शिशु के साथ सफर को आसान ब ...
तो माता-पिता बनने के बाद आप पहली बार सफर करने की योजना बना रहे हैं और आपको इस बात की चिंता भी सता रही है कि शिशु को लेकर सफर करना कैसा होगा। आसानी से समझा जा सकता है कि पहली बार शिशु के साथ छुट्टियों में सफर करना कैसा मुश्किल हो सकता है। आपके शिशु को कार या हवाई सफर में ऊब हो सकती है, थक जाता है और चिड़चिड़ाने लगता है और उसे काबू करना पूरी तरह से मुश्किल हो जाता है। तो आप कैसे पक्का करेंगे कि हर चीज आराम से हो और आप तथा आपका शिशु छुट्टियों का मजा उठा पायें? यहां कुछ तरीके हैं जिन्हें अपना कर आप बिना किसी अड़चन के अपने पूरे सफर का मजा ले सकते हैं।
पहली बात जो मैनें सीखी वो यह कि शिशु खुद तालमेल कर सकता है। हालांकि शिशु के साथ पहले कुछ सफर मुझे अपने परिवार में ही करने पड़े क्योंकि हमें दो खास शादियों में भाग लेना था। और इसकी वजह से मेरे शिशु को अपने चाचा-चाची की शादी में भाग लेने के लिये देा महीने के अंदर तीन हवाई सफर करने पड़े। लेकिन यह हमारे लिये कोई छुट्टियां मनाने जैसा नहीं था फिर भी इन यात्राओं ने हमारे अंदर यह यकीन पैदा किया और शादी के समय होटल और रिष्तेदारों के यहाँ रूकने से हमें तजुर्बा हुआ कि हम शिशु के साथ सफर कर सकते हैं।
लेकिन फिर वही बात कि ये परिवार की शादियां थीं और वहाँ मेरे आस-पास मदद करने वाले काफी लोग थे और इसलिये मेरे अंदर यह उलझन पैदा हो गयी कि क्या मैं खुद शिशु को लेकर कोई सफर कर सकती हूँ या नहीं। पहली असली छुट्टियां भी अपने माता-पिता और भाई के साथ थीं तो फिर से मेरी मदद करने वाले बहुत से हाथ थे और इस सबने मुझे यह महसूस करने में मदद की, कि हम उसे कहीं भी और किसी के भी पास ले जायें, शिशु बहुत हद तक खुद ही तालमेल कर सकता है। वह कार में ही सो लेता है और हमारी प्लेट से कुछ भी खा सकता है (अगर यह ज्यादा मसालेदार न हो)। तो इस तरह तीन शादियों और एक परिवार का सफर करने के बाद मैं सफर में शिशु की देखभाल करने में माहिर हो चुकी थी।
हमने शिशु के साथ कार में बहुत सी छोटी-बड़ी यात्रायें की। समय के साथ, सफर में उसके साथ लेकर चलने वाला सामान कम हो गया। लेकिन सफर में उसको व्यस्त रखने के लिये मुझे अभी भी बहुत सी चीजें साथ लेकर चलना पड़ता है।
मेरे ख्याल से आरामदायक सफर पूरे हो चुके हैं और हम मंजिल पर पंहुच गये हैं। लेकिन कुछ बातें हैं जो शिशु के साथ आपके सफर को और आसान बना सकती हैं...
यदि आप अपना सफर आराम और मौज-मस्ती के साथ करना चाहती हैं उन सभी चीजों को अपने साथ लेकर चलें जिनमें शिशु को मजा आता हैं। यह कुछ भी हो सकता है जैसे लिखने-पढ़ने वाली किताबें या उसका कोई पसंदीदा खेल जो वो खेलता है। जब तक वह व्यस्त रहेगा तब तक आपको आराम करने या आपकी पसंद का कोई चीज करने की छूट रहेगी।
Be the first to support
Be the first to share
Comment (0)