रोजमर्रा जीवन में अपने किशोर के साथ तालमेल कैसे बनाएं ?

हमें अक्सर अपने आसपास में कुछ इस तरह के उदाहरण सुनने को मिल जाते हैं जिसके बारे में जानकार हम अपने बच्चे को लेकर भी सशंकित हो जाते हैं। अब जैसे कि किसी बच्चे की गलत गतिविधियों में शामिल होना, उनमें शराब या नशीली दवाओं की लत होना और आत्महत्या जैसे मामले वगैरह, ऐसे में खामोशी से हम यही प्रार्थना करते हैं कि यह सब हमारे बच्चे के साथ ना हो। कई बार होता ये है कि हम अपने बच्चे को भी उस तरह की हरकतों को करते हुए देख लेते हैं जो हमारी उम्मीद और भरोसे पर खरा नहीं उतरते हैं ऐसे में हमारे बर्ताव में बदलाव आ जाता है।
उनकी पढ़ाई के बोझ से लेकर उनकी सेहत और तंदुरूस्ती, उनकी दूसरी रूचियां, उनकी यारी-दोस्ती के हालात और वे कैसा इंसान बनने जा रहे हैं, इन सब बातों में हम माता-पिता संतुलन बनाने के लिये उनकी मदद की कोशिश करते हैं, पर क्या वे हमारे किरदार को इस नजरिये से देखते हैं? कुछ मामलों में नहीं।
एक परेशान और जिद्दी किशोर जो हमारे नजरिये को अनदेखा करे पर जिसका अपना कोई नजरिया ही न हो, यह देख कर सबसे ज्यादा निराशा होती है। तो हम उन्हे कैसे इतना समझदार बनायें जिससे वो केवल हमारे लिये ही नहीं बल्कि खुद उनके लिये भी थोड़े लचीले हो सकें।
किशोर बच्चे के साथ तालमेल बनाने के आसान तरीके / How to Co-ordinate With A Teenager in Hindi
कभी-कभी बच्चों की हरकतें भी हमें परेशान कर देती हैं और हमें उन पर सख्त होना पड़ता है। उनकी शुरूआत से लेकर आखिर तक हम उन तमाम चीजों में संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं जो उनके जीवन का हिस्सा हैं पर जरूरी नहीं कि वे हमारी इस कोशिश से हमेशा सहमत हों। इसलिये उन्हें वह जानकारी देना बहुत जरूरी है जिससे उनके जीवन में सरलता आये...
- अपने संघर्ष के बारे में बात करें - उन्हें बताना चाहिये कि जीवन की राह हमेशा आसान नहीं होती, इसमें मुश्किल चढ़ाइयां भी चढ़नी होती हैं, और जो कुछ भी किशोर के पास है यह उन पर प्यार लुटाने का हमारा तरीका है, आपने खुद मेहनत करके उनके जीवन को आसान बनाने के लिये सभी सुविधायें जुटाई हैं। उनमें इस बात के लिये एहसानमंद होने का अहसास पैदा करने की कोशिश करें।
- बतायें कि आप कैसा महसूस करती हैं - तनातनी से बचने के लिये माता-पिता अपने किशोर के बात करना कम कर देते हैं लेकिन इससे उनके बीच की दूरियां ही बढ़ती हैं। यह साधारण और प्यारभरा होना चाहिये। उन्हें जानने दें कि आप उनकी बात सुनती हैं और आप भी उनसे यही चाहती हैं। उन्हें इसकी मिसाल दे कर समझायें।
- शिकायतों को तारीफ में बदलें - आमतौर पर हमारे बच्चों को यही सुनने को मिलता है कि उनके साथ क्या गलत है लेकिन एक प्यारभरी और भरोसेमंद तारीफ उनके मनोबल को बढ़ाती है। यह उन्हें उनकी ताकत का यकीन दिलाती है और उनमें सब्र पैदा करती है। तारीफ लायक एक नजर ही बहुत कारगर होती है-आखिरकार तारीफ हर कोई चाहता है।
- अपने छोटे-मोटे और उनसे न जुड़े मसले पर भी उनकी सलाह लें - अपने किशोर को यह जानने में मदद करें कि आप उस पर विश्वास करती हैं और उसकी राय चाहती हैं। इससे उनके अंदर किसी समस्या को हल करने की ताकत बढ़ती है। उन्हें बतायें कि कैसे हर मामले पर पहले सोच-विचार करना जरूरी है बजाय कोई ऐसा कदम उठाने के, जिस पर आमतौर पर हमें बाद में पछताना पड़ता है। [जरूर पढ़ें - किशोरावस्था के तनाव को कैसे करें दूर- जानिए कुछ असरदार उपाय]
- उनकी अंदरूनी ताकत से वाकिफ करायें - हम सबमें यह शक्ति है कि हम मन को परेशान करने वाली चीजों को टाल कर इसकी जगह उन बातों को रखते हैं जो हमारा ध्यान खींचने के लिय ज्यादा ठीक हैं इसलिये उन शक्तियों से किशोर को वाकिफ कराकर उसे ताकतवर बनाने की जरूरत है जो उसके पास है ... एक मजबूत और नेक इरादे भर से एक-दूसरे के जख्म भरने की हमारी खूबी जीवन में बड़ी खुशियां ला सकती है।
बच्चों के साथ गलत हरकतें होना, उनमें नशीली चीजों की लत या उनकी आत्महत्या जैसी खबरें हमें परेशान कर देती हैं। ऐसे में हम यही प्रार्थना करते हैं कि ऐसा कुछ हमारे किशोर के साथ न हो पर कभी-कभी बच्चों की हरकतें भी हमें परेशान कर देती हैं और हमें उन पर सख्त होना पड़ता है। किशोर को उसके अंर्तमन को जगाने और जज्बाती बनाने की ताकत देना ही वह सबसे बड़ा तोहफा है जो एक माता-पिता अपने किशोर को दे सकते हैं और यह जितनी जल्दी शुरू हो उतना बढ़िया। तो शुरू हो जाइये!
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