रोजमर्रा जीवन में अपने कि ...
हमें अक्सर अपने आसपास में कुछ इस तरह के उदाहरण सुनने को मिल जाते हैं जिसके बारे में जानकार हम अपने बच्चे को लेकर भी सशंकित हो जाते हैं। अब जैसे कि किसी बच्चे की गलत गतिविधियों में शामिल होना, उनमें शराब या नशीली दवाओं की लत होना और आत्महत्या जैसे मामले वगैरह, ऐसे में खामोशी से हम यही प्रार्थना करते हैं कि यह सब हमारे बच्चे के साथ ना हो। कई बार होता ये है कि हम अपने बच्चे को भी उस तरह की हरकतों को करते हुए देख लेते हैं जो हमारी उम्मीद और भरोसे पर खरा नहीं उतरते हैं ऐसे में हमारे बर्ताव में बदलाव आ जाता है।
उनकी पढ़ाई के बोझ से लेकर उनकी सेहत और तंदुरूस्ती, उनकी दूसरी रूचियां, उनकी यारी-दोस्ती के हालात और वे कैसा इंसान बनने जा रहे हैं, इन सब बातों में हम माता-पिता संतुलन बनाने के लिये उनकी मदद की कोशिश करते हैं, पर क्या वे हमारे किरदार को इस नजरिये से देखते हैं? कुछ मामलों में नहीं।
एक परेशान और जिद्दी किशोर जो हमारे नजरिये को अनदेखा करे पर जिसका अपना कोई नजरिया ही न हो, यह देख कर सबसे ज्यादा निराशा होती है। तो हम उन्हे कैसे इतना समझदार बनायें जिससे वो केवल हमारे लिये ही नहीं बल्कि खुद उनके लिये भी थोड़े लचीले हो सकें।
कभी-कभी बच्चों की हरकतें भी हमें परेशान कर देती हैं और हमें उन पर सख्त होना पड़ता है। उनकी शुरूआत से लेकर आखिर तक हम उन तमाम चीजों में संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं जो उनके जीवन का हिस्सा हैं पर जरूरी नहीं कि वे हमारी इस कोशिश से हमेशा सहमत हों। इसलिये उन्हें वह जानकारी देना बहुत जरूरी है जिससे उनके जीवन में सरलता आये...
बच्चों के साथ गलत हरकतें होना, उनमें नशीली चीजों की लत या उनकी आत्महत्या जैसी खबरें हमें परेशान कर देती हैं। ऐसे में हम यही प्रार्थना करते हैं कि ऐसा कुछ हमारे किशोर के साथ न हो पर कभी-कभी बच्चों की हरकतें भी हमें परेशान कर देती हैं और हमें उन पर सख्त होना पड़ता है। किशोर को उसके अंर्तमन को जगाने और जज्बाती बनाने की ताकत देना ही वह सबसे बड़ा तोहफा है जो एक माता-पिता अपने किशोर को दे सकते हैं और यह जितनी जल्दी शुरू हो उतना बढ़िया। तो शुरू हो जाइये!
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