सॉइल एलर्जी (Soil Allergy) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों की दिनचर्या में और जीवनशैली में जितना बदलाव आया है, लोग उतनी ही कई छोटी बड़ी बीमारियों से परेशान हो रहें हैं। एक तो लोगों का खान-पान, दूसरा बाहरी धूल मिट्टी, धुएं से प्रदूषित जहरीला वातावरण, जो हमारे जीवन की सभी गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है। इससे शरीर में बीमारियों ने अपनी एक खास जगह बना ही ली है। साथ ही बदलते मौसम में एलर्जी का खतरा होना आम बात है। जो इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है। जब किसी इंसान का कमजोर ‘इम्यून सिस्टम’ यानी रोग प्रतिरोधक तंत्र वातावरण में मौजूद नुकसान देने वालें पदार्थों के संपर्क में आता है, तो एलर्जी जैसी समस्यां का कारण बनता है। यह समस्यां शहरी वातावरण के लोगों में ज्यादातर ही पाई जाती है।
सॉइल एलर्जी (Soil Allergy) के प्रमुख लक्षण हैं/ The main symptoms of Soil Allergy In Hindi
- आंखें लाल होना, उनमें खुजली होना और पानी बहना।
- लगातार सर्दी बनी रहना और नाक बहना।
- नाक बंद होने के कारण सांस लेने में समस्यां होना।
- लगातार छींकते रहना।
कैसे बचाएं अपने बच्चो को साइल एलर्जी से?/ How to save your children from allergic reactions in Hindi
Soil एलर्जी से बचाव के लिए आप अपने बगीचे या आंगन को साफ सुधरा रखें। इसके अलावा लॉन की घास को ज्यादा न बढ़ने दें। बगीचे में लगे रंगीन फूल सबसे अच्छे होते हैं क्योंकि वे ऐसे पराग कण पैदा करते हैं, जिनसे एलर्जी नहीं होती।
अगर आप पूरे साल एलर्जी से पीड़ित रहते हैं, तो इसका कारण धूल मिट्टी और आपके घर या ऑफिस का प्रदूषित वातावरण हो सकता है। जिनमे सफाई ना होने से डस्ट की परत जम जाती है। जो आपकी एलर्जी का कारण बनती है। एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए सबसे बढ़िया तरीका है कि आप अपने घर और ऑफिस को साफ-सुथरा रखें।
एलर्जी से छुटकारा पाने के लिए आप नीबू के रस में एक चम्मच शहद को मिलाकर एक गिलास गुनगुने पानी में मिला दें। इसे आप रोजाना सुबह कई महीनों तक पिएं। इससे आपका इम्यून सिस्टम इतना मजबूत हो जाएगा कि शायद ही एलर्जी हो।
पानी की भाप, किसी भी तरह की एलर्जी के इलाज के बेहतरीन तरीकों में से एक है।
नीम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें और उस पेस्ट की छोटी-छोटी गोलियां बना लें, इसे शहद में डुबोकर रोज सुबह खाली पेट इसे निगल लें। अगले एक घंटे तक कुछ न खाएं, ताकि नीम का आपके शरीर पर असर हो सके। यह तरीका हर तरह की एलर्जी में फायदा पहुंचाता है।
एलर्जी जैसे रोगों से बचने में रोगी के खान पान और रहन सहन का बहुत अधिक महत्व होता है। अपने खान पान और रहन सहन को ठीक रखते हुए आप हमारे द्वारा बताए गए उपायो को जरूर अपनाएं। जो आपको एलर्जी से लड़ने में मदद करेंगे। एलर्जी से छुटकारा पाने के लिए कई अंग्रेजी दवाएं तो मौजूद है ही, लेकिन यह बीमारी को जड़ से ख़त्म नहीं करती है। वहीं घरेलू उपायों को अपनाकर एलर्जी से बचा जा सकता है।
जब हमारा शरीर किसी चीज को लेकर ओवर-रिऐक्ट करता है तो उसे ही एलर्जी कहते हैं। इसमें शरीर में खुजली होने लग जाती है या फिर पूरे शरीर में लाल चकत्ते निकल आते हैं या उलटियां होने लग जाती हैं। जिन लोगों को धुल से एलर्जी होती है उन्हें घर में साफ-सफाई के दौरान बहुत परेशानी होती है। इस दौरान यदि उनके नाक में धूल चली जाती है, तो उनकी सांसें तेज-तेज चलने लगती हैं और नाक और आंखों से पानी आने लगता है। नियति को हल्के धुएं में भी सांस लेने में दिक्कत होती है और खांसी होने लगती है। ये एलर्जी के लक्षण हैं यानी ये लोग किसी तरह की एलर्जी से पीड़ित हैं।
Soil एलर्जी से बचने के लिए इन उपायों को आजमा सकते हैं/ You can try these remedies to avoid allergy in Hindi
1. बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए उन्हें जरूरी चीजें भी दी जानी चाहिए। बच्चों को चारदीवारी में बंद करके नहीं रखा जाना चाहिए।
2. बच्चों को धूल-मिट्टी और धूप में खेलने दें। ये बच्चों को बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। उन्हें बारिश या दूसरे पानी से भी खेलने दें। हां, धूल-मिट्टी में खेलने के बाद उनके हाथ-पैर अच्छे से धुलवाना न भूलें।
3. अगर किसी को धूल और धुएं से एलर्जी है तो घर से बाहर निकलने से पहले नाक पर रुमाल रखना चाहिए। बचाव ही एलर्जी का इलाज है।
4. गंदगी से एलर्जी वाले लोगों को समय-समय पर चादर, तकिए के कवर और पर्दे भी बदलते रहना चाहिए। कारपेट यूज न करें या फिर उसे कम-से-कम 6 महीने में ड्राइक्लीन करवाते रहें।
5. घर को हमेशा बंद न रखें। घर को खुला और हवादार बनाए रखें ताकि साफ हवा आती रहे।
6. खिड़कियों में महीन जाली लगवाएं और जाली वाली खिड़कियों को हमेशा बंद रखें क्योंकि खुली खिड़की से कीड़े और मच्छर आपके घर में घुस सकते हैं।
इम्यूनो थेरपी और एलर्जी शॉट्स से भी एलर्जी का इलाज किया जाता है। अगर मरीज की हालत ज्यादा खराब हो, तभी इम्यूनो थेरेपी का सहारा लिया जाता है। यह सेफ तरीका है लेकिन तभी कारगर है, जब किसी ऐसी चीज से ही एलर्जी हो, जिसे नजरअंदाज न किया जा सके। इस थेरपी का असर लंबे समय तक रहता है. कई बार इसका असर 3-4 साल तक रहता है। हालांकि हर मरीज पर असर अलग-अलग हो सकता है। यह इलाज थोड़ा महंगा होता है। लेकिन यदि आप घरेलु तरीके से कारगर और सस्ता उपचार चाहते हैं तो आप आयुर्वेद का सहारा ले सकते हैं।
- आयुर्वेद के अनुसार रोज सुबह नीबू पानी पिएं।
- अगर स्किन एलर्जी है तो फिटकरी के पानी से प्रभावित हिस्से को धोएं। नारियल तेल में कपूर या जैतून तेल मिलाकर लगाएं। चंदन का लेप भी राहत देता है। इससे खुजली कम होती है और चकत्ते भी कम होते हैं।
- पंचकर्म का हिस्सा नास्य शिरोधारा भी एलर्जी में भी बहुत मदद करता है। इसमें खास तरीके से तेल नाक में डाला जाता है, लेकिन यह प्रक्रिया घर में नहीं करनी चाहिए। एक्सपर्ट की देखरेख में इसे करें।
योगा और नेचुरोपैथी एलर्जी से मुकाबला करने के लिए एक बेहतर तरीका साबित हो सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि एलर्जी से बचने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा स्वच्छता भी बहुत जरुरी है। आपको नियमित रूप से रोजाना करीब 15 मिनट अनुलोम-विलोम, कपालभाति, भस्त्रिका प्राणायाम करने से एलर्जी में फायदा होता है क्योंकि इनसे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसके अलावा धूल से होने वाली एलर्जी से बचने के लिए गुनगुने पानी में तुलसी, नीबू, काली मिर्च और शहद डालकर पीना भी फायदेमंद होता है।
कहने का तात्पर्य यह है कि यदि soil एलर्जी से बचना है तो कुछ सावधानियों का ध्यान अवश्य रखें। यदि इस प्रकार की एलर्जी के कोई लक्षण दिखाई दें तो तत्काल इसका इलाज करें। इलाज में देरी समस्या को और अधिक गंभीर बना सकती है।
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