हिप्नोथेरेपी की मदद से दू ...
मां बनना एक औरत के लिए इस दुनिया का सबसे खूबसूरत अहसास होता है। बच्चे को जन्म देकर मां बहुत ही खुश होती है, लेकिन इस खुशी के लिए मां को बहुत दर्द भी सहना पड़ता है। गर्भधारण से लेकर 9 महीने तक एक महिला अलग-अलग कई दर्दों से गुजरती है। इसके बाद प्रसव के वक्त महिला को सबसे ज्यादा तकलीफ उठानी पड़ती है। हालांकि प्रसव के दौरान दर्द से बचने के लिए हिप्नोथेरेपी काफी कारगर है। इसका इस्तेमाल एक दशक से पहले से चल रहा है। पर कई लोग इसे काला जादू व अन्य गलत चीज समझकर इसका इस्तेमाल करने से बचते हैं। इसी वजह से इस पद्धति से डिलीवरी के आंकडों में कमी आई है। यहां हम बात करेंगे आखिर कैसे हिप्नोथेरेपी की मदद से पेन फ्री डिलीवरी की जा सकती है।
हिप्नोथेरेपी या यूं कहें कि सम्मोहन एक कला है, जिसके माध्यम से किसी को अर्धचेतनावस्था में लाया जाता है। इस अवस्था को समाधि या स्वपनावस्था भी कहा जाता है। पर सम्मोहित अवस्था में मनुष्य की कुछ या सभी इंद्रियां उसके वश में रहती हैं। वह बोल सकता है, वह चल सकता है। इस थेरेपी का यूज कई तरह की बीमारियां के इलाज में किया जाता है।
सम्मोहन की अवस्था में चिंता, डर और दर्द से मानव शरीर की दूरी बन जाती है। इसके अभ्यास से इंद्रियां जाग जाती हैं और मन एकाग्रता के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाता है। इस अवस्था में हमारी इंद्रियां 200-300 प्रतिशत अधक जागरूक हो जाती है और हमें न तो दर्द का अहसास होता है और न ही किसी तरह की चिंता मन में रहती है।
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