आप हैं अपने बच्चे के प्रथ ...
छोटे बच्चे, जो की अभी 3-7 साल के बीच के है, उन्हें पढाना आपके लिए थोडा मुश्किल हो सकता है। जबकि बड़े बच्चो को पढाना इतना मुश्किल नहीं होता, क्योकि उन्हें आसानी से समझ में आने लगता है। लेकिन आप पेरेंट्स है आपको थोडा धैर्य रखना होगा आप अपने बच्चे को समझने की कोशिश कीजिये। आप है अपने बच्चे के प्रथम गुरु, आपको ही अपने बच्चे में पढाई के लिए इंटरेस्ट जगाना है और ये आप आसानी से कर सकती है बस आपको अपने बच्चे को पढ़ाने का थोडा से तरीका बदलना होगा। इसी उम्र में ही पेरेंट्स अपने धेर्य से, सकारात्मक माहौल से बच्चे में पढाई की अच्छी नीव रखते है और इसी नींव पर बच्चे की पूरी लाइफ टिकी होती है। आपको अपने बच्चे पर चिल्लाना नही है अगर आप बच्चे पर पढाई को लेकर चिल्लायेंगी तो बच्चे का उत्साह कम हो जायेगा ऐसा करने से आप पढाई का लोड खुद ही नहीं ले रही बल्कि ये प्रेसर बच्चे को भी दे रही है जिससे आगे चलकर बच्चा पढाई को बोझ समझने लगेगा। आपको बच्चे को फील करना है की पढने में बहुत मजा आता है। पढने के बहुत से फायदे है। अगर आपने बच्चे में पढाई को लेकर इंटरेस्ट जगा दिया तो यकीन मानिये बच्चे को पढाना बहुत ही इंटरेस्टिंग काम हो जायेगा। तो आईये जानते है छोटे बच्चो को पढ़ाने के कुछ ऐसे तरीको के बारें में जिन्हें अपनाकर आप भी अपने बच्चे में पढाई के लिए इंटरेस्ट जगा सकती है।
बच्चे के प्रथम गुरु उसके पेरेंट्स होते है। अगर आप थोडा स्मार्टली अपने बच्चे को पढाये और बच्चे के पढ़ने के तरीके में थोडा चेन्ज लाये तो बच्चे में पढाई को लेकर इंटरेस्ट बढेगा और बच्चा ख़ुशी-ख़ुशी से पढ़ेगा और अगर एक बार बच्चे को समझ में आना शुरू हो जायेगा तो बच्चे को पूरी लाइफ कोई प्रॉब्लम नहीं होगी।
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