क्या है डॉक्टरों के मुताब ...
सुबह उठने के बाद आपकी सबसे पहली प्राथमिकता क्या होती है। आप कहेंगी की अपने बच्चे को स्कूल के लिए तैयार करना। स्कूल बैग्स से लेकर लंच बॉक्स तक संभालना और फिर उसके बाद स्कूल बस में ड्रॉप करना लेकिन क्या आपके बच्चे ने स्कूल जाने से पहले नाश्ता किया? कहीं ऐसा तो नहीं की अधिकांश मांओं की तरह आप भी अपने बच्चे को सुबह एक गिलास दूध पिलाकर स्कूल भेज देती हैं?
क्या आप जानती है कि बाल रोग विशेषज्ञों के मुताबिक ये बच्चे की सेहत और विकास के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इस ब्लॉग में जानिए कि क्या है बच्चे के लिए सुबह के नाश्ते का सर्वश्रेष्ठ विकल्प।
लखनऊ के केजीएमयू के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आशुतोष वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि दूध पीने के बाद बच्चा स्कूल में तीन से चार घंटे तक बैठता है और इस दौरान वो कुछ नहीं खाता है। जैसा की हम जानते हैं कि खाली पेट में दूध पीने से गैस बनता है। इस वजह से बच्चे को आगे चलकर कब्ज जैसी पेट से संबंधित अन्य बीमारियों के होने का भी खतरा हो जाता है। डॉ आशुतोष वर्मा का ये भी कहना है कि सुबह के समय में बच्चे को केला खिलाकर भी स्कूल नहीं भेजना चाहिए। इससे भी बच्चे का पेट खराब या दस्त होने की संभावना बन जाती है।
इसके बाद उन्होंने कहा कि स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए सुबह के नाश्ते में सर्वश्रेष्ठ विकल्प दलिया हो सकता है। दलिया बच्चों के लिए सबसे अच्छा नाश्ता है क्योंकि इसमें अनाज के साथ दूध-चीनी भी मिल जाती है। इस कार्यक्रम में बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण समस्याओं को लेकर डॉक्टरों ने पैरेंट्स को जानकारी दी।
बच्चों में दिल की बीमारी के क्या लक्षण और उपाय होते हैं? बच्चा अगर बैटरी का सेल निगल जाए तो क्या करना चाहिए? इस तरह के कई सवालों का जवाब दे रहे हैं विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम।
लखनऊ के पीजीआई में पीडियाट्रिक गेस्ट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ एसके याचा ने कहा कि इससे बचने के लिए बच्चों के आस-पास छोटी चीजें ना रखें।
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बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अनूप वाजपेयी ने बच्चों में दिल की बीमारी से संबंधित लक्षणों और उपायों के बारे में पैरेंट्स को विस्तार से समझाया।
वहीं दूसरी तरफ डफरिन अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सलमान खान ने बताया कि बच्चों को एंटीबायोटिक दवा देने से बचना चाहिए। जहां तक संभव हो सके बच्चों का सामान्य दवाओं से इलाज करें। क्योंकि एंटीबायोटिक तत्कालिक तो फायदा पहुंचाती है लेकिन आगे चलकर उसके नुकसान हैं। बिना डॉक्टर से सलाह लिए कोई भी दवा का प्रयोग ना करें।
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