है। मालिश के लिए उपयोग किए जाने पर आवश्यक तेल त्वचा में अवशोषित होकर काम करते हैं। चूंकि आवश्यक तेलों में अणु काफी छोटे होते हैं, इसलिए डर यह है कि वे नाल को पार कर सकते हैं और बच्चे के परिसंचरण तंत्र में प्रवेश कर सकते हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इनका उपयोग करने से बचना सबसे अच्छा है। यदि आप लेमनग्रास तेल का उपयोग करना चाहते हैं, तो यह सुझाव दिया जाता है कि आप इसे पानी से पतला करें। आप एक अन्य तेल के साथ लेमनग्रास तेल की 1-2 बूंदें मिला सकते हैं। तब इसका प्रयोग मालिश के लिए कर सकते हैं। यदि आपको लेमनग्रास से एलर्जी है तो इससे बचना चाहिए। यदि आप गर्भावस्था के दौरान इसका इस्तेमाल करना चाहती हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
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